झुंझुनू. जिले के कई युवाओं ने गलत तथ्य पेश कर लाखों रुपये का बेरोजगारी भत्ता उठा लिया. विभाग की कड़ी स्क्रूटनिंग से आए तथ्यों के बाद अब रोजगार कार्यालय उनसे वसूली में जुट गया है. जिले में सैकड़ों बेरोजगार के आशार्थियों ने गलत तथ्य पेश कर लाखों रुपये भत्ते के रूप में वसूल लिए. इनमें पुरुष और महिला आशार्थी शामिल है.
परिवार में पेंशन आदि आने तथा भत्ते के लिए अन्य औपचारिकताएं पूरी नहीं करने वालों ने भी गलत शपथ पत्र पेश कर आवेदन कर दिया. जिसके बाद कई आवेदकों ने करीब 1 साल तक भत्ता भी उठा लिया. रोजगार कार्यालय की ओर से सितंबर 2019 से अब तक पांच लाख 8500 रुपये की वसूली की जा चुकी है.
40 आवेदकों से और की जाएगी वसूली
भत्ता शुरू होने के बाद भी आवेदकों की जांच की जा रही है. करीब 5 लाख की वसूली के बाद भी विभाग के सामने करीब 40 आवेदक और ऐसे आए हैं जो फर्जी तरीके से बेरोजगारी भत्ता उठा रहे थे. विभाग की ओर से उक्त आवेदकों से शीघ्र ही वसूली की जाएगी. वहीं, अन्य आवेदकों की भी जांच होगी.
456 ने दोबारा किया आवेदन
कई आवेदकों ने पहले बेरोजगारी भत्ते के तहत आवेदन कर बेरोजगारी भत्ता उठा लिया. बाद में उन्होंने दोबारा आवेदन कर दिया. रोजगार कार्यालय की ओर से 456 ऐसे फार्मो को निरस्त किया गया है. शिकायत मिलने पर और भी फार्मो की जांच की जा रही है.
जिला रोजगार अधिकारी दयानंद यादव ने बताया कि जिले के कई लोगों ने फर्जी तरीके से आवेदन कर लाखों रुपए भत्ते के उठा लिए विभाग ने फर्जी तरीके से भत्ते उठाने वालों से 5 लाख रुपये से अधिक की वसूली कर ली है. करीब 40 युवाओं से और वसूली की जाएगी.
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यह नियम तोड़े
- राज्य सरकार की ओर से बेरोजगारों को भत्ता देने के लिए वर्ष 2007 से शुरू की गई अक्षत, उसके बाद अक्षत कौशल और वापस अक्षत योजना में भत्ता उठाने वाले वापस भत्ता नहीं उठा सकते.
- योजना के तहत पुरुष अभ्यर्थियों को 30 वर्ष तथा महिला अभ्यर्थियों को 35 वर्ष तक भत्ता मिलने का प्रावधान है लेकिन कई लोगों ने गलत तथ्य पेश कर अपनी आयु छोटी करवा ली और विभाग की ओर से ऐसे कई लोगों को पकड़ा गया है.
- आय के फर्जी दस्तावेज पेश करने वाले.