झुंझुनू. नगर परिषद ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लाल पहाड़ी आवासीय योजना में खाली भूखंडों पर अतिक्रमण करने वालों को बेदखल कर दिया. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में करीब दस घंटे तक चली कार्रवाई के दौरान सात भूखंडों से अस्थाई अतिक्रमण हटाए गए. 2006 में स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण हटाने के बाद नगर परिषद की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई थी.
परिषद ने किसी तरह के विरोध से निपटने की भी पूरी तैयारी थी, लेकिन खास विरोध नहीं हुआ. इस योजना में रखे गए खाली प्लॉट पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा था. नगर परिषद ने उन लोगों को कई बार अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे. इस योजना में 4 आवासीय भूखंडों की नीलामी होनी है. इसे देखते हुए नगर परिषद ने अतिक्रमण हटाए. सुबह करीब 6:30 बजे नगर परिषद आयुक्त अनिता खीचड़ परिषद के अतिक्रमण रोधी दस्ते के साथ लाल पहाड़ी आवासीय योजना में पहुंची.
इसके बाद पुलिस उप अधीक्षक के नेतृत्व में सदर और कोतवाली थाने का जहां भारी जाब्ता मौके पर पहुंचा. पुलिस जाब्ता आने के बाद परिषद के दस्ते और जेसीबी मशीनों ने खाली प्लॉट में हुए अतिक्रमण हटाना शुरू किया. इस दौरान कुछ लोगों ने प्लॉट खरीदने की बात कह कर कार्रवाई रोकने की मांग की, लेकिन भारी पुलिस बल के सामने उनकी एक नहीं चली.
इस बेशकीमती जमीन पर भूमाफियाओं की सदैव नजर रही है. प्रशासन ने 15 साल पहले भी यहां से अतिक्रमण हटाया था. तत्कालीन कलेक्टर भवानी सिंह देथा, एसडीएम राकेश कुमार यादव के नेतृत्व में पुलिस जवानों की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाया गया था. यह झुंझुनूं की सबसे बड़ी कार्रवाई थी.
चूरू बाईपास पर प्राइम लोकेशन वाली इस जमीन पर नगर परिषद ने अतिक्रमण चिन्हित कर मार्किंग करना चाहा तो पहले तो लोगों ने विरोध किया. संभावित विरोध को देखते हुए लाइन से 40 जवान बुलाए गए थे. इसके अलावा कोतवाली का जाब्ता भी रहा. डीएसपी लोकेंद्र दादरवाल, कोतवाल मदनलाल कड़वासरा, सदर थानाप्रभारी गोपाल ढाका, महिला थाना पुलिस प्रभारी भंवरलाल भी मौजूद रहे. भारी पुलिस जाब्ता देखते हुए अतिक्रमी विरोध नहीं कर पाए. दोपहर कार्रवाई पूरी कर अतिक्रमण दस्ता और पुलिस जाब्ता दोनों लौट गए.