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विश्व पर्यटन दिवस विशेष: कोरोना के कारण टूरिस्ट प्लेस पड़े सूने, रोजगार पर भी भारी असर

पर्यटन राजस्थान के मुख्य रोजगार में शुमार है. राज्य के हर जिले में कई दर्शनीय स्थल हैं. यहां विशेषरूप से प्राचीन दुर्ग और किले हैं, जो इस प्रदेश को और भी खास बनाते हैं. इनके अलावा राजस्थान में कई पौराणिक मन्दिर भी है. प्रदेश के झालावाड़ में भी कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं. इन रमणीय स्थलों को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं, लेकिन कोरोना के कारण अब पर्यटक नहीं आ पा रहे हैं. जिसके चलते जिले में पर्यटन से जुड़े हुए सभी क्षेत्रों के लोग खराब दौर से गुजर रहे हैं.

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कोरोना के कारण पर्यटन स्थल पड़े हैं सूने
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Published : Sep 26, 2020, 12:02 PM IST

Updated : Sep 27, 2020, 10:33 AM IST

झालावाड़. क्षेत्रफल के आधार पर राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है. यहां पर आपको घूमने के लिए कई बेहतरीन जगहें मिल जाएंगी. खासतौर से यहां पर कई बेहतरीन मंदिर और किले मौजूद हैं. जो न सिर्फ भारतीयों को बल्कि विदेशी सैलानियों के भी आकर्षण का मुख्य केन्द्र हैं. प्राकृतिक सुंदरता और महान इतिहास से समृद्ध भारत का राज्य राजस्थान पर्यटकों को अपनी ओर खींच ही लाता है.

कोरोना के कारण पर्यटन स्थल पड़े हैं सूने

हाल ही में दुनियाभर में कोहराम मचा रहे कोरोना वायरस का असर सभी क्षेत्रों में देखने को मिला है. लॉकडाउन के चलते पर्यटन क्षेत्र सबसे बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. पर्यटन के साथ अनेक प्रकार के व्यवसाय भी जुड़े हुए रहते हैं. जिनसे कई लोगों की आजीविका चलती है. ऐसे में टूरिस्म सेक्टर की कमर टूटने से गाइड, फोटोग्राफर और पर्यटन स्थलों के आसपास चाय-नाश्ते का ठेले लगाने वालों की कमाई पर भी बुरी तरह से असर पड़ा है.

इस साल पर्यटकों का गिर गया ग्राफ

झालावाड़ जिला न सिर्फ प्रदेश में बल्कि पूरे देश विदेश में टूरिज्म के लिए जाना जाता है. यहां पिछले साल 90 हजार देसी और 65 विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आए थे. वहीं इस बार देशी पर्यटकों की संख्या महज 24,585 पर ही पहुंच पाई है. वहीं विदेश से तो महज 13 पर्यटक ही झालावाड़ पहुंच पाए हैं.

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इस साल नहीं पहुंच रहे सैलानी

जिले में कोरोना काल में पर्यटन की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है. लॉकडाउन लगाए जाने के बाद अप्रैल महीने से लेकर अब तक जिले में महज 2,463 पर्यटक ही आए हैं. जिससे पर्यटन से जुड़े हुए लोगों की आर्थिक स्थिति पर गड़बड़ा गई है.

झालावाड़ में ये हैं मुख्य पर्यटन स्थल

झालावाड़ में जहां वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल गागरोन का ऐतिहासिक जलदुर्ग है. "सिटी ऑफ बैल्स" के नाम से मशहूर झालरापाटन शहर भी है, जहां पर ऐतिहासिक नौलखा किला, चंद्रभागा मंदिर, द्वारकाधीश मन्दिर और सूर्य मंदिर जैसे कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं.

पढ़ें: SPECIAL: विजयदशमी पर इस बार भगवान श्री रघुनाथजी की नहीं निकलेगी 'रेवाड़ी', टूटेगी सदियों पुरानी परंपरा

जिले में बौद्ध कालीन कोलवी और विनायगा की गुफाएं भी हैं. इसके अलावा दलहनपुर जैसी ऐतिहासिक धरोहर भी यहां पर है. जैन धर्म के प्रसिद्ध उन्हेल नागेश्वर और चांदखेड़ी का मंदिर भी है. वहीं मुकुंदरा की खूबसूरत पहाड़ियों और उनके बीच में से बहती हुई कालीसिंध व आहू नदी भी है. ऐसे में इन रमणीय स्थलों को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं, लेकिन कोरोना के कारण अब पर्यटक जिले में नहीं आ पा रहे हैं. जिसके चलते जिले में पर्यटन से जुड़े हुए सभी क्षेत्रों के लोग बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं.

