झालावाड़. आज सोमवार को देवरी गांव के ग्रामीणों ने कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट के मुख्य द्वार पर धरना पर बैठकर अपना विरोध जताया. वहीं बाद में अपनी मूलभूत सुविधाओं की मांगों को लेकर थर्मल प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा. विरोध प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि थर्मल प्रशासन की ओर से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) मद राशि को गांव के विकास पर खर्च नहीं किया जा रहा है.
मेन गेट पर प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बताया कि कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट के निर्माण के दौरान बड़े स्तर पर गांव की जमीनों का अधिग्रहण किया गया था. उस समय जमीन अधिग्रहण के बदले आसपास के गांव को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने सहित गांव के विकास के बड़े बड़े वादे किए गए थे. लेकिन लंबा समय बीत जाने के बावजूद थर्मल पावर प्लांट से सटे गांवों के लोग आज भी शिक्षा, चिकित्सा, पानी, जैसी कई मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में आज इन्हीं मांगों को लेकर कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया गया है. प्रदर्शन के दौराना ग्रामीणों ने मुख्य अभियंता को एक ज्ञापन भी सौंपा है.
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ग्रामीणों ने अभियंता केएल मीणा को ज्ञापन सौंपा है. अपने ज्ञापन में ग्रामीणों ने शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सड़क निर्माण सहित विभिन्न समस्याओं के निस्तारण की मांग की गई है. ग्रामीणों की मांग है कि सीएसआर मद की राशि को गांव के विकास पर खर्च किया जाए. बता दें कि केद्र सरकार ने कंपनी या फैक्ट्री को कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत अपने व्यवसाय के लाभ का दो प्रतिशत समाज के उत्थान पर खर्च करना अनिवार्य कर दिया है. इसका उद्देश्य है कि कंपनी के साथ साथ वहां के आसपास के लोगों को भी बेहतर जीवन मिले.
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