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Miracle in Jhalawar: मौत के 16 साल बाद वापस लौटा तोरण, पुनर्जन्म की ये कहानी हैरान कर देगी

झालावाड़ में पुनर्जन्म (Rebirth in Jhalawar) की हैरान कर देने वाली कहानी सामने आई है. यहां एक 4 साल का बालक अपने पुनर्जन्म की बात बता रहा है. यह भी बता रहा है कि उसकी मौत कैसे हुई और कब हुई. बातें सुनकर सभी चकित हो जा रहे हैं.

Toran returned after 16 years of death
झालावाड़ में पुनर्जन्म
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Published : Feb 12, 2022, 10:34 PM IST

Updated : Feb 12, 2022, 10:40 PM IST

झालावाड़. क्या पुनर्जन्म होता है...ये बड़ा सवाल है जिसका जवाब शायद किसी के पास नहीं, लेकिन झालावाड़ के एक गांव में एक बच्चा ऐसी कहानी बता रहा है जो आपको पुनर्जन्म (Rebirth in Jhalawar) पर विश्वास करने को मजबूर कर देगा. राजस्थान के झालावाड़ में एक 4 साल के बच्चे ने अपने पुनर्जन्म को लेकर चौंकाने वाली बातें बताई हैं. बच्चे की बातों को सुनकर मां-बाप से लेकर रिश्तेदार और गांव वाले सभी आश्चर्यचकित हैं. मासूम पिछले जन्म की जो बातें और किस्सों को भी बता रहा है जो कि सच साबित हो रहे है. पिछली जिंदगी में उसकी मौत कब और कैसे हुई यह भी वह बता रहा है.

कहानी शुरू होती है झालावाड़ के मनोहरथाना क्षेत्र के खजूरी गांव से जहां ओंकार लाल मेहर परिवार संग रहते हैं. इनके 3 साल का एक बेटा है जिसका नाम मोहित है. मोहित जन्म से ही ट्रैक्टर की आवाज सुनकर डरता था और रोने लग जाता था. छोटा होने की वजह से वह रोने का कारण नहीं बता पाता था. जब वह थोड़ा बड़ा हुआ और बोलने लगा तो अपना नाम मोहित के बजाय तोरण बताने लगा. ट्रैक्टर की आवाज सुनकर रोने की वजह बताया तो लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई.

झालावाड़ में पुनर्जन्म

पढ़ें. पुनर्जन्म के बाद घर पहुंचा बेटा, 'मौत' का कारण बताया तो छलके मां-बाप के आंसू

परिजनों ने जब इसकी पड़ताल की तो जो बात निकल कर सामने आई वह सुनकर वे अचंभे में पड़ गए. पता चला कि 16 वर्ष पहले 25 वर्षीय तोरण कोलू खेड़ी में रोड के निर्माण कार्य में मजदूरी करने गया था. इस दौरान ट्रैक्टर के नीचे दबने से उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद उसके पिता कल्याण सिंह धाकड़ जमीन जायदाद और मकान बेचकर मध्य प्रदेश के जामनेर थाना क्षेत्र के शंकरपुरा गांव चले गए और वहीं रहने लगे.

तोरण की एक बुआ नथिया बाई खजूरी में ही रहती थीं. मामले की जानकारी पर जब बुआ तोरण से मिलने पहुंची तो उसने उन्हें पहचान लिया. इसके बाद तोरण के पूर्व जन्म के माता-पिता को सूचना दी गई. जानकारी पर वह भी गांव पहुंच गए तोरण से मिलने. खास बात ये कि मोहित यानि कि तोरण ने उन्हें भी पहचान लिया. पूर्व जन्म के पिता कल्याण सिंह धाकड़ ने बताया कि उनके पुत्र की मृत्यु के बाद अभी 3 साल पहले ही वह गया में उसका तर्पण करने के लिए गए थे. तोरण के पुनर्जन्म की बात सुनकर परिवार के सभी लोग बहुत खुश हैं.

झालावाड़. क्या पुनर्जन्म होता है...ये बड़ा सवाल है जिसका जवाब शायद किसी के पास नहीं, लेकिन झालावाड़ के एक गांव में एक बच्चा ऐसी कहानी बता रहा है जो आपको पुनर्जन्म (Rebirth in Jhalawar) पर विश्वास करने को मजबूर कर देगा. राजस्थान के झालावाड़ में एक 4 साल के बच्चे ने अपने पुनर्जन्म को लेकर चौंकाने वाली बातें बताई हैं. बच्चे की बातों को सुनकर मां-बाप से लेकर रिश्तेदार और गांव वाले सभी आश्चर्यचकित हैं. मासूम पिछले जन्म की जो बातें और किस्सों को भी बता रहा है जो कि सच साबित हो रहे है. पिछली जिंदगी में उसकी मौत कब और कैसे हुई यह भी वह बता रहा है.

कहानी शुरू होती है झालावाड़ के मनोहरथाना क्षेत्र के खजूरी गांव से जहां ओंकार लाल मेहर परिवार संग रहते हैं. इनके 3 साल का एक बेटा है जिसका नाम मोहित है. मोहित जन्म से ही ट्रैक्टर की आवाज सुनकर डरता था और रोने लग जाता था. छोटा होने की वजह से वह रोने का कारण नहीं बता पाता था. जब वह थोड़ा बड़ा हुआ और बोलने लगा तो अपना नाम मोहित के बजाय तोरण बताने लगा. ट्रैक्टर की आवाज सुनकर रोने की वजह बताया तो लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई.

झालावाड़ में पुनर्जन्म

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परिजनों ने जब इसकी पड़ताल की तो जो बात निकल कर सामने आई वह सुनकर वे अचंभे में पड़ गए. पता चला कि 16 वर्ष पहले 25 वर्षीय तोरण कोलू खेड़ी में रोड के निर्माण कार्य में मजदूरी करने गया था. इस दौरान ट्रैक्टर के नीचे दबने से उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद उसके पिता कल्याण सिंह धाकड़ जमीन जायदाद और मकान बेचकर मध्य प्रदेश के जामनेर थाना क्षेत्र के शंकरपुरा गांव चले गए और वहीं रहने लगे.

तोरण की एक बुआ नथिया बाई खजूरी में ही रहती थीं. मामले की जानकारी पर जब बुआ तोरण से मिलने पहुंची तो उसने उन्हें पहचान लिया. इसके बाद तोरण के पूर्व जन्म के माता-पिता को सूचना दी गई. जानकारी पर वह भी गांव पहुंच गए तोरण से मिलने. खास बात ये कि मोहित यानि कि तोरण ने उन्हें भी पहचान लिया. पूर्व जन्म के पिता कल्याण सिंह धाकड़ ने बताया कि उनके पुत्र की मृत्यु के बाद अभी 3 साल पहले ही वह गया में उसका तर्पण करने के लिए गए थे. तोरण के पुनर्जन्म की बात सुनकर परिवार के सभी लोग बहुत खुश हैं.

Last Updated : Feb 12, 2022, 10:40 PM IST
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