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झालावाड़ में हैं कई पर्यटन स्थल

फोटोग्राफर्स के पास नहीं बचा रोजगार

यहां काम करने वाले फोटोग्राफर्स बताते हैं कि जहां पहले रोजाना उनके पास फोटोग्राफी, एडिटिंग, फोटोशूट और किराए पर कैमरे के लिए आर्डर आते थे. वहीं अब पर्यटक नहीं आने से यह सिलसिला पूरी तरह से बंद हो चुका है. जिसके चलते फोटोग्राफर्स के लिए घर चलाना भी मुश्किल हो गया है. अब उनके महंगे-महंगे कैमरे किसी भी उपयोग के नहीं रह गए हैं.

पर्यटन स्थलों के आसपास चाय-नाश्ते की थड़ी लगाने वाले लोगों ने बताया कि पहले पर्यटन स्थलों पर चहल-पहल रहने से उनका घर खर्च चल जाया करता था, लेकिन अब दिन भर में बहुत ही कम लोग आते हैं. जिसके चलते उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है. उन्होंने बताया कि पर्यटक नहीं आने से अब वो पर्यटन स्थलों को छोड़कर शहरों में आकर अपना सामान बेच रहे हैं.

होटल संचालकों पर आर्थिक संकट

वहीं होटल व्यवसाय से जुड़े हुए होटल संचालकों ने बताया कि उनका व्यवसाय मुख्य तौर पर पर्यटकों पर ही निर्भर होता है. पर्यटकों के आते रहने से उनकी अच्छी कमाई होती रहती है, लेकिन अब पर्यटक ही नहीं आ रहे हैं, तो उनके होटल सूने पड़े हुए हैं. ऐसे में होटल व्यवसाय को भी भारी घाटा उठाना पड़ रहा है.

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पर्यटन से जुड़े लोगों की टूटी कमर

पढ़ें: SPECIAL: 'चेरापूंजी' का एहसास कराने वाली 'झीर नर्सरी' उजड़ी, लापरवाही पड़ी भारी

असिस्टेंट टूरिस्ट ऑफिसर सिराज कुरैशी ने बताया कि कोविड19 महामारी के कारण जिले में पर्यटन पूरी तरह से बंद रहा. अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं, तो पर्यटक आ रहे हैं. वहीं पर्यटन विभाग के द्वारा भी झालावाड़ में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को सोशल मीडिया और होटल्स पर डिस्काउंट के ऑफर देते हुए पर्यटकों को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. इस दौरान पर्यटन स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन की पालना भी करवाई जाती है.

झालावाड़. क्षेत्रफल के आधार पर राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है. यहां पर आपको घूमने के लिए कई बेहतरीन जगहें मिल जाएंगी. खासतौर से यहां पर कई बेहतरीन मंदिर और किले मौजूद हैं. जो न सिर्फ भारतीयों को बल्कि विदेशी सैलानियों के भी आकर्षण का मुख्य केन्द्र हैं. प्राकृतिक सुंदरता और महान इतिहास से समृद्ध भारत का राज्य राजस्थान पर्यटकों को अपनी ओर खींच ही लाता है.

कोरोना के कारण पर्यटन स्थल पड़े हैं सूने

हाल ही में दुनियाभर में कोहराम मचा रहे कोरोना वायरस का असर सभी क्षेत्रों में देखने को मिला है. लॉकडाउन के चलते पर्यटन क्षेत्र सबसे बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. पर्यटन के साथ अनेक प्रकार के व्यवसाय भी जुड़े हुए रहते हैं. जिनसे कई लोगों की आजीविका चलती है. ऐसे में टूरिस्म सेक्टर की कमर टूटने से गाइड, फोटोग्राफर और पर्यटन स्थलों के आसपास चाय-नाश्ते का ठेले लगाने वालों की कमाई पर भी बुरी तरह से असर पड़ा है.

इस साल पर्यटकों का गिर गया ग्राफ

झालावाड़ जिला न सिर्फ प्रदेश में बल्कि पूरे देश विदेश में टूरिज्म के लिए जाना जाता है. यहां पिछले साल 90 हजार देसी और 65 विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आए थे. वहीं इस बार देशी पर्यटकों की संख्या महज 24,585 पर ही पहुंच पाई है. वहीं विदेश से तो महज 13 पर्यटक ही झालावाड़ पहुंच पाए हैं.

