ETV Bharat / state

झालावाड़: आरक्षण अवधि बढ़ाने के बिल का विरोध, समता आंदोलन समिति का प्रदर्शन - अनुच्छेद 143

झालावाड़ में आरक्षण की अवधि बढ़ाने वाले संविधान संशोधन बिल को रोकने के विरोध में समता आंदोलन समिति ने प्रदर्शन किया. समिति का कहना है, कि ये संविधान संशोधन बिल करोड़ों राष्ट्रवादी मतदाताओं के साथ किया गया धोखा है और भारतीय संसद की गरिमा को गिराने वाला है.

jhalawar news, झालावाड़ की खबर
jhalawar news, झालावाड़ की खबर
author img

By

Published : Dec 13, 2019, 4:49 PM IST

झालावाड़. जिले में समता आंदोलन समिति की ओर से आरक्षण की अवधि बढ़ाने वाले संविधान संशोधन बिल के विरोध में शुक्रवार को मिनी सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया.

आरक्षण अवधि बढ़ाने वाले संविधान संसोधन बिल का विरोध

समता आंदोलन समिति का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से 10 दिसंबर को लोकसभा में आरक्षण की अवधि बढ़ाने वाला संविधान संशोधन बिल पास करवाया गया है जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक है और भारतीय लोकतंत्र का मजाक है. यह संविधान संशोधन बिल करोड़ों राष्ट्रवादी मतदाताओं के साथ किया गया धोखा है और भारतीय संसद की गरिमा को गिराने वाला है.

पढ़ें- बेस्ट पुलिसिंग: देश के टॉप-10 में से झालावाड़ का बकानी थाना 7वें स्थान पर

ऐसे में हमारी मांग है कि प्रस्तावित संविधान संशोधन बिल को संसद में पास कराने से केंद्र सरकार को रोका जाना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय को 20 वर्षों से लंबित याचिकाओं का निर्णय तत्काल करने का आदेश दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही अनुच्छेद 143 के अधीन सर्वोच्च न्यायालय से उक्त प्रस्तावित संविधान संशोधन बिल पर आप से सलाह लेने का आदेश किया जाना चाहिए और सभी राजनीतिक दलों को किसी भी तरह के ऐसे विषयों पर पार्टी व्हिप जारी करने से रोका जाए. सभी सांसदों को स्वतंत्र, निर्भीक और निष्पक्ष होकर इस संविधान संशोधन बिल पर अपने राष्ट्रवादी मतदाताओं की इच्छा के अनुरूप मतदान में हिस्सा लेने को प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि संसद की गरिमा को बचाया जा सके.

झालावाड़. जिले में समता आंदोलन समिति की ओर से आरक्षण की अवधि बढ़ाने वाले संविधान संशोधन बिल के विरोध में शुक्रवार को मिनी सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया.

आरक्षण अवधि बढ़ाने वाले संविधान संसोधन बिल का विरोध

समता आंदोलन समिति का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से 10 दिसंबर को लोकसभा में आरक्षण की अवधि बढ़ाने वाला संविधान संशोधन बिल पास करवाया गया है जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक है और भारतीय लोकतंत्र का मजाक है. यह संविधान संशोधन बिल करोड़ों राष्ट्रवादी मतदाताओं के साथ किया गया धोखा है और भारतीय संसद की गरिमा को गिराने वाला है.

पढ़ें- बेस्ट पुलिसिंग: देश के टॉप-10 में से झालावाड़ का बकानी थाना 7वें स्थान पर

ऐसे में हमारी मांग है कि प्रस्तावित संविधान संशोधन बिल को संसद में पास कराने से केंद्र सरकार को रोका जाना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय को 20 वर्षों से लंबित याचिकाओं का निर्णय तत्काल करने का आदेश दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही अनुच्छेद 143 के अधीन सर्वोच्च न्यायालय से उक्त प्रस्तावित संविधान संशोधन बिल पर आप से सलाह लेने का आदेश किया जाना चाहिए और सभी राजनीतिक दलों को किसी भी तरह के ऐसे विषयों पर पार्टी व्हिप जारी करने से रोका जाए. सभी सांसदों को स्वतंत्र, निर्भीक और निष्पक्ष होकर इस संविधान संशोधन बिल पर अपने राष्ट्रवादी मतदाताओं की इच्छा के अनुरूप मतदान में हिस्सा लेने को प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि संसद की गरिमा को बचाया जा सके.

Intro:झालावाड़ में आरक्षण की अवधि बढ़ाने वाले संविधान संशोधन बिल को रोकने के विरोध में समता आंदोलन समिति के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।




Body:समता आंदोलन समिति के द्वारा आरक्षण की अवधि बढ़ाने वाले संविधान संशोधन बिल के विरोध में आज झालावाड़ के मिनी सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया गया तथा राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया। समता आंदोलन समिति का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा 10 दिसंबर को लोकसभा में आरक्षण की अवधि बढ़ाने वाला संविधान संशोधन बिल पास करवाया गया है। जो की पूरी तरह से असंवैधानिक है और भारतीय लोकतंत्र का मजाक है। यह संविधान संशोधन बिल करोड़ों राष्ट्रवादी मतदाताओं के साथ किया गया धोखा है तथा भारतीय संसद की गरिमा को गिराने वाला है।

ऐसे में हमारी मांग है कि प्रस्तावित संविधान संशोधन बिल को संसद में पास कराने से केंद्र सरकार को रोका जाना चाहिए, सर्वोच्च न्यायालय को 20 वर्षों से लंबित याचिकाओं का निर्णय तत्काल करने का आदेश दिया जाना चाहिए, अनुच्छेद 143 के अधीन सर्वोच्च न्यायालय से उक्त प्रस्तावित संविधान संशोधन बिल पर आप से सलाह लेने का आदेश किया जाना चाहिए तथा सभी राजनीतिक दलों को किसी भी तरह के ऐसे विषयों पर पार्टी व्हिप जारी करने से रोका जाए व सभी सांसदों को स्वतंत्र, निर्भीक और निष्पक्ष होकर इस संविधान संशोधन बिल पर अपने राष्ट्रवादी मतदाताओं की इच्छा के अनुरूप मतदान में हिस्सा लेने को प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि संसद की गरिमा को बचाया जा सके।


Conclusion:बाइट - बृजराज शरण गौतम (जिलाध्यक्ष, समता आंदोलन समिति)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.