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झालावाड़: निजी अस्पताल के नसबंदी कैंप में महिला की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाए गंभीर आरोप

झालावाड़ के अकलेरा में निजी अस्पताल की तरफ से लगाए गए नसबंदी शिविर में डॉक्टरों की लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है. कैंप में नसबंदी करवाने गई एक महिला की मौत हो गई है. महिला के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही व इलाज की फाइल छिनने का आरोप लगाया है.

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निजी अस्पताल के नसबंदी कैंप में महिला मौत
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Published : Dec 8, 2020, 10:37 PM IST

झालावाड़. अकलेरा क्षेत्र में पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा के निजी अस्पताल की तरफ से लगाए गए नसबंदी शिविर में डॉक्टरों की लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है. कैंप में नसबंदी करवाने गई एक महिला की मौत हो गई है. महिला के परिजनों ने पूर्व विधायक के निरोगधाम अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही व इलाज की फाइल छिनने का आरोप लगाया है.

निजी अस्पताल के नसबंदी कैंप में महिला मौत

महिला के परिजनों ने बताया कि सरखंडिया गांव निवासी राजू बाई अपने परिजनों के साथ निरोगधाम अस्पताल के सरडा गांव में लगाए गए नसबंदी शिविर में ऑपरेशन करवाने गई थी. जहां पर उसके साथ की महिलाओं के तो ऑपरेशन कर दिए, लेकिन कई घंटों बाद भी राजू बाई को ऑपरेशन करके बाहर नहीं भेजा. परिजनों ने जब इसका कारण जानना चाहा तो उन्हें डांट कर बाहर ही रोक दिया. इसके कुछ देर बाद डॉक्टर उसे एंबुलेंस में बिठाकर निरोगधाम अस्पताल लाए और वहां से डॉक्टरों ने महिला को झालावाड़ एसआरजी अस्पताल में भेज दिया. जहां पर डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया.

पढ़ें: बड़ी खबर : सीकर में विजयी जुलूस के दौरान भाजपा-कांग्रेस समर्थक भिड़े, एक की मौत...पुलिस बल तैनात

पैसे लेकर मामला दबाने की बात कही...

मामले की गंभीरता को देखते हुए झालावाड़ की भालता थाना पुलिस भी अस्पताल में पहुंची. इस दौरान महिला के परिजन पोस्टमार्टम कराने की मांग पर अड़े रहे. जिसके बाद परिजनों ने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करवाई एवं महिला का पोस्टमार्टम करवाया. परिजनों का कहना है कि निरोगधाम अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत हुई है. इसके अलावा अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी फाइल भी छीन ली है. कई बार मांगने पर भी उन्होंने अभी तक फाइल नहीं दी है. परिजनों ने मामला दबाने के लिए अस्पताल के डॉक्टरों पर 1500 रुपए देने की भी बात कही है.

सरकारी अस्पताल के बदले ले गए निरोगधाम हॉस्पिटल...

चिकित्सा विभाग ने सर्जनों की कमी के कारण नियम निदेशालय के निर्देश पर निरोगधाम अस्पताल को नसबंदी कैम्प लगाने की अनुमति दी थी. जिसमें ऑपरेशन किया गया किंतु ऑपरेशन के दौरान महिला की तबीयत बिगड़ जाने के बावजूद उसे नियमानुसार सरकारी अस्पताल में न ले जाकर निजी निरोगधाम अस्पताल में ले जाया गया और काफी समय बाद उसे झालावाड़ के सरकारी एसआरजी अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

भालता थाना अधिकारी राजपाल सिंह का कहना है कि मामले की सूचना मिलने पर वो एसआरजी अस्पताल में पहुंचे. जहां पर नसबंदी शिविर में एक महिला की मौत का मामला आया है. महिला के परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर जांच की जाएगी.

झालावाड़. अकलेरा क्षेत्र में पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा के निजी अस्पताल की तरफ से लगाए गए नसबंदी शिविर में डॉक्टरों की लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है. कैंप में नसबंदी करवाने गई एक महिला की मौत हो गई है. महिला के परिजनों ने पूर्व विधायक के निरोगधाम अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही व इलाज की फाइल छिनने का आरोप लगाया है.

निजी अस्पताल के नसबंदी कैंप में महिला मौत

महिला के परिजनों ने बताया कि सरखंडिया गांव निवासी राजू बाई अपने परिजनों के साथ निरोगधाम अस्पताल के सरडा गांव में लगाए गए नसबंदी शिविर में ऑपरेशन करवाने गई थी. जहां पर उसके साथ की महिलाओं के तो ऑपरेशन कर दिए, लेकिन कई घंटों बाद भी राजू बाई को ऑपरेशन करके बाहर नहीं भेजा. परिजनों ने जब इसका कारण जानना चाहा तो उन्हें डांट कर बाहर ही रोक दिया. इसके कुछ देर बाद डॉक्टर उसे एंबुलेंस में बिठाकर निरोगधाम अस्पताल लाए और वहां से डॉक्टरों ने महिला को झालावाड़ एसआरजी अस्पताल में भेज दिया. जहां पर डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया.

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पैसे लेकर मामला दबाने की बात कही...

मामले की गंभीरता को देखते हुए झालावाड़ की भालता थाना पुलिस भी अस्पताल में पहुंची. इस दौरान महिला के परिजन पोस्टमार्टम कराने की मांग पर अड़े रहे. जिसके बाद परिजनों ने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करवाई एवं महिला का पोस्टमार्टम करवाया. परिजनों का कहना है कि निरोगधाम अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत हुई है. इसके अलावा अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी फाइल भी छीन ली है. कई बार मांगने पर भी उन्होंने अभी तक फाइल नहीं दी है. परिजनों ने मामला दबाने के लिए अस्पताल के डॉक्टरों पर 1500 रुपए देने की भी बात कही है.

सरकारी अस्पताल के बदले ले गए निरोगधाम हॉस्पिटल...

चिकित्सा विभाग ने सर्जनों की कमी के कारण नियम निदेशालय के निर्देश पर निरोगधाम अस्पताल को नसबंदी कैम्प लगाने की अनुमति दी थी. जिसमें ऑपरेशन किया गया किंतु ऑपरेशन के दौरान महिला की तबीयत बिगड़ जाने के बावजूद उसे नियमानुसार सरकारी अस्पताल में न ले जाकर निजी निरोगधाम अस्पताल में ले जाया गया और काफी समय बाद उसे झालावाड़ के सरकारी एसआरजी अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

भालता थाना अधिकारी राजपाल सिंह का कहना है कि मामले की सूचना मिलने पर वो एसआरजी अस्पताल में पहुंचे. जहां पर नसबंदी शिविर में एक महिला की मौत का मामला आया है. महिला के परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर जांच की जाएगी.

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