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इस साल नहीं पहुंच रहे सैलानी

जिले में कोरोना काल में पर्यटन की स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है. लॉकडाउन लगाए जाने के बाद अप्रैल महीने से लेकर अब तक जिले में महज 2,463 पर्यटक ही आए हैं. जिससे पर्यटन से जुड़े हुए लोगों की आर्थिक स्थिति पर गड़बड़ा गई है.

झालावाड़ में ये हैं मुख्य पर्यटन स्थल

झालावाड़ में जहां वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल गागरोन का ऐतिहासिक जलदुर्ग है. "सिटी ऑफ बैल्स" के नाम से मशहूर झालरापाटन शहर भी है, जहां पर ऐतिहासिक नौलखा किला, चंद्रभागा मंदिर, द्वारकाधीश मन्दिर और सूर्य मंदिर जैसे कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं.

पढ़ें: SPECIAL: विजयदशमी पर इस बार भगवान श्री रघुनाथजी की नहीं निकलेगी 'रेवाड़ी', टूटेगी सदियों पुरानी परंपरा

जिले में बौद्ध कालीन कोलवी और विनायगा की गुफाएं भी हैं. इसके अलावा दलहनपुर जैसी ऐतिहासिक धरोहर भी यहां पर है. जैन धर्म के प्रसिद्ध उन्हेल नागेश्वर और चांदखेड़ी का मंदिर भी है. वहीं मुकुंदरा की खूबसूरत पहाड़ियों और उनके बीच में से बहती हुई कालीसिंध व आहू नदी भी है. ऐसे में इन रमणीय स्थलों को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं, लेकिन कोरोना के कारण अब पर्यटक जिले में नहीं आ पा रहे हैं. जिसके चलते जिले में पर्यटन से जुड़े हुए सभी क्षेत्रों के लोग बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं.

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झालावाड़ में हैं कई पर्यटन स्थल

फोटोग्राफर्स के पास नहीं बचा रोजगार

यहां काम करने वाले फोटोग्राफर्स बताते हैं कि जहां पहले रोजाना उनके पास फोटोग्राफी, एडिटिंग, फोटोशूट और किराए पर कैमरे के लिए आर्डर आते थे. वहीं अब पर्यटक नहीं आने से यह सिलसिला पूरी तरह से बंद हो चुका है. जिसके चलते फोटोग्राफर्स के लिए घर चलाना भी मुश्किल हो गया है. अब उनके महंगे-महंगे कैमरे किसी भी उपयोग के नहीं रह गए हैं.

पर्यटन स्थलों के आसपास चाय-नाश्ते की थड़ी लगाने वाले लोगों ने बताया कि पहले पर्यटन स्थलों पर चहल-पहल रहने से उनका घर खर्च चल जाया करता था, लेकिन अब दिन भर में बहुत ही कम लोग आते हैं. जिसके चलते उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है. उन्होंने बताया कि पर्यटक नहीं आने से अब वो पर्यटन स्थलों को छोड़कर शहरों में आकर अपना सामान बेच रहे हैं.

होटल संचालकों पर आर्थिक संकट

वहीं होटल व्यवसाय से जुड़े हुए होटल संचालकों ने बताया कि उनका व्यवसाय मुख्य तौर पर पर्यटकों पर ही निर्भर होता है. पर्यटकों के आते रहने से उनकी अच्छी कमाई होती रहती है, लेकिन अब पर्यटक ही नहीं आ रहे हैं, तो उनके होटल सूने पड़े हुए हैं. ऐसे में होटल व्यवसाय को भी भारी घाटा उठाना पड़ रहा है.

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पर्यटन से जुड़े लोगों की टूटी कमर

पढ़ें: SPECIAL: 'चेरापूंजी' का एहसास कराने वाली 'झीर नर्सरी' उजड़ी, लापरवाही पड़ी भारी

असिस्टेंट टूरिस्ट ऑफिसर सिराज कुरैशी ने बताया कि कोविड19 महामारी के कारण जिले में पर्यटन पूरी तरह से बंद रहा. अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं, तो पर्यटक आ रहे हैं. वहीं पर्यटन विभाग के द्वारा भी झालावाड़ में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को सोशल मीडिया और होटल्स पर डिस्काउंट के ऑफर देते हुए पर्यटकों को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है. इस दौरान पर्यटन स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन की पालना भी करवाई जाती है.

Last Updated : Sep 27, 2020, 10:33 AM IST
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