झालावाड़. जिले में समता आंदोलन समिति की ओर से आरक्षण की अवधि बढ़ाने वाले संविधान संशोधन बिल के विरोध में शुक्रवार को मिनी सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया.
समता आंदोलन समिति का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से 10 दिसंबर को लोकसभा में आरक्षण की अवधि बढ़ाने वाला संविधान संशोधन बिल पास करवाया गया है जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक है और भारतीय लोकतंत्र का मजाक है. यह संविधान संशोधन बिल करोड़ों राष्ट्रवादी मतदाताओं के साथ किया गया धोखा है और भारतीय संसद की गरिमा को गिराने वाला है.
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ऐसे में हमारी मांग है कि प्रस्तावित संविधान संशोधन बिल को संसद में पास कराने से केंद्र सरकार को रोका जाना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय को 20 वर्षों से लंबित याचिकाओं का निर्णय तत्काल करने का आदेश दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही अनुच्छेद 143 के अधीन सर्वोच्च न्यायालय से उक्त प्रस्तावित संविधान संशोधन बिल पर आप से सलाह लेने का आदेश किया जाना चाहिए और सभी राजनीतिक दलों को किसी भी तरह के ऐसे विषयों पर पार्टी व्हिप जारी करने से रोका जाए. सभी सांसदों को स्वतंत्र, निर्भीक और निष्पक्ष होकर इस संविधान संशोधन बिल पर अपने राष्ट्रवादी मतदाताओं की इच्छा के अनुरूप मतदान में हिस्सा लेने को प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि संसद की गरिमा को बचाया जा सके.