झालावाड़. जिले की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिक बालिका को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और दुष्कर्म (Jhalawar minor rape case) करने के मामले में आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा (Punishment in Jhalawar minor rape case) सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक लालचंद मीणा ने बताया कि 4 जुलाई 2018 को खानपुर थाने में एक फरियादी ने रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें नाबालिग के पिता ने बताया था कि वह अपनी पत्नी के साथ बड़ी बेटी के घर पर गया हुआ था. इस दौरान उसके तीनों बच्चे घर पर ही थे. जब वह वापस घर लौटा तो उनकी 14 साल की बेटी घर पर नहीं मिली.
ये था झालावाड़ दुष्कर्म मामला
पिता ने बताया कि उसके बच्चों से जानकारी मिली कि बेटी को आरोपी अपनी बाइक पर बिठाकर ले गया था. पुलिस ने मामला दर्ज कराते हुए जांच की और नाबालिग को दस्तयाब कर लिया. पुलिस की पूछताछ में नाबालिग ने बताया कि आरोपी उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ बारां जिले में ले गया था. जहां पर उसे रखने के बाद उसे वापस झालावाड़ लाया और झालावाड़ से कोटा ले गया. कुछ दिन कोटा में ही रखा और उसके बाद अपने मामा के घर ले गया. वहां रुकने के बाद आरोपी उसे बूंदी जिले के रामगंज इलाके में गया.
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झालावाड़ पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई सजा
बूंदी के रामगंज में आरोपी ने नाबालिग के साथ जबरन दुष्कर्म किया. आरोपी ने नाबालिग के सात करीब 1 महीने तक रेप किया. मौका पाकर पीड़िता ने आरोपी के मोबाइल से अपने पिता को मैसेज किया. इसके बाद पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब कर लिया. झालावाड़ पॉक्सो कोर्ट ने इसी मामले में सजा सुनाई है.
झालावाड़ पॉक्सो कोर्ट फैसला
लोक अभियोजक ने बताया कि पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में चालान पेश किया. इसके बाद पॉक्सो कोर्ट 2 के विशिष्ट न्यायाधीश संजय कुमार ने 26 गवाहों एवं 27 दस्तावेजों के आधार पर आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा (Jhalawar POCSO Court Verdict) सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
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