झुंझुनू. करीब 135 वर्ष पुरानी कांग्रेस और 40 साल पहले गठित भारतीय जनता पार्टी के पास जिला मुख्यालय पर खुद का कार्यालय तक नहीं है. यहां तक कि कांग्रेस के तो 3 प्रदेश अध्यक्ष इस जिले से रहे हैं. इसके अलावा इस दौरान दोनों दलों के सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, पंचायत समिति प्रधान और सरपंच बनते रहे. पार्टी संगठन भी सक्रिय रहा, लेकिन किसी ने भी पार्टी दफ्तर निर्माण की नहीं सोची.
कई नेताओं और जनप्रतिनिधियों के पास करोड़ों की संपत्ति, मकान और फार्म हाउस समेत कारोबार है, लेकिन सब अपनी-अपनी चिंता करने में लगे हैं. पार्टी संगठन के कार्यालय की ओर किसी ने चिंतन ही नहीं किया. ऐसे में संगठन के कार्यकर्ताओं के पास कोई स्थाई जगह नहीं है, जहां पर पार्टी का कोई कार्य हो सके.
यह हालात हैं दोनों पार्टियों के...
हालात यह है कि झुंझुनू जिला मुख्यालय पर कांग्रेस की बैठक एक रेस्टोरेंट में तो भाजपा की बैठक पार्टी के ही एक पदाधिकारी के किराए के ऑफिस में हो रही है. कांग्रेस की बैठक लंबे समय तक जिला प्रमुख के सरकारी आवास पर होती रही. लेकिन सरकारी आवास बंद होने के बाद अब बैठक का कोई स्थाई ठिकाना नहीं रहा है. यहां तक कि लंबे समय से कांग्रेस की जिला बैठक ही नहीं हुई है.
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भाजपा की बैठक पहले 2 नंबर रोड पर फिर मान नगर में होती रही, लेकिन अब मान नगर में ही दूसरे स्थान पर किराए के भवन में बैठक हो रही है. जबकि दोनों पार्टियों को झुंझुनू ने 4 प्रदेशाध्यक्ष दिए हैं. 3 प्रदेशाध्यक्ष कांग्रेस को दिए हैं और एक प्रदेशाध्यक्ष भाजपा को दिया है.
झुंझुनू ने कांग्रेस को दिए 3 प्रदेशाध्यक्ष
झुंझुनू ऐसा जिला है, जिसने कांग्रेस को 3 प्रदेशाध्यक्ष दिए है. सबसे पहले सरदार हरलाल सिंह कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे. इसके बाद वर्तमान मंडावा विधायक रीटा चौधरी के पिता रामनारायण चौधरी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे. डॉ. चंद्रभान भी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा झुंझुनू जिला मुख्यालय के स्थानीय निकाय नगर परिषद में लंबे समय तक कांग्रेस का बोर्ड रहा है, उसके बावजूद भी किसी ने ना तो जमीन आवंटन का प्रयास किया और ना ही कहीं और से जमीन लेकर पार्टी का दफ्तर बनाने की सोची.
अब भी नगर परिषद पर कांग्रेस का ही कब्जा है. वहीं, पदाधिकारी जल्दी ही कांग्रेस के दफ्तर बनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर कुछ दिखाई नहीं दे रहा है. आज भी झुंझुनू की 7 विधानसभाओं में से 6 विधानसभाओं पर कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन सभी अपने-अपने कार्य सिद्ध करने में लगे हुए हैं.
भाजपा को दिया एक प्रदेशाध्यक्ष
सतीश पूनिया से पहले भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी थे. सैनी का जन्म तो सीकर जिले में हुआ, लेकिन उनका कार्यस्थल झुंझुनू जिला रहा. उन्होंने लंबे समय तक भारतीय मजदूर संघ के लिए खेतड़ी नगर में कार्य किया, उदयपुरवाटी से विधायक रहे, झुंझुनू से भाजपा के टिकट पर सांसद का चुनाव भी लड़ा जब उनका निधन हुआ तब राज्यसभा के सदस्य रहे.
भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि प्रदेश मुख्यालय से सभी जिलों में पार्टी के दफ्तर बनने हैं और ऐसे में अब जगह फाइनल कर ली गई है. उनका कहना है कि जल्दी ही इसके भुगतान के लिए पैसा आ जाएगा. भाजपा के पदाधिकारी पार्टी का दफ्तर बनाने का दावा कर रहे हैं.