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झुंझुनू में भाजपा ने मनाई जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयायल उपाध्याय की पुण्यतिथि

झुंझुनू में भाजपा ने जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि श्रद्धा पूर्वक मनाई. झ्स मौके पर पुष्पांजलि कार्यक्रम के साथ विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया.

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भाजपा ने मनाई जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयायल उपाध्याय की पुण्यतिथि
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Published : Feb 11, 2021, 7:48 PM IST

झुंझुनू. भारतीय जनता पार्टी मंडावा मंडल की ओर से जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि श्रद्धा पूर्वक मनाई गई. झ्स मौके पर पुष्पांजलि कार्यक्रम के साथ विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया. विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में भाजपा जिला उपाध्यक्ष इंजी. प्यारेलाल ढूकिया ने कहा कि एकात्मक, मानववाद के विचारों के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय केवल एक नाम ही नहीं, बल्कि एक विचारधारा थे. उनके विचार वर्तमान समय में भी प्रासंगिक हैं.

उन्होंने कहा कि पं. उपाध्याय के प्रेरणा अनुरूप केंद्र सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का विकास को ध्यान में रखकर कार्य रही है. इस मौके पर ढूकिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे पं. उपाध्याय के विचारों को आत्मसात करें. इस मौके पर भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष केके जानू ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय राजनेता मात्र नहीं थे, वह उच्च कोटि के चिंतक, विचारक और लेखक भी थे. इस रूप में उन्होंने श्रेष्ठ शक्तिशाली और संतुलित रूप में विकसित राष्ट्र की कल्पना की थी. उन्होंने निजी हित और सुख सुविधाओं का त्याग कर दिया था.

यह भी पढ़ें- अलवरः भिवाड़ी में स्टेट मैनेजर पर हुआ था हमला, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

व्यक्तिगत जीवन में उनकी कोई महत्वाकांक्षा भी नहीं थी. उन्होंने अपना जीवन समाज और राष्ट्र को समर्पित कर दिया था. यही बात उन्हें महान बनाती है. जानू ने कहा कि पं. उपाध्याय राजनीति में लगातार सक्रियता के बाद भी वह अध्ययन और लेखन के लिए समय निकालते थे. इसके लिए वह अपने विश्राम से समय कटौती करते थे. इसी में लोगों से मिलने-जुलने और अनवरत यात्राओं का क्रम भी चलता था. आमजन के बीच रहना उन्हें अच्छा लगता था. शायद यहीं कारण था कि वह देश के आम व्यक्ति की समस्याओं को भली-भांति समझ चुके थे. यह विषय उनके चिंतन और अध्ययन में समाहित था. इनका वह कारगर समाधान भी प्रस्तुत करते थे .

झुंझुनू. भारतीय जनता पार्टी मंडावा मंडल की ओर से जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि श्रद्धा पूर्वक मनाई गई. झ्स मौके पर पुष्पांजलि कार्यक्रम के साथ विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया. विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में भाजपा जिला उपाध्यक्ष इंजी. प्यारेलाल ढूकिया ने कहा कि एकात्मक, मानववाद के विचारों के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय केवल एक नाम ही नहीं, बल्कि एक विचारधारा थे. उनके विचार वर्तमान समय में भी प्रासंगिक हैं.

उन्होंने कहा कि पं. उपाध्याय के प्रेरणा अनुरूप केंद्र सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का विकास को ध्यान में रखकर कार्य रही है. इस मौके पर ढूकिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे पं. उपाध्याय के विचारों को आत्मसात करें. इस मौके पर भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष केके जानू ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय राजनेता मात्र नहीं थे, वह उच्च कोटि के चिंतक, विचारक और लेखक भी थे. इस रूप में उन्होंने श्रेष्ठ शक्तिशाली और संतुलित रूप में विकसित राष्ट्र की कल्पना की थी. उन्होंने निजी हित और सुख सुविधाओं का त्याग कर दिया था.

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व्यक्तिगत जीवन में उनकी कोई महत्वाकांक्षा भी नहीं थी. उन्होंने अपना जीवन समाज और राष्ट्र को समर्पित कर दिया था. यही बात उन्हें महान बनाती है. जानू ने कहा कि पं. उपाध्याय राजनीति में लगातार सक्रियता के बाद भी वह अध्ययन और लेखन के लिए समय निकालते थे. इसके लिए वह अपने विश्राम से समय कटौती करते थे. इसी में लोगों से मिलने-जुलने और अनवरत यात्राओं का क्रम भी चलता था. आमजन के बीच रहना उन्हें अच्छा लगता था. शायद यहीं कारण था कि वह देश के आम व्यक्ति की समस्याओं को भली-भांति समझ चुके थे. यह विषय उनके चिंतन और अध्ययन में समाहित था. इनका वह कारगर समाधान भी प्रस्तुत करते थे .

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