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झालावाड़: मुकुन्दरा वाइल्डलाइफ, टूरिज्म और होटल व्यवसाय पर हुआ कार्यशाला का आयोजन - पेइंग गेस्ट हाउसिंग स्कीम

झालावाड़ में मुकुंदरा वाइल्डलाइफ, टूरिज्म एवं होटल व्यवसाय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें होटल संचालक और वाइल्डलाइफ से जुड़े हुए लोग शामिल हुए, जिन्होंने झालावाड़ में पर्यटन की संभावना पर चर्चा की.

jhalawar latest news, टूरिज्म यूनिट पॉलिसी 2015, झालावाड़ की खबर
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Published : Nov 13, 2019, 9:35 AM IST

झालावाड़. जिले में चंद्रभागा मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत मुकुंदरा वाइल्डलाइफ टूरिज्म एवं होटल व्यवसाय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में जिले में संचालित होटलों के संचालक और वाइल्ड लाइफ के दिग्गज लोग शामिल हुए. जिन्होंने कार्यशाला में अपने अनुभव साझा किए.

झालावाड़ में हुआ कार्यशाला का आयोजन

इस दौरान झालावाड़ जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि टूरिज्म यूनिट पॉलिसी 2015 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटल व्यवसाय हेतु भूमि खरीदता है तो उसे सरकार की ओर से भूरूपांतरण में पूर्णता छूट दी जाती है.

साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग पेइंग गेस्ट हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत पर्यटन विभाग में पंजीकरण कराकर अपने दो से पांच कमरों के आवाज को भी होटल के रूप में परिवर्तित कर अपनी आमदनी का स्रोत बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिले के डग क्षेत्र के कोलवी, विनायगा और हथियागोड़ बौद्ध गुफाओं के संरक्षण और उन्हें विश्व मंच पर धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए श्रीलंका, चीन, जापान, थाईलैंड जैसे बौद्ध धर्मावलंबी देशों के दूतावासों के साथ-साथ भारत के दूतावासों पर पत्र व्यवहार किया जाएगा. ताकि इन देशों के नागरिक इन गुफाओं का भ्रमण कर सकें.

पढ़ें- झालावाड़ः कार्तिक पूर्णिमा मेले पर श्रद्धालुओं ने किया स्नान, पुलिस सुरक्षा रही चाक-चौबंद

वहीं, उन्होंने कहा कि जिले में एग्रो टूरिज्म और इंडस्ट्री टूरिज्म के विकास के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी. जिले के झालरापाटन में स्थित हेरिटेज हवेलियों को पर्यटकीय आवास के रूप में इस्तेमाल करने के लिए हवेली मालिकों के साथ एक विशेष कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा और पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों के लिए भौतिक सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा. कार्यशाला में हेरिटेज ऑफ हाडौती के नाम से खींचे गए हाडौती के चारों जिलों के वन, वन्यजीवों और पर्यटक स्थलों का कोलाज भी पावर प्वांइट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिखाया गया.

झालावाड़. जिले में चंद्रभागा मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत मुकुंदरा वाइल्डलाइफ टूरिज्म एवं होटल व्यवसाय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में जिले में संचालित होटलों के संचालक और वाइल्ड लाइफ के दिग्गज लोग शामिल हुए. जिन्होंने कार्यशाला में अपने अनुभव साझा किए.

झालावाड़ में हुआ कार्यशाला का आयोजन

इस दौरान झालावाड़ जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि टूरिज्म यूनिट पॉलिसी 2015 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटल व्यवसाय हेतु भूमि खरीदता है तो उसे सरकार की ओर से भूरूपांतरण में पूर्णता छूट दी जाती है.

साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग पेइंग गेस्ट हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत पर्यटन विभाग में पंजीकरण कराकर अपने दो से पांच कमरों के आवाज को भी होटल के रूप में परिवर्तित कर अपनी आमदनी का स्रोत बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिले के डग क्षेत्र के कोलवी, विनायगा और हथियागोड़ बौद्ध गुफाओं के संरक्षण और उन्हें विश्व मंच पर धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए श्रीलंका, चीन, जापान, थाईलैंड जैसे बौद्ध धर्मावलंबी देशों के दूतावासों के साथ-साथ भारत के दूतावासों पर पत्र व्यवहार किया जाएगा. ताकि इन देशों के नागरिक इन गुफाओं का भ्रमण कर सकें.

पढ़ें- झालावाड़ः कार्तिक पूर्णिमा मेले पर श्रद्धालुओं ने किया स्नान, पुलिस सुरक्षा रही चाक-चौबंद

वहीं, उन्होंने कहा कि जिले में एग्रो टूरिज्म और इंडस्ट्री टूरिज्म के विकास के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी. जिले के झालरापाटन में स्थित हेरिटेज हवेलियों को पर्यटकीय आवास के रूप में इस्तेमाल करने के लिए हवेली मालिकों के साथ एक विशेष कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा और पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों के लिए भौतिक सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा. कार्यशाला में हेरिटेज ऑफ हाडौती के नाम से खींचे गए हाडौती के चारों जिलों के वन, वन्यजीवों और पर्यटक स्थलों का कोलाज भी पावर प्वांइट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिखाया गया.

Intro:झालावाड़ में मुकुंदरा वाइल्डलाइफ, टूरिज्म एवं होटल व्यवसाय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें होटल संचालक व वाइल्डलाइफ से जुड़े हुए लोग शामिल हुए जिन्होंने झालावाड़ में पर्यटन की संभावना पर चर्चा की।


Body:झालावाड़ में चंद्रभागा मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत मुकुंदरा वाइल्डलाइफ टूरिज्म एवं होटल व्यवसाय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिले में संचालित होटलों के संचालक व वाइल्ड लाइफ के दिग्गज लोग शामिल हुए। जिन्होंने कार्यशाला में अपने अनुभव साझा किए।

इस दौरान झालावाड़ जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने कहा कि टूरिज्म यूनिट पॉलिसी 2015 के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटल व्यवसाय हेतु भूमि खरीदता है तो उसे सरकार द्वारा भूरूपांतरण में पूर्णता छूट दी जाती है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग पेइंग गेस्ट हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत पर्यटन विभाग में पंजीकरण कराकर अपने दो से पांच कमरों के आवाज को भी होटल के रूप में परिवर्तित कर अपनी आमदनी का स्रोत बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिले के डग क्षेत्र के कोलवी, विनायगा व हथियागोड़ बौद्ध गुफाओं के संरक्षण एवं उन्हें विश्व मंच पर धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए श्रीलंका, चीन, जापान, थाईलैंड जैसे बौद्ध धर्मावलंबी देशों के दूतावासों के साथ साथ भारत के दूतावासों पर पत्र व्यवहार किया जाएगा ताकि इन देशों के नागरिक इन गुफाओं का भ्रमण कर सकें। उन्होंने कहा कि जिले में एग्रो टूरिज्म और इंडस्ट्री टूरिज्म के विकास के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले के झालरापाटन में स्थित हेरिटेज हवेलियों को पर्यटकीय आवास के रूप में इस्तेमाल करने के लिए हवेली मालिकों के साथ एक विशेष कार्यशाला का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों के लिए भौतिक सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा।

कार्यशाला में हेरिटेज ऑफ हाडौती के नाम से खींचे गए हाडौती के चारों जिलों के वन, वन्यजीवों एवं पर्यटक स्थलों का कोलाज भी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिखाया गया।


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