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स्पेशल स्टोरी: बिजनेस वुमन के नाम से पहचानी जाती हैं संतोष सैनी, राष्ट्रपति और राज्यपाल कर हैं चुके सम्मानित - झुंझुनूं समाचार

झुंझुनूं के चिड़ावा कस्बे में एक महिला दूसरी महिलाओं के लिए भी प्ररेणा बनी हुई है. पति सड़क हादसे में घायल होने के बाद खुद ने घर की कमान संभाली. जिसके बाद औद्योगिक क्षेत्र में एलोवेरा प्रोसेसिंग यूनिट लगाया. देखिए स्पेशल रिपोर्ट के जरिए चिड़ावा की संतोष सैनी का गृहणी से बिजनेस वुमन बनने तक का सफर.

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एलोवेरा प्रोसेसिंग यूनिट लगातार बिजनेस वुमन बनीं संतोष सैनी
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Published : Jan 17, 2020, 8:12 PM IST

चिड़ावा (झुंझुनूं). चिड़ावा कस्बे की संतोष सैनी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है. अब उन्हें बिजनेस वुमन के रूप जाना जाता है. इनके चिड़ावा के औद्योगिक क्षेत्र में एलोवेरा प्रोसेसिंग यूनिट है. इनमें ये खुद अकेली महिला है और 15 से 20 का पुरुष स्टाफ है.

एलोवेरा प्रोसेसिंग यूनिट लगातार बिजनेस वुमन बनीं संतोष सैनी

बता दें कि कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर से 2006-07 में संतोष सैनी ने प्रशिक्षण लिया. पहले फार्मिंग का काम किया, लेकिन इतनी सफलता नहीं मिली तो फिर एलोवेरा प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर प्रोडेक्ट बाजार में उतार दिये. आज इनके प्रोडेक्ट बाजार में जगह भी बना रहे हैं.

पढ़ें- Special: विदेश से लौटी महिला ने सरपंच बन बदल दी इस गांव की तस्वीर, पति हैं IPS

राष्ट्रपति ने दिया प्रमाण पत्र, राज्यपाल ने किया सम्मानित
संतोष देवी को राष्ट्रपति के द्वारा प्रमाण पत्र दिया जा चुका है, तो वहीं राज्यपाल इनको सम्मानित कर चुके हैं. दरअसल दिल्ली में महिला उत्थान को लेकर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ. इसमें राष्ट्रपति इन्हें प्रमाण पत्र दिया. वहीं राज्यपाल भी इनको सम्मानित कर चुके हैं.

पढ़ें- PAK में जन्मी नीता सितंबर में बनीं 'भारतीय', अब सरपंच बनकर संवारना चाहती हैं अपना गांव

जानिए बिजनेस वुमन संतोष सैनी का अगला लक्ष्य
बिजनेस वुमन के रूप में पहचान बना रही संतोष सैनी का लक्ष्य है कि वे कॉस्टमेटिक एवं खाद्य पदार्थों दोनों के क्षेत्रों में भी शुरुआत करें. इसके लिए वे प्रशिक्षण भी ले रही है. इसमें इनका लक्ष्य है कि वे महिलाओं को भी आगे लेकर आए, ताकि उन्हें भी कुछ करने का मौका मिले. खुद प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद दूसरी महिलाओं को प्रशिक्षण देने का इनका लक्ष्य है. साथ ही इनका कहना है कि किसानों को जैविक कृषि पर जोर देना चाहिए, क्योंकि अब बाजार जैविक कृषि का है.

पढ़ें- Exclusive: बिजनेस वूमेन 'अल्पना' ने कहा- हां देश में Slowdown है...

गृहणी से बिजनेस वुमन का सफर
संतोष सैनी को हमेशा से ही खाना बनाना या फिर कुछ नया सीखने की ललक रही है. इसी ललक के जरिये उन्होंने 2006-07 में आबूसर में प्रशिक्षण लिया. एलोवेरा की खेती की, लेकिन उतनी सफलता नहीं मिली तो एलोवेरा की प्रोसेसिंग यूनिट लगा ली. चुनौती ये थी कि ये काम वो एक महिला होकर कर रही है. समाज के नजरिये का भी सामना करना था और सफलता भी हासिल करनी थी. साथ ही इस यूनिट के लगाने के पीछे उनकी मजबूरी भी थी. मजबूरी ये कि उनके पति का 2007 में ही एक सड़क हादसे में घायल हो गए. परिवार की जिम्मेदारी जब संतोष देवी पर आई तो उन्होंने बिना डरे और घबराए इस चुनौती को अपना लक्ष्य बना लिया. सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए संतोष देवी ने परिवार को भी संभाला, बिजनेस को भी संभाला और अपने दोनों बेटों को अच्छी शिक्षा भी दिलाई.

