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स्पेशल रिपोर्ट : झालावाड़ में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या 100 के पार, विभाग के दावों की खुली पोल

झालावाड़ में डेंगू का कहर देखने को मिल रहा है. इस बार डेंगू मरीजों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी बढ़ गई है. जिले में जहां वर्ष 2018 में डेंगू के पॉज़िटिव मरीजों की संख्या 46 थी तो वहीं इस वर्ष डेंगू के पॉजिटिव मरीजो की संख्या 105 तक पहुंच चुकी है.

Number of dengue positive, झालावाड़ में डेंगू के पॉजिटिव मरीजों
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Published : Nov 10, 2019, 8:23 PM IST

झालावाड़: झालावाड़ में डेंगू के पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और अब यह आकड़ा 105 तक पहुंचा गया है. जबकि विभाग का दावा है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार डेंगू के कम ही केस सामने आए हैं. जिले में इस बार जबरदस्त बारिश देखने को मिली थी जिससे जगह-जगह कई दिनों तक जलभराव भी रहा था.

झालावाड़ में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या 100 के पार.

अंदेशा पहले ही जताया जा चुका था कि इस बार डेंगू और स्क्रब टायफस का खतरा ज्यादा है और ऐसा ही हुआ. झालावाड़ में इस बार डेंगू के मरीजों की संख्या पिछले वर्ष से दोगुनी बढ़ गई है. जिले में जहां वर्ष 2018 में डेंगू के पॉज़िटिव मरीजों की संख्या 46 थी तो वहीं इस वर्ष डेंगू के पॉजिटिव मरीजो की संख्या शतक पूरा करते हुए 105 तक पहुंच चुकी है.

पढ़ेंः महाराष्ट्र घमासान पर जयपुर में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- सोनिया गांधी करेंगी फैसला

ऐसे में इन आंकड़ो को देखते हुए इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से इस बार ये आंकड़े इतने ज्यादा बढ़कर आएं हैं. एक तरफ तो विभाग का दावा है कि अन्य जिलों के और पिछली बार के मुकाबले इस बार झालावाड़ जिले में डेंगू के कम केस सामने आए हैं. लेकिन उनके ही विभाग के आंकड़े उनके दावों को सिरे से खारिज करते हुए दिख रहे हैं.

विभाग का कहना है कि डेंगू के लिए उनके द्वारा लगातार एंटी लार्वा एक्टिविटी करवाई जा रही है साथ ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरुक किया जा रहा हैं. नगर परिषद के माध्यम से फॉगिंग भी करवाई जा रही है ताकि डेंगू के पनपने की प्रक्रिया को खत्म किया जा सके. विभाग ने ये भी चिंता जताई है कि जब तक तापमान कम नहीं हो जाता तब तक ऐसे मामले आने की संभावना बनी हुई है.

ये भी पढ़ें: अयोध्या राम मंदिर पर SC का फैसला धर्म के आधार पर नहीं, तथ्यों के आधार पर है : राजस्थान वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष

डेंगू बढ़ने के ये हैं प्रमुख कारण:

  • डेंगू ज्यादातर आसपास के गड्ढों, पुराने टायरों, परिंडों में जमा पानी से फैलता है.
  • गमलों में भरे पानी से भी डेंगू के मच्छर पनपते हैं.


ये हैं डेंगू के शुरूआती लक्षण:

  • सर्दी लगने के साथ तेज़ बुखार आना.
  • सिर मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द.
  • कमजोरी आना, भूख नहीं लगना.
  • जी मचलना, मुंह का स्वाद खराब होना.
  • चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल गुलाबी रंग के चकते हो जाना.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला को 9 इंटरनेशनल अवार्ड, लेकिन राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं


बरते ये सावधानियां:

  • ठंडे पानी और खाने का उपयोग न करें.
  • खाने में हल्की अजवाइन, अदरक और हींग का ज्यादा प्रयोग करें.
  • हरि पत्तियों की सब्जी का सेवन करें.
  • अच्छी नींद ले और साफ पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं.
  • मसाले और तला हुआ खाना खाने से बचे.
  • मच्छर से बचाव के लिए शरीर को ढक कर रखें.
  • पूरी आस्तीन के कपड़े पहने.

झालावाड़: झालावाड़ में डेंगू के पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और अब यह आकड़ा 105 तक पहुंचा गया है. जबकि विभाग का दावा है कि पिछली बार के मुकाबले इस बार डेंगू के कम ही केस सामने आए हैं. जिले में इस बार जबरदस्त बारिश देखने को मिली थी जिससे जगह-जगह कई दिनों तक जलभराव भी रहा था.

झालावाड़ में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या 100 के पार.

अंदेशा पहले ही जताया जा चुका था कि इस बार डेंगू और स्क्रब टायफस का खतरा ज्यादा है और ऐसा ही हुआ. झालावाड़ में इस बार डेंगू के मरीजों की संख्या पिछले वर्ष से दोगुनी बढ़ गई है. जिले में जहां वर्ष 2018 में डेंगू के पॉज़िटिव मरीजों की संख्या 46 थी तो वहीं इस वर्ष डेंगू के पॉजिटिव मरीजो की संख्या शतक पूरा करते हुए 105 तक पहुंच चुकी है.

पढ़ेंः महाराष्ट्र घमासान पर जयपुर में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- सोनिया गांधी करेंगी फैसला

ऐसे में इन आंकड़ो को देखते हुए इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से इस बार ये आंकड़े इतने ज्यादा बढ़कर आएं हैं. एक तरफ तो विभाग का दावा है कि अन्य जिलों के और पिछली बार के मुकाबले इस बार झालावाड़ जिले में डेंगू के कम केस सामने आए हैं. लेकिन उनके ही विभाग के आंकड़े उनके दावों को सिरे से खारिज करते हुए दिख रहे हैं.

