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झालावाड़: सालरिया सरंपच का 'रिपोर्ट कार्ड'.. मानवेंद्र सिंह के गोद लेने के बाद भी नहीं बदली तस्वीर

राजस्थान में पंचायती राज चुनाव की घोषणा हो चुकी है. ऐसे में क्षेत्र चुनाव के लिए आचार संहिता भी लागू हो चुकी है. वहीं ग्राम पंचायत में विकास कार्य कैसे रहे. इसके लिए ईटीवी भारत की टीम सरपंच साब रो 'रिपोर्ट कार्ड' के तहत झालावाड़ की सालरिया ग्राम पंचायत में पहुंची. जहां पर पिछले 5 वर्षों में हुए विकास कार्यों पर ग्रामीणों और वर्तमान सरपंच से बात की. देखिए सालरिया से सरपंच का रिपोर्ट कार्ड..

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सालरिया सरंपच का 'रिपोर्ट कार्ड'
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Published : Jan 14, 2020, 5:52 PM IST

झालावाड़. सरपंच साब रो 'रिपोर्ट कार्ड' के ईटीवी भारत की टीम झालावाड़ जिले सालरिया ग्राम पंचायत पहुंची. ये वो ही ग्राम पंचायत है, जिसको कांग्रेस के दिग्गज नेता मानवेन्द्र सिंह ने गोद लिया है. ऐसे में आपको बताएंगे कि सालरिया ग्राम पंचायत में बीते पांच वर्षों में कितना विकास हुआ है.

सालरिया सरंपच का 'रिपोर्ट कार्ड'

झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र में स्थित सालरिया ग्राम पंचायत झालावाड़ से 15 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं. इस ग्राम पंचायत में कुल 2200 वोटर है. इस ग्राम पंचायत के मुख्य गांव नौलाव, कालाकोट, सालरिया व सेमली है. जिसमें 1200 वोट पुरुषों और 1000 वोट महिलाओं के हैं.

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सालरिया ग्राम पंचायत की तस्वीर.

पढ़ें- जोधपुर: भोपालगढ़ पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'...नहीं हुए विकास के कोई भी कार्य

विकास को लेकर सरपंच का दावा
वर्तमान सरपंच का दावा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में सभी गांवों में इंटरलॉकिंग, नालियां बनवाई है और पीने के पानी के लिए हैंडपंप भी खुदवाए है. इसके अलावा उन्होंने खुरंचों का निर्माण करवाया है. साथ ही उबड़-खाबड़ रास्तों को सही करवाया है, सालरिया गांव के तालाब का गहरीकरण भी करवाया है. वहीं उन्होंने पंचायत भवन व स्कूल की बाउंड्रीवॉल भी बनवाई है. सरपंच का कहना है कि मानवेन्द्र सिंह के गोद लेने से ग्राम पंचायत में आगे अच्छा विकास होगा.

पढ़ें- झालावाड़: घाटोली पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'...विकास कार्यों से असंतुष्ट ग्रामी

ग्रामीणों ने बताई हकीकत
जबकि ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में पीने के पानी की समस्या अभी भी बनी हुई है. इसके अलावा तालाबों का गहरीकरण नहीं होने के कारण बारिश का पानी भी तालाब में जमा नहीं हो पाता है और बहकर निकल जाता है. जिससे खेतों में सिंचाई में भी परेशानी आती है.

पढ़ें- गागरोन पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'...ना सड़कें, ना पानी कुछ भी नहीं हुआ विकास

कांग्रेस नेता के गोद लेने के बाद भी कोई विकास नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांवों में नालियों का निर्माण भी नहीं हुआ है. जिससे जगह-जगह कीचड़ भरा रहता है और यहां तक की खुरंचे भी नहीं बने हुए हैं. जिससे कई गड्डों में पानी जमा हो जाता है. साथ ही सड़कें भी नहीं बनी हुई है. जिससे कच्चे रास्तों में ही उनको चलना पड़ता है. ऐसे में इन समस्याओं का समाधान होना बेहद जरूरी है. ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत को कांग्रेस नेता मानवेन्द्र सिंह द्वारा गोद लेने का कोई भी फायदा नहीं हुआ है. गोद लेने के बाद मानवेंद्र सिंह सिर्फ एक बार इस ग्राम पंचायत में आए हैं.

झालावाड़. सरपंच साब रो 'रिपोर्ट कार्ड' के ईटीवी भारत की टीम झालावाड़ जिले सालरिया ग्राम पंचायत पहुंची. ये वो ही ग्राम पंचायत है, जिसको कांग्रेस के दिग्गज नेता मानवेन्द्र सिंह ने गोद लिया है. ऐसे में आपको बताएंगे कि सालरिया ग्राम पंचायत में बीते पांच वर्षों में कितना विकास हुआ है.

सालरिया सरंपच का 'रिपोर्ट कार्ड'

झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र में स्थित सालरिया ग्राम पंचायत झालावाड़ से 15 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं. इस ग्राम पंचायत में कुल 2200 वोटर है. इस ग्राम पंचायत के मुख्य गांव नौलाव, कालाकोट, सालरिया व सेमली है. जिसमें 1200 वोट पुरुषों और 1000 वोट महिलाओं के हैं.

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सालरिया ग्राम पंचायत की तस्वीर.

