झालावाड़. उन्हेल ग्राम पंचायत के लोगों ने श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने की एक अनोखी परंपरा शुरू की है. इस श्राद्ध पक्ष में ग्रामीणों ने अपने पूर्वजों को पौधे लगाकर याद किया. गांव के प्रत्येक व्यक्ति ने रंग-बिरंगे ट्री गार्ड के साथ पौधे लगवाए और इन पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी ली. देखते ही देखते गांव में 15 दिन के अंदर 500 से अधिक पौधे लग गए. सभी पौधे सड़क के किनारे लगवाए गए हैं. ताकि जब कोई भी व्यक्ति गांव में प्रवेश करे तो उसको सुखद एहसास हो सके.
उन्हेल ग्राम पंचायत की सरपंच गायत्री राठी ने बताया कि वह कई साल से अपने पति के साथ मिलकर पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्य करती आ रही हैं. ऐसे में इस साल श्राद्ध पक्ष में उनको यह विचार आया कि पौधारोपण में सभी ग्रामीणों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए. ऐसे में उन्होंने घर-घर जाकर सबसे पहले महिलाओं से चर्चा की और उनको पौधारोपण के महत्व के बारे में बताया. साथ ही महिलाओं को बताया कि श्राद्ध पक्ष आ रहा है. ऐसे में एक पौधा लगाकर और उस पर अपने परिजनों का नाम लिखकर हम उनको श्रद्धांजलि दे सकते हैं.
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महिलाओं संग की मीटिंग
जब महिलाओं को सरपंच राठी की बात समझ में आने लगी तो उन्होंने गांव में मीटिंग रखी और इस अनोखी पहल के बारे में सभी को बताया. उसके बाद सभी ग्रामीणों ने इस पहल को स्वीकार कर लिया और पौधारोपण करने का सिलसिला शुरू हुआ. ऐसे में ग्राम पंचायत के लगभग सभी परिवारों ने सड़क किनारे पौधे रोपे और ट्री गार्ड भी लगाए. साथ ही उन पर आकर्षक रंग-रोगन भी करवाया गया. ट्री गार्ड्स पर जिन पूर्वजों का श्राद्ध था उनका नाम भी लिखा गया.
15 दिन में लगे 500 पौधे
सरपंच राठी ने बताया कि धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता बढ़ती गई और महज 15 दिन में ही पूरी ग्राम पंचायत में करीब 500 से अधिक पौधे लग गए. सरपंच ने बताया कि अब अगले साल भी ग्राम पंचायत के दो अन्य गांवों में इसी तरीके का अभियान चलाते हुए पौधारोपण किया जाएगा.
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वहीं इसको लेकर ग्रामीणों ने बताया कि हर साल श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजों को याद किया जाता है. ऐसे में उन्होंने इस बार पूर्वजों के नाम पर पौधरोपण करते हुए अनोखे अंदाज में अपने पूर्वजों को याद किया है. उन्होंने बताया कि पौधे लगाने के बाद उनकी सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड भी लगवाए गए हैं. साथ ही उनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी ली गई है. ऐसे में गांव का हर एक व्यक्ति उनके द्वारा लगाए गए पौधे को प्रतिदिन पानी देकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं.