झालावाड़. राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों के लिए मतदान शाम 6 बजे समाप्त हो गया. इस दौरान सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लोगों की भारी भीड़ मतदान करने के लिए जुटी थी. वहीं दूसरी ओर कुछ मतदाता ऐसे भी थे जो बैसाखी, व्हीलचेयर और परिजनों के सहारे मतदान केंद्र पहुंचे. इस दौरान परिजनों ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वोट फॉर होम प्रक्रिया में कुछ शीतलता बरती जाए.
मतदान केंद्र पर पहुंचे ऐसे असहाय लोगों के मन में एक ही ख्वाहिश थी कि लोकतंत्र में उनकी भी भागीदारी सुनिश्चित हो और वे भी आने वाली सरकार में अपनी भागीदारी निभा सकें. कुछ बुजुर्ग असहाय मतदाता ऐसे भी थे जो की बैसाखी के सहारे या व्हीलचेयर पर अपने मतदान केंद्र पर पहुंचे और मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया. इस दौरान उनके परिजनों ने निर्वाचन आयोग से वोट फॉर होम प्रक्रिया में कुछ शीतलता बरतने की अपील की. परिजनों का कहना था कि निर्वाचन आयोग के द्वारा इस विधानसभा चुनाव में वोट फॉर होम की व्यवस्था की है. जिसमें 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले व 40% से अधिक दिव्यांगता रखने वाले मतदाताओं के लिए घर पर ही वोट करने का प्रावधान रखा गया.
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ऐसे में परिजनों का कहना था कि निर्वाचन आयोग को 80 वर्ष की उम्र सीमा को घटाकर 60 वर्ष करना चाहिए. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग विशेष परिस्थितियों में 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले असहाय मतदाताओं के लिए भी वोट फॉर होम की व्यवस्था करता है, तो वोट प्रतिशत काफी बढ़ जाएगा. उन्होंने बताया कि कुछ मतदाता ऐसे भी होते हैं, जो 60 वर्ष के बाद किसी असह्य पीड़ा से ग्रस्त रहते हैं. ऐसे में उन्हें उठने बैठने तथा चलने फिरने तक में समस्या आती है. उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग की वोट फॉर होम प्रक्रिया में 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले असहाय मतदाता की बाध्यता है.