झालावाड़. कृषि विज्ञान केन्द्र झालावाड़ की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए 'पोषण वाटिका का पोषण में महत्व' पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. जिस प्रशिक्षण में 38 आंगनबाडी़ कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.
केन्द्र के प्रसार शिक्षा वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद युनूस ने प्रतिभागी महिलाओं को राष्ट्रीय पोषण माह के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि पोषण अभियान (राष्ट्रीय पोषण मिशन), भारत का एक प्रमुख कार्यक्रम है. इसका शुभारंभ अगले तीन वर्षों में अल्पपोषण, एनीमिया, विकास में रुकावट और जन्म के समय बच्चे के कम वज़न के साथ पैदा होने की समस्याओं के समाधान के लिए विशिष्ट लक्ष्य प्राप्ति के लिए छह वर्ष तक के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण संबंधी स्थिति सुधारने के लिए किया गया.
उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण वाटिका महत्व बताते हुए कहा कि अपने घर से पोषण वाटिका की शुरुआत करते हुए महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए भोजन में संतुलित आहार एवं पोषक तत्वों का समावेश आवश्यक है. उन्होंने एक व्यस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 300 ग्राम सब्जियां जिसमें हरी पत्तेदार सब्जियां, जड़ वाली सब्जियां, दालें अन्य सब्जियां होने की बात कही.
इसके साथ ही उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण वाटिका, पोषण थाली, खरीफ और रबी मौसम में लगने वाली सब्जियां और पोषण में इनके महत्व से अवगत करवाया.
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वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता दिनेश कुमार चौधरी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कोरोना महामारी से कैसे बचा जाए के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि कोरोना संक्रमण से सुरक्षित उपाय अपनाते हुए कृषि कार्यों को समय पर कर गुणवत्तायुक्त कृषि उत्पाद प्राप्त करने की पहल करें. साथ ही कहा कि हानिकारक जहरीले रसायन, दवाइयाँ, नकली रंगों और कीटनाशकों से मुक्त सब्जियों की उपलब्धता अच्छे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है.