झालावाड़. जनाना अस्पताल में गुरुवार को एक प्रसूता की उपचार के दौरान मौत हो जाने के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया. मामले में मृतका के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया.
मृतका के परिजनों का कहना है, महिला के पेट में बच्चे की चार दिन पहले ही मौत हो गई थी. लेकिन परिजनों के लगातार गुहार लगाने के बावजूद भी डॉक्टर और नर्सिंग कर्मियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और वक्त पर ऑपरेशन नहीं किया. ऐसे में प्रसूता के पेट में जहर फैल जाने से गुरुवार को उसकी भी मौत हो गई.
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बता दें, कोटा जिले के जुल्मी गांव निवासी प्रसूता के पति विनोद कुमार ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा, वो उसकी पत्नी को प्रसव के लिए झालावाड़ के जिला जनाना अस्पताल में लेकर आया था. जहां पर उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होने के बावजूद भी उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया गया. बाद में इसी दौरान उसकी पत्नी कोमल के पेट में बच्चे की भी मौत हो गई, लेकिन चार दिन तक गुहार लगाने के बावजूद अस्पताल के महिला डॉक्टर और नर्सिंग कर्मियों ने प्रसूता की ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
परिजन लगातार उसका ऑपरेशन कर मृत बच्चे को बाहर निकालने की गुहार लगाते रहे, लेकिन डॉक्टरों ने कोई सुनवाई नहीं की. इसी दौरान प्रसूता के पेट में जहर फैल जाने से उसकी भी मौत हो गई. प्रसूता के पति ने कहा, अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ और चौकीदार भी उसको अंदर आने जाने के लिए पैसे मांगते रहे, लेकिन उसकी किसी ने गुहार नहीं सुनी.
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वहीं मामले की जानकारी मिलने के बाद कोतवाली थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और मृतका के परिजनों की समझाइश के बाद मृतक के परिजन बिना किसी कानूनी कार्रवाई के ही उसका शव अपने घर लेकर रवाना हो गए. इस दौरान करीब एक घंटे तक जिला जनाना अस्पताल में हंगामा होता रहा.