झालावाड़. जिले की भालता पुलिस ने दुष्कर्म के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. वहीं, अनुसंधान के दौरान एक रोचक कहानी निकलकर सामने आई है. पुलिस की ओर से बताया कि आरोपी दुष्कर्म के मामले से बचने व पीड़िता को उसकी हत्या के मामले में फंसाने के लिए खुद की मौत की झूठी कहानी रची थी, लेकिन आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
जांच के दौरान सामने आई चौंकाने वाली कहानी : जिला पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने बताया कि भालता थाने में 80 वर्षीय बुजुर्ग देवी सिंह ने मामला दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने बताया कि उनका बेटा सुजान सिंह पिछले तीन दिनों से लापता है. साथ ही उसके बेटे के खून से सने कपड़े, जूते, पर्स, मोबाइल और एक चाकू गांव के बाहर पड़े होने की भी बात कही थी. इसके बाद पुलिस मामले की तस्दीक करने के लिए मौके पर पहुंची. वहीं, इस पूरे केस को गंभीरता लेते हुए पुलिस ने तत्काल एफएसएल टीम को घटनास्थल पर बुलाकर साक्ष्य जुटाए.
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ऐसे हुआ मामले का खुलासा : इधर, डॉग स्क्वायड टीम भेज कर सर्च अभियान चलाया गया. इसी दौरान एक पीड़िता ने थाने में आकर सुजान सिंह पुत्र देवी सिंह के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया. पीड़िता ने बताया कि सुजान सिंह उसके साथ 8 से 10 साल से जबरन दुष्कर्म कर रहा था. 3 दिन पहले वो दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाने के डर से अपनी मौत की झूठी कहानी रचकर मौके से फरार हो गया है. इसके बाद आरोपी के उसकी मौत की झूठी साजिश रचने का खुलासा हुआ.
पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी : जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पीड़िता से की गई गहन पूछताछ व एफएसएल टीम के एकत्रित साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया. इसके लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजी लाल मीणा और डीएसपी राजेंद्र कुमार के निर्देशन में एक टीम गठित कर मामले का खुलासा किया गया. साथ ही बुधवार को पुलिस ने आरोपी सुजान सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
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पीड़िता को फंसाने की थी साजिश : वहीं, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसका पीड़िता से करीब 7 से 8 सालों से संबंध है और पीड़िता जानबूझकर उसे फंसाने के लिए उस पर दुष्कर्म का आरोप लगा रही है. ऐसे में वो घबरा गया था और बचने के लिए उसने खुद की मौत की कहानी रच दी. ऐसे में उसने कपड़ों पर मुर्गे का खून लगाया और फिर बाद में गांव के बाहर अपना मोबाइल, पर्स, जूता और एक चाकू फेंकर वहां से फरार हो गया था, ताकि उसकी हत्या का शक पीड़िता पर जाए.