सूरजगढ़ (झुंझुनू). बुहाना उपखंड के ठोठी गांव निवासी सेना से रिटायर्ड दलीप सिंह पूनिया के बेटे सेना में कार्यरत थे. जिनकी ड्यूटी के दौरान ब्रेन हेमरेज होने से मौत हो गई. गुरुवार को जवान का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा.
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जवान के पिता दलीप सिंह नौ साल पहले हुए अपने एक बेटे की शहादत को अभी भुला भी नहीं पाए थे कि घर का एक और चिराग बुझ गया. बुजुर्ग दलीप सिंह के बेटे उदयभान बीसएसएफ में तैनात थे जिनकी ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई.
जवान उदयभान की मौत होने की सूचना के बाद गांव में शोक की लहर छा गई. गुरुवार को सेना के जवान उदयभान का पार्थिव शरीर लेकर गांव में पहुंचे तो गांव में मातम छा गया. जवान के बूढ़े बाप, बच्चे और पत्नी सहित अन्य परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया.
जनप्रतिनिधि और ग्रामीण काफी संख्या में सेना के जवान के घर पहुंचे. जवान के पार्थिव देह पर श्रद्धा सुमन चढ़ाते हुए परिजनों को ढांढस बंधाया. बता दें की जवान उदयभान पूनिया बीएसएफ की 135वीं बटालियन में किशनगंज पश्चिम बंगाल के बॉडर पर तैनात थे. डयूटी के दौरान ब्रेन हेमरेज से मौत होना बताया जा रहा हैं.
जवान पिछले महीने की 12 जुलाई को 20 दिन की छुट्टी काटकर वापस ड्यूटी पर लौटा थे. उदयभान 22 जनवरी 2002 को बीएसएफ में भर्ती हुए थे. उनके पिता दलीप सिंह भी बीएसएफ से रिटायर्ड हैं. छोटा भाई लांस दफेदार रवींद्र पूनिया 27 जुलाई 2012 को शहीद हो गया था.
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उदयभान की एक बेटी चिंटू (20) और बेटा मुनेश (18) है जो बीएससी के स्टूडेंट हैं. जवान उदयभान के पार्थिव देह की अंतिम यात्रा उनके घर से गांव के श्मशान तक राजकीय सम्मान के साथ निकाली गई. सेना के जवानों ने गॉड ऑफ ऑनर देते हुए राउंड फायर कर शस्त्र सलामी दी.
सैनिक के पार्थिव देह पर प्रधान हरिकृष्ण यादव, जिला परिषद सदस्य राज अहलावत, सोमवीर लांबा समेत ग्रामीणों ने पुष्प अर्पित किए. सेना जवानों ने जवान के पिता को तिरंगा सुपुर्द किया. जवान के पुत्र मुकेश ने पिता की चिता को मुखग्नि दी.