सूरजगढ़ (झुंझुनू). सोमवार को तहसीलदार सतीश राव की अगुवाई में चिकित्सीय आड़ में अपनी दुकान चला रहे दो झोलाछाप डॉक्टरों पर भी छापेमार कार्रवाई की गई. चिड़ावा रोड पर वार्ड चार में एक मकान पर दबिश देकर प्रशासन ने घर पर ही प्रैक्टिस कर रहे रामेश्वर उर्फ मुन्ना नाम के व्यक्ति के यहां हुई. व्यक्ति द्वारा बिना किसी डिग्री के लोगों के इलाज करने की बात सामने आई.
तहसीलदार ने पूछताछ कि तो उसने पूर्व सीएमचओ के हॉस्पिटल में सेवा देने के बाद अब स्वयं अपने घर पर मरीजों का इलाज करना बताया. वहीं पुराने पोस्ट ऑफिस के पास एक क्लीनिक पर प्रशासन ने कार्रवाई की. दोनों डाक्टरों पर कार्रवाई के बाद उनके क्लीनिक बन्द करवाकर चॉबी बीसीएमओ डॉ. शैलष को सुपुर्द कर दी गई. तहसीलदार ने डॉ. शैलेष को दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए.
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बता दें, बीते करीब आठ दिन में सूरजगढ़ शहर में प्रशासन द्वारा तीन झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई की जा चुकी है. लेकिन इतने समय से चल रहे इन झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ चिकित्सा विभाग क्यों अपनी आंखे मूंदे बैठा है. प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कार्रवाई कर दी जाती है, लेकिन जांच अधिकारी बीसीएमओ द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती. सिर्फ कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर दी जाती है, जिससे कस्बे के झोलाछाप डाक्टरों का हौंसला बुलंद होते दिख रहा है.