विभाग का कहना है कि डेंगू के लिए उनके द्वारा लगातार एंटी लार्वा एक्टिविटी करवाई जा रही है साथ ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरुक किया जा रहा हैं. नगर परिषद के माध्यम से फॉगिंग भी करवाई जा रही है ताकि डेंगू के पनपने की प्रक्रिया को खत्म किया जा सके. विभाग ने ये भी चिंता जताई है कि जब तक तापमान कम नहीं हो जाता तब तक ऐसे मामले आने की संभावना बनी हुई है.

ये भी पढ़ें: अयोध्या राम मंदिर पर SC का फैसला धर्म के आधार पर नहीं, तथ्यों के आधार पर है : राजस्थान वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष

डेंगू बढ़ने के ये हैं प्रमुख कारण:

  • डेंगू ज्यादातर आसपास के गड्ढों, पुराने टायरों, परिंडों में जमा पानी से फैलता है.
  • गमलों में भरे पानी से भी डेंगू के मच्छर पनपते हैं.


ये हैं डेंगू के शुरूआती लक्षण:

  • सर्दी लगने के साथ तेज़ बुखार आना.
  • सिर मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द.
  • कमजोरी आना, भूख नहीं लगना.
  • जी मचलना, मुंह का स्वाद खराब होना.
  • चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल गुलाबी रंग के चकते हो जाना.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: राजस्थानी फिल्म चिड़ी बल्ला को 9 इंटरनेशनल अवार्ड, लेकिन राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं


बरते ये सावधानियां:

  • ठंडे पानी और खाने का उपयोग न करें.
  • खाने में हल्की अजवाइन, अदरक और हींग का ज्यादा प्रयोग करें.
  • हरि पत्तियों की सब्जी का सेवन करें.
  • अच्छी नींद ले और साफ पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं.
  • मसाले और तला हुआ खाना खाने से बचे.
  • मच्छर से बचाव के लिए शरीर को ढक कर रखें.
  • पूरी आस्तीन के कपड़े पहने.
Intro:झालावाड़ में डेंगू के पॉजिटिव मरीजों की संख्या ने अपना सैकड़ा पूरा करते हुए अपनी संख्या 105 तक पहुंचा दी है जबकि विभाग का दावा है कि पिछली बार मुकाबले इस बार डेंगू के कम ही केस सामने आए हैं। ऐसे में उनके ही आंकड़े उनके दावों को आईना दिखाते हुए नजर आ रहे हैं।



Body:जिले में इस बार जबरदस्त बारिश देखने को मिली थी जिससे जगहों जगहों पर कई दिनों तक जलभराव रहा था जिससे ये अंदेशा पहले ही जताया जा चुका था कि इस बार डेंगू व स्क्रपटायफस का खतरा ज्यादा है और हुआ भी ये ही। झालावाड़ में इस बार डेंगू का डंक इतना ज्यादा रहा है कि डेंगू के मरीजों की संख्या पिछले वर्ष से इस वर्ष दोगुनी बढ़ गई है। झालावाड़ जिले में जहां वर्ष 2018 में डेंगू के पॉज़िटिव मरीजों की संख्या 46 थी तो वहीं इस वर्ष डेंगू के पॉजिटिव मरीजो ने शतक पूरा करते हुए अपना आंकड़ा 105 तक पहुंचा दिया है। ऐसे में इन आंकड़ो को देखते हुए इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं किया जा सकता कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से इस बार ये आंकड़े इतने ज्यादा बढ़कर आएं हैं। एक तरफ तो विभाग का दावा है कि अन्य जिलों के व पिछली बार के मुकाबले इस बार झालावाड़ जिले में डेंगू के कम केस सामने आए हैं लेकिन उनके ही विभाग के आंकड़े उनके दावों को सिरे से खारिज करते हुए नजर आ रहे हैं।

विभाग का कहना है कि डेंगू के लिए उनके द्वारा लगातार एंटी लार्वा एक्टिविटी करवाई जा रही है तथा लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरुक किया जा रहा हैं। साथ ही नगर परिषद के माध्यम से फोंगिंग भी करवाई जा रही है ताकि डेंगू के पनपने की प्रक्रिया को खत्म किया जा सके। विभाग ने ये भी चिंता जताई है कि जब तक तापमान कब नहीं हो जाता तब तक ऐसे मामले आने की संभावना बनी हुई है।

डेंगू:-
ये हैं डेंगू के कारण - डेंगू मुख्यता आसपास गड्ढों में भरे पानी से, पुराने टायरों में भरे पानी से, परिंडो में जमा पानी से व गमलों में भरे पानी से डेंगू के मच्छर पनपते हैं।

ये हैं डेंगू के लक्षण - सर्दी लगने के साथ तेज़ बुखार आना, सिर मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, कमजोरी आना, भूख नहीं लगना, जी मचलना, मुँह का स्वाद खराब होना, चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल गुलाबी रंग के चकते हो जाना

ये बरते सावधानियां - ठंडे पानी व खाने का उपयोग न करें, खाने में हल्की अजवाइन, अदरक व हींग का ज्यादा प्रयोग करें, हरि पत्तियों की सब्जी का सेवन करें, अच्छी नींद ले और साफ पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं, मसाले व तला हुआ खाना न खाएं, मच्छर से बचाव के लिए शरीर को ढक कर रखें और पूरी आस्तीन के कपड़े पहने।



Conclusion:बाइट - डॉ साजिद खान (सीएमएचओ, झालावाड़)
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