झुंझुनूं. सरकार अपने लोगों को रेवड़ियां बांटने के लिए किस तरह से अपने ही नियमों को दरकिनार कर देती है इसका एक बड़ा उदाहरण जिले में सामने आया है. बता दें कि राज्य सरकार की ओर से सीएमएचओ के लिए 20 वर्ष का सेवा अनुभव निर्धारित किया हुआ है, लेकिन अभी हाल ही में 5 वर्ष के सेवा अनुभव वाले व्यक्ति को सीएमएचओ लगा दिया.
पढ़ें - झुंझुनू: सूरजगढ़ क्षेत्र में शातिर बाइक चोर गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार झुंझुनू के सीएमएचओ छोटेलाल गुर्जर की ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी की योग्यता नहीं थी फिर भी उनको जिले का मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी बना दिया गया. राजस्थान सिविल सेवा प्राधिकरण की ओर से राज्य सरकार को आदेश दिया गया है कि 30 दिन के अंदर प्रशासनिक नियमानुसार के सक्षम आदेश तय किए जाएं. प्राधिकरण की ओर से यह आदेश पूर्व सीएमएचओ की ओर से लगाई गई याचिका पर दिए गए हैं. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सीएमएचओ डॉ सुभाष खालिया को प्रतापगढ़ डिप्टी सीएमएचओ नियुक्त किया गया था और खेतड़ी बीसीएमएचओ को झुंझुनू का सीएमएचओ नियुक्त किया गया था.
पढ़ें - 300 चिकित्साकर्मियों को किया गया इधर से उधर, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए आदेश
20 वर्ष का सेवा अनुभव है आवश्यक
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के निदेशालय की ओर से 8 अगस्त 2015 को जारी आदेशों के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के लिए 20 वर्ष का सेवा अनुभव, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी के लिए 6 वर्ष का सेवा अनुभव आवश्यक है. जबकि झुंझुनू के हाल ही में पदस्थापित किए गए सीएमएचओ छोटेलाल गुर्जर को सेवा में आए हुए 5 वर्ष ही हुए हैं, इसके खिलाफ पूर्व सीएमएचओ डॉ सुभाष खोलिया ने राजस्थान सिविल सेवा अधिकरण में स्टे के लिए गए थे. इसी आदेश में ना तो पूर्व सीएमएचओ को कोई राहत दी गई बल्कि वर्तमान सीएमएचओ की भी योग्यता नहीं होने की वजह से उनकी रवानगी तय कर दी गई है.