पढ़ें- कोटपूतली में ग्रामीण महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर, बिजनेस करेंगी

बिजनेस वुमन संतोष सैनी का मंत्रा
बिजनेस वुमन संतोष सैनी ने कहा कि वे अन्य साथी महिलाओं को एक ही संदेश देना चाहती है कि महिलाओं को घर से बाहर निकलना चाहिए. समाज के नजरिये से डरना नहीं चाहिए, बल्कि इसी चुनौती समझना चाहिए. उनका लक्ष्य भी है कि उनकी यूनिट में सबसे अधिक महिलाएं काम करें.

चिड़ावा (झुंझुनूं). चिड़ावा कस्बे की संतोष सैनी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है. अब उन्हें बिजनेस वुमन के रूप जाना जाता है. इनके चिड़ावा के औद्योगिक क्षेत्र में एलोवेरा प्रोसेसिंग यूनिट है. इनमें ये खुद अकेली महिला है और 15 से 20 का पुरुष स्टाफ है.

एलोवेरा प्रोसेसिंग यूनिट लगातार बिजनेस वुमन बनीं संतोष सैनी

बता दें कि कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर से 2006-07 में संतोष सैनी ने प्रशिक्षण लिया. पहले फार्मिंग का काम किया, लेकिन इतनी सफलता नहीं मिली तो फिर एलोवेरा प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर प्रोडेक्ट बाजार में उतार दिये. आज इनके प्रोडेक्ट बाजार में जगह भी बना रहे हैं.

पढ़ें- Special: विदेश से लौटी महिला ने सरपंच बन बदल दी इस गांव की तस्वीर, पति हैं IPS

राष्ट्रपति ने दिया प्रमाण पत्र, राज्यपाल ने किया सम्मानित
संतोष देवी को राष्ट्रपति के द्वारा प्रमाण पत्र दिया जा चुका है, तो वहीं राज्यपाल इनको सम्मानित कर चुके हैं. दरअसल दिल्ली में महिला उत्थान को लेकर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ. इसमें राष्ट्रपति इन्हें प्रमाण पत्र दिया. वहीं राज्यपाल भी इनको सम्मानित कर चुके हैं.

पढ़ें- PAK में जन्मी नीता सितंबर में बनीं 'भारतीय', अब सरपंच बनकर संवारना चाहती हैं अपना गांव

जानिए बिजनेस वुमन संतोष सैनी का अगला लक्ष्य
बिजनेस वुमन के रूप में पहचान बना रही संतोष सैनी का लक्ष्य है कि वे कॉस्टमेटिक एवं खाद्य पदार्थों दोनों के क्षेत्रों में भी शुरुआत करें. इसके लिए वे प्रशिक्षण भी ले रही है. इसमें इनका लक्ष्य है कि वे महिलाओं को भी आगे लेकर आए, ताकि उन्हें भी कुछ करने का मौका मिले. खुद प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद दूसरी महिलाओं को प्रशिक्षण देने का इनका लक्ष्य है. साथ ही इनका कहना है कि किसानों को जैविक कृषि पर जोर देना चाहिए, क्योंकि अब बाजार जैविक कृषि का है.

पढ़ें- Exclusive: बिजनेस वूमेन 'अल्पना' ने कहा- हां देश में Slowdown है...

गृहणी से बिजनेस वुमन का सफर
संतोष सैनी को हमेशा से ही खाना बनाना या फिर कुछ नया सीखने की ललक रही है. इसी ललक के जरिये उन्होंने 2006-07 में आबूसर में प्रशिक्षण लिया. एलोवेरा की खेती की, लेकिन उतनी सफलता नहीं मिली तो एलोवेरा की प्रोसेसिंग यूनिट लगा ली. चुनौती ये थी कि ये काम वो एक महिला होकर कर रही है. समाज के नजरिये का भी सामना करना था और सफलता भी हासिल करनी थी. साथ ही इस यूनिट के लगाने के पीछे उनकी मजबूरी भी थी. मजबूरी ये कि उनके पति का 2007 में ही एक सड़क हादसे में घायल हो गए. परिवार की जिम्मेदारी जब संतोष देवी पर आई तो उन्होंने बिना डरे और घबराए इस चुनौती को अपना लक्ष्य बना लिया. सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए संतोष देवी ने परिवार को भी संभाला, बिजनेस को भी संभाला और अपने दोनों बेटों को अच्छी शिक्षा भी दिलाई.

