झुंझुनूं. जिले के नगर निकायों में की गई सियासी नियुक्तियां भी सियासत के फेर में फंसती नजर आ रही हैं. दरअसल, सरकार ने गुरुवार देर रात एक आदेश जारी कर नगर निकाय में सहव्रत सदस्यों की नियुक्ति की है. जिले के सभी 12 निकायों में यह नियुक्तियां की गई है. इनमें से नौ निकाय में अगले माह ही चुनाव हैं, ऐसे में जिन्हें सहव्रत पार्षद बनाया गया है, वह भी बोर्ड भंग होते ही पूर्व हो जाएंगे. यह नियुक्तियां लंबे समय बाद हुई हैं, लेकिन ऐसे समय में की गई है कि खुद मनोनीत पार्षद ही नहीं समझ पा रहे हैं कि क्या करें.
सरकार के आदेश या निकाय के कार्यकाल तक नियुक्ति
मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति सरकार के आदेश से होती है. एक तरह से जिस पार्टी की सरकार होती है, वह अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को इस तरह की नियुक्ति देती है, ताकि राजनीतिक समीकरण भी सधे रहे मनोनीत पार्षदों का कार्यकाल सरकार के आदेश या संबंधित निकाय की शेष अवधि तक होता है.
जिले के इन 9 निकायों में अगस्त में होने हैं चुनाव
जिले में अगले महीने नवलगढ़, मुकुंदगढ़, मंडावा, बगड़, उदयपुरवाटी क्षेत्र, सूरजगढ़, चिड़ावा, विद्या विहार पालिकाओं का कार्यकाल अगस्त में खत्म होने वाला है. सरकार ने झुंझुनू नगर परिषद में 5, नवलगढ़, मुकुंदगढ़, मंडावा, बिसाऊ, पिलानी नगर पालिका चिड़ावा नगर पालिका, विद्या विहार नगर पालिका, बगड़ नगरपालिका, खेतड़ी नगर पालिका, सूरजगढ़ नगरपालिका और उदयपुरवाटी नगरपालिका के लिए 4-4 पार्षद मनोनीत किए हैं.
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झुंझुनू, बिसाऊ और पिलानी में सवा 4 साल रहेंगे
झुंझुनू नगर परिषद, बिसाऊ और पिलानी नगर पालिका में करीब सवा 4 साल का कार्यकाल शेष है. यहां पिछले साल नवंबर में चुनाव थे, इस लिहाज से इन तीनों निकायों में मनोनीत पार्षदों को अगले साल 4 साल तक कोई खतरा नहीं है. मनोनीत पार्षद को सामान्य पार्षद की भांति 2750 मासिक भत्ता मिलता है, वह भी बोर्ड की बैठक में नियमित रूप से हिस्सा ले सकते हैं.