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दुकानों की नीलामी में खूब हुई जूतम पैजार, इसके बाद भी नहीं मिल पाई दुकानें - नगर परिषद ने निलामी रोकी

नगर परिषद अपनी आय बढ़ाने के लिए अपनी पुरानी संपत्ति की बोली लगाता रहता है और परिषद की आय का यह मुख्य साधन होता है. झुंझुनू में गुरुवार को नगर परिषद की ओर से दुकानों की बोली लगाई गई. लेकिन उचित मूल्य नहीं मिलने से निरस्त कर दी गई.

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Published : Sep 19, 2019, 11:02 AM IST

झुंझुनू. नगर परिषद झुंझुनू की ओर से गुरुवार को अपनी आय बढ़ाने के लिए की जा रही दुकानों की नीलामी के दौरान खूब जूतम पैजार हुई. लेकिन इसके बाद भी नीलामी में दुकानें नहीं छूट सकी. जिसके खिलाफ बोली दाताओं ने विरोध किया.

झुंझुनू में अब नहीं होगी दुकानों की नीलामी

दरअसल, साल 2000 में प्रताप नगर में बनी 6 दुकानों की नीलामी नगर परिषद की ओर से रखी गई थी. इन दुकानों की बेस प्राइस साढ़े तीन से चार लाख तक रखी गई थी. जिसके बाद इनमें से चार दुकानों पर तो सिंगल बोली आई, जिसके चलते नीलामी निरस्त कर दी गई. वहीं दुकान 10 पर अधिकतम बोली 13 लाख 50 हजार तो दुकान नंबर 15 और 12 पर 14 लाख 70 हजार की बोली लगाई गई. इसके बाद भी नगर परिषद की कमेटी ने उक्त को भी निरस्त कर दिया. क्योंकि कमेटी के अनुसार यह उचित मूल्य नहीं है और भविष्य में बोली में इससे ज्यादा भी आय हो सकती है.

यह भी पढ़ें- कोटा में पानी का कहर, इटावा क्षेत्र में 100 से ज्यादा मकान धराशायी

बोली दाताओं ने किया विरोध
वहीं बेस प्राइस से 5 गुना बोली आ जाने के बाद भी नीलामी निरस्त किए जाने के खिलाफ बोली दाताओं ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि जब 5 गुना पैसा नगर परिषद को आ रहा है तो इसके बाद बोली निरस्त क्यों की जा रही है. इससे तो साफ लग रहा है कि जनता का समय खराब किया गया है और यहां पहले से ही जमे दुकानदारों की वजह से बोली निरस्त की गई है.

झुंझुनू. नगर परिषद झुंझुनू की ओर से गुरुवार को अपनी आय बढ़ाने के लिए की जा रही दुकानों की नीलामी के दौरान खूब जूतम पैजार हुई. लेकिन इसके बाद भी नीलामी में दुकानें नहीं छूट सकी. जिसके खिलाफ बोली दाताओं ने विरोध किया.

झुंझुनू में अब नहीं होगी दुकानों की नीलामी

दरअसल, साल 2000 में प्रताप नगर में बनी 6 दुकानों की नीलामी नगर परिषद की ओर से रखी गई थी. इन दुकानों की बेस प्राइस साढ़े तीन से चार लाख तक रखी गई थी. जिसके बाद इनमें से चार दुकानों पर तो सिंगल बोली आई, जिसके चलते नीलामी निरस्त कर दी गई. वहीं दुकान 10 पर अधिकतम बोली 13 लाख 50 हजार तो दुकान नंबर 15 और 12 पर 14 लाख 70 हजार की बोली लगाई गई. इसके बाद भी नगर परिषद की कमेटी ने उक्त को भी निरस्त कर दिया. क्योंकि कमेटी के अनुसार यह उचित मूल्य नहीं है और भविष्य में बोली में इससे ज्यादा भी आय हो सकती है.

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बोली दाताओं ने किया विरोध
वहीं बेस प्राइस से 5 गुना बोली आ जाने के बाद भी नीलामी निरस्त किए जाने के खिलाफ बोली दाताओं ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि जब 5 गुना पैसा नगर परिषद को आ रहा है तो इसके बाद बोली निरस्त क्यों की जा रही है. इससे तो साफ लग रहा है कि जनता का समय खराब किया गया है और यहां पहले से ही जमे दुकानदारों की वजह से बोली निरस्त की गई है.

Intro:नगर परिषद अपनी आय बढ़ाने के लिए अपनी पुरानी संपत्ति की बोली लगाता रहता है और परिषद की आय का यह मुख्य साधन होता है। झुंझुनू में नगर परिषद की ओर से दुकानों की बोली लगाई गई लेकिन उचित मूल्य नहीं मिलने से निरस्त कर दी गई।


Body:झुंझुनू। नगर परिषद झुंझुनू की ओर से अपनी आय बढ़ाने के लिए की जा रही दुकानों की नीलामी के दौरान खूब जूतमपैजार हुई। लेकिन इसके बाद भी नीलामी में दुकाने नहीं छूट सकी। दरअसल वर्ष 2000 में प्रताप नगर में बनी 6 दुकानों की नीलामी नगर परिषद की ओर से रखी गई थी इन दुकानों की बेस प्राइस साडे तीन से चार लाख तक रखी गई थी। बाद में इनमें चार दुकानों पर तो सिंगल बोली आई और इसलिए नीलामी निरस्त ही कर दी गई वही दुकान 10 पर अधिकतम बोली तेरा लाख ₹50000 तो दुकान नंबर 15 व 12 पर 14 लाख 70 हजार की बोली मिली। इसके बाद भी नगर परिषद की कमेटी ने उक्त को भी निरस्त कर दिया क्योंकि कमेटी के अनुसार यह उचित मूल्य नहीं है और भविष्य में बोली में इससे ज्यादा भी आय हो सकती है।

बोली दाताओं ने किया विरोध
वही बेस प्राइस से 5 गुना बोली आ जाने के बाद भी नीलामी निरस्त किए जाने के खिलाफ बोली दाताओं ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब 5 गुना पैसा नगर परिषद को आ रहा है तो इसके बाद बोली निरस्त क्यों की जा रही है इससे तो साफ लग रहा है कि जनता का समय खराब किया गया है और यहां पहले से ही जमे दुकानदारों की वजह से बोली निरस्त की गई है।


बाइट वन देवीलाल बोचल्ला नगर परिषद आयुक्त

वाइट दो नाहर सिंह कटेवा व अबरार अहमद बोली दाता



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