पढ़ें- कोटपूतली में ग्रामीण महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर, बिजनेस करेंगी

बिजनेस वुमन संतोष सैनी का मंत्रा
बिजनेस वुमन संतोष सैनी ने कहा कि वे अन्य साथी महिलाओं को एक ही संदेश देना चाहती है कि महिलाओं को घर से बाहर निकलना चाहिए. समाज के नजरिये से डरना नहीं चाहिए, बल्कि इसी चुनौती समझना चाहिए. उनका लक्ष्य भी है कि उनकी यूनिट में सबसे अधिक महिलाएं काम करें.

Intro:गृहणी महिला से बिजनेस वूमन बनने का तक सफर
औद्योगिक क्षेत्र में लगाया ऐलोवेरा प्रोसेसिंग युनिट
पति हुए सड़क हादसे में घायल को खुद ने संभाली घर की कमान
चिड़ावा/झुंझुनूं।
झुंझुनूं जिले के चिड़ावा कस्बे में एक महिला दूसरी महिलाओं के लिए भी प्ररेणा बनी हुई है। पति सड़क हादसे में घायल होने के बाद खुद ने घर की कमान संभाली। आज जानेंगे गृहणी महिला का बिजनेस वूमन बनने का तक का सफर।

Body:ये है संतोष सैनी…जिन्हे अब बिजनेस वूमन के रूप में भी जाना जाता है। इनके चिड़ावा के औद्योगिक क्षेत्र में ऐलोवेरा का प्रोसेसिंग युनिट है। इनमें ये खुद एकेली महिला है और 15 से 20 का पुरूष स्टॉफ है।

बता दे कि कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर से 2006- 07 में संतोष सैनी ने प्रशिक्षण लिया। पहले फार्मिंग का काम किया, लेकिन इतनी सफलता नहीं मिली तो फिर प्रोसेसिंग युनिट लगाकर प्रोडेक्ट बाजार में उतार दिये। आज इनके प्रोडेक्ट बाजार में जगह भी बना रहे है।

राष्ट्रपति ने दिया प्रमाण पत्र तो राज्यपाल ने किया सम्मानित
बता दे कि संतोष देवी को राष्ट्रपति के द्वारा प्रमाण पत्र दिया जा चुका है तो वही राज्यपाल इनको सम्मानित कर चुके है। दरअसल दिल्ली में महिला के उत्थान को लेकर दिल्ली में ग्लोबल कांफ्रेस का आयोजन हुआ। इसमें राष्ट्रपति ने प्रमाण पत्र दिया। वहीं राज्यपाल के द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

बिजनेस वूमन का अगला लक्ष्य
बिजनेस वूमन के रूप में पहचान बना रही संतोष सैनी का लक्ष्य है कि वे कांस्टमेटिक एवं खाद्य पदार्थो दोनों के क्षेत्रों में भी शुरुआत करे।इसके लिए वे प्रशिक्षण भी ले रही है। इसमें इनका लक्ष्य है कि वे महिलाओं को भी आगे लेकर आए, ताकि उन्हें भी कुछ करने का मौका मिले। खुद प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद दूसरी महिलाओं को प्रशिक्षण देने का इनका लक्ष्य है। साथ ही इनका कहना है कि किसानों को जैविक कृषि पर जोर देना चाहिए, क्योंकि अब बाजार जैविक कृषि का है।

बिजनेस वूमन का सफर
संतोष देवी का हमेशा से ही खाना बनाना या फिर कुछ नया सीखने की ललक रही है। इसी ललक के जरिये उन्होंने 2006-07 में आबूसर में प्रशिक्षण लिया। ऐलोवेरा की खेती की, लेकिन उतनी सफलता नहीं मिली तो ऐलोवेरा की प्रोसेसिंग युनिट लगा ली। चुनौती ये थी कि ये काम वो एक महिला होकर कर रही है। समाज के नजरिये का भी सामना करना था और सफलता भी हासिल करनी थी। साथ ही इस युनिट के लगाने के पीछे उनकी मजबूरी भी थी। मजबूरी ये कि उनके पति का 2007 में ही एक सड़क हादसे में घायल हो गए। परिवार की जिम्मेदारी जब संतोष देवी पर आई तो उन्होंने बिना डरे और घबराए इस चुनौती को अपना लक्ष्य बना लिया। सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए संतोष देवी ने परिवार को भी संभाला, बिजनेस को भी संभाला और अपने दोनों बेटों को अच्छी शिक्षा भी दिलाई।

बिजनेस वूमन का मंत्रा
बिजनेस वूमन संतोष देवी ने कहां कि वे अन्य साथी महिलाओं को एक ही संदेश देना चाहती है कि महिलाओं को घर से बाहर निकलना चाहिए।समाज के नजरिये से डरना नहीं चाहिए , बल्कि इसी चुनौती समझना चाहिए। उनका लक्ष्य भी है कि उनकी युनिट में सबसे अधिक महिलाएं काम करे।

बाइट 01- संतोष देवी, बिजनेस वूमन।

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