झालावाड़. जिले में जैव विविधता उत्सव का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र में किया जा रहा है. ऐसे में जैव विविधता उत्सव के अंतर्गत एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया. इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व कोटा के क्षेत्रीय निदेशक व संभागीय मुख्य वन संरक्षक आनन्द मोहन ने बताया कि, वनों में और उनके आसपास रहने वाले लोग शहरों के मुकाबले कम सुविधाएं मिलने के कारण अपने आपको छोटा महसूस करते हैं.
उन्होंने कहा कि मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में टाइगर आने से यहां के वन क्षेत्र की परिस्थतियों का संतुलन बेहतर हो रहा है. टाईगर में हमारी जैव विविधता निहित है. वन्य क्षेत्र में रहने वाले लोग प्रशासन द्वारा वन्य क्षेत्रों से अन्यत्र बसाए जाते हैं, तो उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा, सुविधाएं मिल सकेंगी. और वन्य क्षेत्र में मानव के दखल में कमी आने से जैव विविधता में भी बढ़ोतरी होगी.
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उप वन संरक्षक झालावाड़ के हेमन्त सिंह ने बताया कि, पृथ्वी पर स्थित विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, पक्षी, वन्य जीव, पालतू पशु-पक्षी, सूक्ष्म जीव, जीवाणु, विभिन्न कृषि फसलें आदि मिलकर ही हमारी पृथ्वी की जैव विविधता बनाते हैं. उन्होंने कहा कि जैव विविधता उत्सव आयोजित करने का उद्देश्य ही झालावाड़ के लोगों और बच्चों में वन्य सम्पदा के संरक्षण के प्रति चेतना जागृत करना है.
मुकन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व कोटा के उप वन संरक्षक डॉ. टी. मोहनराज ने कहा कि मुकन्दरा हिल्स टाईगर रिजर्व में टाइगर आने से वन्य क्षेत्रों में मानव दखल के कारण होने वाले अवैध पेड़ों की कटाई अवैध खनन, अवैध चराई को रोकने से वनस्पति में बढ़ोतरी होगी.
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इन प्रयासों से भू-जल स्तर बढ़ेगा. उप वन संरक्षक वन्य जीव कोटा बीजू जॉय ने वैटलैण्ड्स को 'लैंडस्केप की किडनी' और बॉयलोजिकल सुपर मार्केट बताते हुए, इसे जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण बताया.