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झालावाड़: आदिवासी समाज ने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

झालावाड़ में गुरुवार को आदिवासी समाज ने अपने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने विश्व आदिवासी दिवस पर अनिवार्य अवकाश घोषित करने की मांग रखी.

Tribal society submitted memorandum, आदिवासी समाज ने सौंपा ज्ञापन
आदिवासी समाज ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Jul 9, 2020, 5:17 PM IST

झालावाड़. जिले के मीणा समाज सेवा समिति ने 9 अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व आदिवासी दिवस को राजकीय अवकाश घोषित करने सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर निकया गोहाएन को ज्ञापन सौंपा हैं.

ज्ञापन में मांग की गई है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने दिसंबर 1994 में घोषणा की थी कि 9 अगस्त को पूरे विश्व में आदिवासी दिवस मनाया जाएगा. ऐसे में इस दिवस को ऐच्छिक अवकाश के बजाय राजकीय अवकाश घोषित किया जाए. जिससे आदिवासी समाज के लोगों के साथ-साथ अन्य समाजों के लोग भी आदिवासियों के प्रति जागरूक हों और उनके अधिकारों और हितों में काम करें.

आदिवासी समाज ने सौंपा ज्ञापन

इस दौरान ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि आदिवासियों को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के बारे में सरकारी तंत्र को जागरूक करना चाहिए और आदिवासियों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए. साथ ही आदिवासी अधिकारों की जन जागरूकता के लिए आदिवासियों के मध्य सरकारी अभियान भी चलाया जाना चाहिए.

पढ़ेंः जयपुर: 47 थाना इलाकों के 219 स्थानों पर लगाया गया आंशिक कर्फ्यू

संविधान की पांचवी अनुसूची को प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए, वन अधिकार अधिनियम 2006 को प्रभावी रूप से पूरे राजस्थान में लागू किया जाए. इस नियम में दिए गए सामुदायिक अधिकारों के तहत गांवों को सामुदायिक पट्टे अतिशीघ्र दिए जाएं, पेसा एक्ट 1996 को सख्ती से लागू किया जाए और ग्राम सभा को मजबूत किया जाए, रणथंभौर, कैला देवी और सरिस्का अभ्यारण से होने वाले विस्थापन को शीघ्र रोका जाए, कोई छात्र छात्रवृत्ति से वंचित ना रहे, इसके लिए सभी संस्थाओं को बाध्य किया जाए, टीएसपी क्षेत्रों में आबादी के अनुपात में आरक्षण लागू किया जाए और पूर्वी राजस्थान के कई आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जिनको टीएसपी एरिया घोषित किया जाए. इन सभी मांगो पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए.

झालावाड़. जिले के मीणा समाज सेवा समिति ने 9 अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व आदिवासी दिवस को राजकीय अवकाश घोषित करने सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर निकया गोहाएन को ज्ञापन सौंपा हैं.

ज्ञापन में मांग की गई है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने दिसंबर 1994 में घोषणा की थी कि 9 अगस्त को पूरे विश्व में आदिवासी दिवस मनाया जाएगा. ऐसे में इस दिवस को ऐच्छिक अवकाश के बजाय राजकीय अवकाश घोषित किया जाए. जिससे आदिवासी समाज के लोगों के साथ-साथ अन्य समाजों के लोग भी आदिवासियों के प्रति जागरूक हों और उनके अधिकारों और हितों में काम करें.

आदिवासी समाज ने सौंपा ज्ञापन

इस दौरान ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि आदिवासियों को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के बारे में सरकारी तंत्र को जागरूक करना चाहिए और आदिवासियों के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए. साथ ही आदिवासी अधिकारों की जन जागरूकता के लिए आदिवासियों के मध्य सरकारी अभियान भी चलाया जाना चाहिए.

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संविधान की पांचवी अनुसूची को प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए, वन अधिकार अधिनियम 2006 को प्रभावी रूप से पूरे राजस्थान में लागू किया जाए. इस नियम में दिए गए सामुदायिक अधिकारों के तहत गांवों को सामुदायिक पट्टे अतिशीघ्र दिए जाएं, पेसा एक्ट 1996 को सख्ती से लागू किया जाए और ग्राम सभा को मजबूत किया जाए, रणथंभौर, कैला देवी और सरिस्का अभ्यारण से होने वाले विस्थापन को शीघ्र रोका जाए, कोई छात्र छात्रवृत्ति से वंचित ना रहे, इसके लिए सभी संस्थाओं को बाध्य किया जाए, टीएसपी क्षेत्रों में आबादी के अनुपात में आरक्षण लागू किया जाए और पूर्वी राजस्थान के कई आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जिनको टीएसपी एरिया घोषित किया जाए. इन सभी मांगो पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए.

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