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विकास को लेकर सरपंच का दावा
वर्तमान सरपंच का दावा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में सभी गांवों में इंटरलॉकिंग, नालियां बनवाई है और पीने के पानी के लिए हैंडपंप भी खुदवाए है. इसके अलावा उन्होंने खुरंचों का निर्माण करवाया है. साथ ही उबड़-खाबड़ रास्तों को सही करवाया है, सालरिया गांव के तालाब का गहरीकरण भी करवाया है. वहीं उन्होंने पंचायत भवन व स्कूल की बाउंड्रीवॉल भी बनवाई है. सरपंच का कहना है कि मानवेन्द्र सिंह के गोद लेने से ग्राम पंचायत में आगे अच्छा विकास होगा.

पढ़ें- झालावाड़: घाटोली पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'...विकास कार्यों से असंतुष्ट ग्रामी

ग्रामीणों ने बताई हकीकत
जबकि ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में पीने के पानी की समस्या अभी भी बनी हुई है. इसके अलावा तालाबों का गहरीकरण नहीं होने के कारण बारिश का पानी भी तालाब में जमा नहीं हो पाता है और बहकर निकल जाता है. जिससे खेतों में सिंचाई में भी परेशानी आती है.

पढ़ें- गागरोन पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'...ना सड़कें, ना पानी कुछ भी नहीं हुआ विकास

कांग्रेस नेता के गोद लेने के बाद भी कोई विकास नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांवों में नालियों का निर्माण भी नहीं हुआ है. जिससे जगह-जगह कीचड़ भरा रहता है और यहां तक की खुरंचे भी नहीं बने हुए हैं. जिससे कई गड्डों में पानी जमा हो जाता है. साथ ही सड़कें भी नहीं बनी हुई है. जिससे कच्चे रास्तों में ही उनको चलना पड़ता है. ऐसे में इन समस्याओं का समाधान होना बेहद जरूरी है. ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत को कांग्रेस नेता मानवेन्द्र सिंह द्वारा गोद लेने का कोई भी फायदा नहीं हुआ है. गोद लेने के बाद मानवेंद्र सिंह सिर्फ एक बार इस ग्राम पंचायत में आए हैं.

Intro:ईटीवी भारत की टीम सरपंच साब रो रिपोर्ट कार्ड के तहत झालावाड़ जिले में मानवेन्द्र सिंह की गोद ली हुई सालरिया ग्राम पंचायत पहुंची जहाँ पर ग्राम पंचायत की जनता सरपंच के बीते पांच वर्षों के कार्यकाल से नाराज नजर आई।


Body:राजस्थान में पंचायती राज चुनावों के लिए आचार संहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में ईटीवी भारत की टीम अपने खास कार्यक्रम 'सरपंच साब रो रिपोर्ट कार्ड' के तहत झालावाड़ की सालरिया ग्राम पंचायत पहुंची है। आपको बता दें कि सालरिया ग्राम पंचायत मानवेन्द्र सिंह की गोद ली हुई ग्राम पंचायत है। ऐसे में हम आपको बताएंगे कि सालरिया ग्राम पंचायत में बीते पांच वर्षों में कितना विकास हुआ है। झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र में स्थित सालरिया ग्राम पंचायत झालावाड़ से 15 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं। इस ग्राम पंचायत में कुल 2200 वोटर है। इस ग्राम पंचायत के मुख्य गांव नौलाव, कालाकोट, सालरिया व सेमली है। जिसमें 1200 वोट पुरुषों व 1000 वोट महिलाओं के हैं।


वर्तमान सरपंच का दावा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में सभी गांवों में इंटरलॉकिंग, नालियां बनवाई है तथा पीने के पानी के लिए हैडपम्प भी खुदवाए है। इसके अलावा उन्होंने खुरंचो का निर्माण करवाया है उबड़ खाबड़ रास्तों को सही करवाया है तथा सालरिया गांव के तालाब का गहरीकरण भी करवाया है। वहीं उन्होंने पंचायत भवन व स्कूल की बाउंड्रीवॉल भी बनवाई है। सरपंच का कहना है कि मानवेन्द्र सिंह के गोद लेने से ग्राम पंचायत में आगे अच्छा विकास होगा।

जबकि ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में पीने के पानी की समस्या अभी भी बनी हुई है। इसके अलावा तालाबों का गहरीकरण नहीं होने के कारण बारिश का पानी भी तालाब में जमा नही हो पाता है और बहकर निकल जाता है जिससे खेतों में सिंचाई में भी परेशानी आती है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांवों में नालियों का निर्माण भी नहीं हुआ है जिससे जगह जगह कीचड़ भरा रहता है तथा खुरंचे भी नहीं बने हुए हैं जिससे कई गड्डो में पानी जमा हो जाता है। साथ ही सड़के भी नहीं बनी हुई है जिससे कच्चे रास्तो में ही उनको चलना पड़ता है। ऐसे में इन समस्याओं का समाधान होना बेहद जरूरी है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत को मानवेन्द्र सिंह द्वारा गोद लेने का कोई भी फायदा नहीं हुआ है। गोद लेने के बाद मानवेंद्र सिंह सिर्फ एक बार इस ग्राम पंचायत में आये हैं।


Conclusion:बाइट 1 - नंदराम (सरपंच)
बाइट 2 - अनार सिंह (ग्रामीण)
बाइट 3 - जानकी लाल (ग्रामीण)
बाइट 4 - अर्जुन सिंह (ग्रामीण)
बाइट 5 - कंवरलाल, (ग्रामीण)
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