झुंझुनू. नगर परिषद में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि जिला कलेक्टर के निवास के आगे बनाया गया नाला भी दो माह में टूट गया. ऐसे में अन्य नालो या सड़कों की तो बात करना ही बेमानी है.
महज दो महीने पहले बनाया गया नाले की दीवार पहले ही मानसून में ढह गई है. बड़ी बात यह है कि नाला अभी 3 साल की गारंटी अवधि में है. अब ठेकेदार का कहना है कि जब नाले के लिए खुदाई की गई तो उसके नीचे पहले से ही पाइपलाइन डाली हुई थी जिसके चलते नाले का बेस मजबूत नहीं बन सका. अब सवाल उठता है क्या नगर परिषद नाले की स्थिति से अवगत नहीं था. दरअसल, कलेक्टर निवास व अन्य अधिकारियों के बंगले शहर के सबसे पाश व वीआईपी इलाके में बने हुए हैं. ऐसे में यदि इसी जगह पर ही इस तरह से घटिया निर्माण किया जाता है तो अन्य जगहों के हालातों का तो अंदाजा लगाया जा सकता है.
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यह नाला कलेक्टर के बंगले से शुरू होकर रेलवे स्टेशन तक बनाया गया है. नाले की लागत लगभग 50 लाख रुपए बताई जा रही है. बता दें कि इस नाले के निर्माण के लिए पहले ठेका किसी दूसरी कंपनी को दिया गया था. बाद में इसका ठेका दूसरी कंपनी को दे दिया गया.