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स्पेशल रिपोर्ट: झालावाड़ में पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर, जहां पर पुजारी भी है एक पत्रकार

16 नवंबर यानी शुक्रवार को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस मनाया जा रहा है है. ऐसे में आपको राजस्थान में ऐसे अनूठे मन्दिर के बारे में बताएंगे. जो पत्रकारों के लिए बनाया गया है. जी हां, इस मंदिर को पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है और खास बात ये भी है कि इस मन्दिर के मुख्य पुजारी भी एक पत्रकार ही है. ये मंदिर झालावाड़ के झालारपाटन कस्बे के खेरासी गांव में है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट

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Published : Nov 16, 2019, 6:34 PM IST

झालावाड़. राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के मौके पर ईटीवी भारत आपको ऐसे मन्दिर के बारे में बताने जा रहे है, जो पत्रकारों के लिए बनाया गया है और मन्दिर का मुख्य पुजारी भी एक पत्रकार ही है. इस मंदिर को पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर झालावाड़ के झालारपाटन कस्बे के खेरासी गांव में है.

झालावाड़ में पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर

पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर का प्राकृतिक सौंदर्य सबसे खास
इस पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर की अनेक विशेषताएं हैं. जिनमें सबसे खास इसका प्राकृतिक सौंदर्य है. इस मंदिर का निर्माण तालाब के किनारे किया गया है. जिसके चलते इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं. मंदिर के अंदर बालाजी महाराज व भगवान शिव की मूर्ति स्थापित की गई है, ऐसे में मंदिर को पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: अजमेर में सगाई वाले बालाजी कुंवारों को देते हैं शादी का आशीर्वाद

2005 में पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर को मिला आकार
मन्दिर के मुख्य पुजारी गयाप्रसाद चतुर्वेदी जो कि वरिष्ठ पत्रकार भी उन्होंने ने बताया कि साल 1995 में यहां बालाजी का एक चबूतरा था. जो काफी जीर्णशीर्ण अवस्था में था, जिसके बाद इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और 2005 में इसे एक मंदिर का आकार दिया गया तथा पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर का नाम दिया गया. साथ ही इस मंदिर के मुख्य पुजारी भी एक पत्रकार ही हैं. पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर में नियमित रूप से पूजा पाठ होती है तथा विशेष मौकों पर पत्रकारों के द्वारा विचार गोष्ठियों का आयोजन भी किया जाता है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: राजस्थान का ऐसा मंदिर जहां भूत-प्रेत लगाते है हाजिरी!, खुद बजरंग बली सुनाते हैं सजा

16 नवंबर 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना
गौरतलब है कि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की स्थापना की थी. जिसने 16 नवंबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया. तब से लेकर आज तक 16 नवम्बर को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है.

झालावाड़. राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के मौके पर ईटीवी भारत आपको ऐसे मन्दिर के बारे में बताने जा रहे है, जो पत्रकारों के लिए बनाया गया है और मन्दिर का मुख्य पुजारी भी एक पत्रकार ही है. इस मंदिर को पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर झालावाड़ के झालारपाटन कस्बे के खेरासी गांव में है.

झालावाड़ में पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर

पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर का प्राकृतिक सौंदर्य सबसे खास
इस पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर की अनेक विशेषताएं हैं. जिनमें सबसे खास इसका प्राकृतिक सौंदर्य है. इस मंदिर का निर्माण तालाब के किनारे किया गया है. जिसके चलते इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं. मंदिर के अंदर बालाजी महाराज व भगवान शिव की मूर्ति स्थापित की गई है, ऐसे में मंदिर को पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है.

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2005 में पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर को मिला आकार
मन्दिर के मुख्य पुजारी गयाप्रसाद चतुर्वेदी जो कि वरिष्ठ पत्रकार भी उन्होंने ने बताया कि साल 1995 में यहां बालाजी का एक चबूतरा था. जो काफी जीर्णशीर्ण अवस्था में था, जिसके बाद इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और 2005 में इसे एक मंदिर का आकार दिया गया तथा पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर का नाम दिया गया. साथ ही इस मंदिर के मुख्य पुजारी भी एक पत्रकार ही हैं. पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर में नियमित रूप से पूजा पाठ होती है तथा विशेष मौकों पर पत्रकारों के द्वारा विचार गोष्ठियों का आयोजन भी किया जाता है.

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16 नवंबर 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना
गौरतलब है कि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की स्थापना की थी. जिसने 16 नवंबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया. तब से लेकर आज तक 16 नवम्बर को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है.

Intro:राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के मौके पर ईटीवी भारत आज आपकों ऐसे मन्दिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो पत्रकारों के लिए बनाया गया है तथा मन्दिर का मुख्य पुजारी भी एक पत्रकार ही है। इस मंदिर को पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है।


Body:आज का दिन पत्रकारों के लिए बहुत ही विशेष दिन है। आज पूरे देश में राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस मनाया जा रहा है। ऐसे में आज ईटीवी भारत की एक पत्रकारों के ऐसे अनूठे मन्दिर में पत्रकारेश्वर बालाजी मन्दिर के नाम से जाना जाता है और मन्दिर के मुख्य पुजारी भी एक पत्रकार ही है।

इस पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर की अनेक विशेषताएं हैं जिनमें सबसे खास इसका प्राकृतिक सौंदर्य है। इस मंदिर का निर्माण तालाब के किनारे किया गया है जिसके चलते इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। मंदिर के अंदर बालाजी महाराज व भगवान शिव की मूर्ति स्थापित की गई है, ऐसे में मंदिर को पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है।

मन्दिर के मुख्य पुजारी गयाप्रसाद चतुर्वेदी जो कि वरिष्ठ पत्रकार भी हैं ने बताया कि 1995 में यहाँ बालाजी का एक चबूतरा था जो काफी जीर्ण शीर्ण अवस्था में था, जिसके बाद इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और 2005 में इसे एक मंदिर का आकार दिया गया तथा पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर का नाम दिया गया। साथ ही इस मंदिर के मुख्य पुजारी भी एक पत्रकार ही हैं। इस पत्रकारेश्वर बालाजी मंदिर में नियमित रूप से पूजा पाठ होती है तथा विशेष मौकों पर पत्रकारों के द्वारा विचार गोष्ठियों का आयोजन भी किया जाता है।

आपको बता दें कि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की स्थापना की थी जिसने 16 नवंबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया तब से लेकर आज तक 16 नवम्बर को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है।





Conclusion:बाइट - गयाप्रसाद चतुर्वेदी (मुख्य पुजारी व पत्रकार)
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