झालावाड़. एसीबी टीम ने झालावाड़ में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. टीम ने पट्टा जारी करने की एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ ग्राम विकास अधिकारी को गिरफ्तार किया है.
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भवानी शंकर मीणा ने बताया, 3 मार्च 2021 को मोगरा गांव निवासी नारायण सिंह ने परिवाद दिया था, जिसमें उसने बताया था कि ग्राम विकास अधिकारी गोविंद मेहर ने उसको और अन्य पांच ग्रामवासियों को 5 अक्टूबर 2020 को पट्टा जारी करने के लिए नोटिस दिए थे. इसके तहत उन्होंने सभी से 10-10 हजार की रिश्वत राशि के हिसाब से कुल 60 हजार रुपए की मांग की थी. ऐसे में वो 30 हजार रुपए पूर्व में ले चुका था और अब 30 हजार रुपए की और मांग कर रहा है. उसके बाद एसीबी ने सत्यापन करते हुए सोमवार को ट्रैप की कार्रवाई की.
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उन्होंने बताया कि पचपहाड़ तहसील की मोगरा ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी गोविंद मेहर ने भवानी मंडी में किराए के कमरे में परिवादी नारायण सिंह से 30,000 लिए. इस दौरान गोविंद मेहर को एसीबी की भनक लग गई, जिस पैसों को गली में फेंककर नए बस स्टैंड की तरफ भाग गया. एसीबी की टीम ने उसका पीछा करते हुए पकड़ा और रिश्वत राशि को भी बरामद किया.
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मीणा ने बताया, इस भ्रष्टाचार के प्रकरण में ग्राम पंचायत के सचिव रणजीत सिंह भी लिप्त हैं. इन दोनों के द्वारा फर्जी लेटर हेड पर ग्रामीणों को पट्टे के नोटिस जारी किए जाते थे और उनसे अवैध रूप से वसूली की जाती थी. ऐसे में इस प्रकरण में ग्राम विकास अधिकारी गोविंद मेहर के साथ-साथ सरपंच रणजीत सिंह को भी बनाया गया है.