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तपती धूप में पैदल ही घरों की ओर निकल रहे प्रवासी राजस्थानी, नहीं थम रहा सिलसिला - भूखे प्यासे मजदूरों को दिया खाना

कोरोना वायरस के चलते इन दिनों शहरों से होकर निकल रहे अन्य राज्यों से प्रवासियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. वैसे प्रशासन एक दिन इन मजदूरों को घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की थी, लेकिन कुछ की व्यवस्था नहीं होने पर वे पैदल ही अपने घरों की ओर चले जा रहे है. इस दौरान ना ही किसी प्रकार की कोई सावधानी बरती जा रही है और ना ही किसी प्रकार की कोई सोशल डिस्टेंसिंग रखी जा रही है.

झालावाड़ की खबर, jhalawar news
अपने घरों को लौटते दिहाड़ी मजदूर
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Published : Mar 31, 2020, 8:00 PM IST

मनोहरथाना (झालावाड़). जिले के मनोहरथाना क्षेत्र के न जाने कितने दिहाड़ी मजदूर परदेश गए थे. ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के तहत वापस अपने घर को धीरे-धीरे लौट रहे है. इनमें से न जाने कितने ऐसे मजदूर है जो पैदल ही अपने घर को आने के लिए मजबूर है.

अपने घरों को लौटते दिहाड़ी मजदूर

इस दौरान जब जिले के विभिन्न सड़क मार्गों पर ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लेते हुए रियलिटी चेक किया, तो इस बाबत एक दिहाड़ी मजदूर ने बताया कि उन्होंने 2 दिनों से कुछ नहीं खाया, अब तो कुछ खाने को दे दो. ऐसे में ईटीवी रिपोर्टर ने भामाशाह की मदद के तहत जिले के खुरी चौराहा पर कामखेड़ा पुलिस थाना अधिकारी मदनलाल वर्मा के नेतृत्व में बस को रुकवाते हुए सभी मजदूरों को मास्क उपलब्ध करवाए.

पढ़ें- अनूठी सेवा : झालावाड़ सेंट्रल जेल के बंदियों ने जरूरतमंदों के लिए बनाया खाना

इसके उपरांत भूखे-प्यासे मजदूरों को थाना प्रभारी मदनलाल वर्मा, कॉन्ट्रैक्टर असलम खां, एडवोकेट फिरोज खां, जगमाल खां, शाहिद खां, हाजी अशरफ खां समेत कई लोग इनके मदद के लिए आगे आए, जिनके लिए चाय-नाश्ता, भोजन, बिस्किट आदि वितरित किए गए.

ऐसे में पैदल चलकर आए एक मजदूर का परिवार झालावाड़ पहुंचा, जिसके परिवार में एक महिला और बच्ची थे, लेकिन पैदल ही इतनी लंबी दूरी तय करने के कारण महिलाओं-बच्चों के पैरों में छाले पड़ गए थे. बताया जा रहा है कि इस परिवार को मनोहरथाना जाना है, लेकिन कोई साधन नहीं होने से बस स्टैंड पर इंतजार करते रहे.

पढ़ें- भीलवाड़ा: विभिन्न राज्यों से लौटे मजदूरों को जांच के बाद रखा होम आइसोलेशन में

वहीं, एक ऐसा परिवार मिला, जिसे मध्यप्रदेश की ओर जाना था, लेकिन साधन के अभाव में पैदल ही जाना पड़ा. ऐसे में वे लोग प्रशासन को कोसते रहे. इनमें एक ओर तो कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाला खतरा और दूसरी ओर सिर पर भारी-भरकम सामान के साथ ही महिलाओं के गोद में नन्हे-नन्हे बच्चे लेकर पैदल ही चलते नजर आए.

मनोहरथाना (झालावाड़). जिले के मनोहरथाना क्षेत्र के न जाने कितने दिहाड़ी मजदूर परदेश गए थे. ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के तहत वापस अपने घर को धीरे-धीरे लौट रहे है. इनमें से न जाने कितने ऐसे मजदूर है जो पैदल ही अपने घर को आने के लिए मजबूर है.

अपने घरों को लौटते दिहाड़ी मजदूर

इस दौरान जब जिले के विभिन्न सड़क मार्गों पर ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लेते हुए रियलिटी चेक किया, तो इस बाबत एक दिहाड़ी मजदूर ने बताया कि उन्होंने 2 दिनों से कुछ नहीं खाया, अब तो कुछ खाने को दे दो. ऐसे में ईटीवी रिपोर्टर ने भामाशाह की मदद के तहत जिले के खुरी चौराहा पर कामखेड़ा पुलिस थाना अधिकारी मदनलाल वर्मा के नेतृत्व में बस को रुकवाते हुए सभी मजदूरों को मास्क उपलब्ध करवाए.

पढ़ें- अनूठी सेवा : झालावाड़ सेंट्रल जेल के बंदियों ने जरूरतमंदों के लिए बनाया खाना

इसके उपरांत भूखे-प्यासे मजदूरों को थाना प्रभारी मदनलाल वर्मा, कॉन्ट्रैक्टर असलम खां, एडवोकेट फिरोज खां, जगमाल खां, शाहिद खां, हाजी अशरफ खां समेत कई लोग इनके मदद के लिए आगे आए, जिनके लिए चाय-नाश्ता, भोजन, बिस्किट आदि वितरित किए गए.

ऐसे में पैदल चलकर आए एक मजदूर का परिवार झालावाड़ पहुंचा, जिसके परिवार में एक महिला और बच्ची थे, लेकिन पैदल ही इतनी लंबी दूरी तय करने के कारण महिलाओं-बच्चों के पैरों में छाले पड़ गए थे. बताया जा रहा है कि इस परिवार को मनोहरथाना जाना है, लेकिन कोई साधन नहीं होने से बस स्टैंड पर इंतजार करते रहे.

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वहीं, एक ऐसा परिवार मिला, जिसे मध्यप्रदेश की ओर जाना था, लेकिन साधन के अभाव में पैदल ही जाना पड़ा. ऐसे में वे लोग प्रशासन को कोसते रहे. इनमें एक ओर तो कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाला खतरा और दूसरी ओर सिर पर भारी-भरकम सामान के साथ ही महिलाओं के गोद में नन्हे-नन्हे बच्चे लेकर पैदल ही चलते नजर आए.

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