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जलशक्ति अभियान के तहत झालावाड़ में आयोजित किया गया किसान मेला - Jalashakti Abhiyan news

झालावाड़ के मिनी सचिवालय में जल शक्ति अभियान के तहत किसान मेले का आयोजन किया गया. जिसमें किसानों को उर्वरकों, जैविक खेती, उद्यानिकी, पशुपालन, खाद-बीज और सिंचाई पद्धति की जानकारी दी गई.

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Published : Sep 4, 2019, 3:17 PM IST

झालावाड़. जिले के मिनी सचिवालय में कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया गया. मेले का आयोजन जल शक्ति अभियान के तहत किया गया. कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री हुकुमचंद पाटीदार ने बताया कि जलशक्ति अभियान को सफल बनाने में केंचुआ मददगार है. उन्होंने बताया कि केंचुआ कृषक सहयोगी जीव है इसलिए इसका बड़े स्तर पर पालन किया जाना चाहिए ताकि जैविक खेती को बढ़ावा मिल सके.

जलशक्ति अभियान के तहत झालावाड़ में आयोजित किया गया किसान मेला

आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न सिर्फ जीवों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि इसका उपयोग पौधों में करने पर सिंचाई भी अधिक करनी पड़ती है. उन्होंने इसके अतिरिक्त किसानों को स्प्रिंकलर्स के साथ-साथ बूंद बूंद सिंचाई पद्धति अपनाने का सुझाव भी दिया.

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वहीं कार्यक्रम के दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद चतुर्वेदी ने कहा कि किसान जैविक खेती को अपनाकर जल शक्ति अभियान को सफल बनाने में सरकार का सहयोग करें. मेले में तकरीबन 700 किसानों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया. इस दौरान समन्वित जल प्रबंधन का महत्व और उपयोगिता विषय पर आधारित फोल्डर का विमोचन भी किया गया. किसानों को उर्वरकों, जैविक खेती, उद्यानिकी, पशुपालन, बीज, खाद और सिंचाई पद्धति की जानकारी देने के लिए मेले में करीब 15 स्टॉल्स भी लगाई गई.

झालावाड़. जिले के मिनी सचिवालय में कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया गया. मेले का आयोजन जल शक्ति अभियान के तहत किया गया. कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री हुकुमचंद पाटीदार ने बताया कि जलशक्ति अभियान को सफल बनाने में केंचुआ मददगार है. उन्होंने बताया कि केंचुआ कृषक सहयोगी जीव है इसलिए इसका बड़े स्तर पर पालन किया जाना चाहिए ताकि जैविक खेती को बढ़ावा मिल सके.

जलशक्ति अभियान के तहत झालावाड़ में आयोजित किया गया किसान मेला

आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न सिर्फ जीवों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि इसका उपयोग पौधों में करने पर सिंचाई भी अधिक करनी पड़ती है. उन्होंने इसके अतिरिक्त किसानों को स्प्रिंकलर्स के साथ-साथ बूंद बूंद सिंचाई पद्धति अपनाने का सुझाव भी दिया.

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वहीं कार्यक्रम के दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद चतुर्वेदी ने कहा कि किसान जैविक खेती को अपनाकर जल शक्ति अभियान को सफल बनाने में सरकार का सहयोग करें. मेले में तकरीबन 700 किसानों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया. इस दौरान समन्वित जल प्रबंधन का महत्व और उपयोगिता विषय पर आधारित फोल्डर का विमोचन भी किया गया. किसानों को उर्वरकों, जैविक खेती, उद्यानिकी, पशुपालन, बीज, खाद और सिंचाई पद्धति की जानकारी देने के लिए मेले में करीब 15 स्टॉल्स भी लगाई गई.

Intro:झालावाड़ के मिनी सचिवालय में जल शक्ति अभियान के तहत किसान मेले का आयोजन किया गया. जिसमें किसानों को उर्वरकों, जैविक खेती, उद्यानिकी, पशुपालन, खाद-बीज व सिंचाई पद्धति की जानकारी दी गई.


Body:झालावाड़ के मिनी सचिवालय में कृषि विज्ञान मेले का आयोजन किया गया. मेले का आयोजन जल शक्ति अभियान के तहत किया गया. कार्यक्रम के दौरान पद्मश्री हुकुमचंद पाटीदार ने बताया कि जलशक्ति अभियान को सफल बनाने में केंचुआ मददगार है. उन्होंने बताया कि केंचुआ कृषक सहयोगी जीव है इसलिए इसका बड़े स्तर पर पालन किया जाना चाहिए ताकि जैविक खेती को बढ़ावा मिल सके. उन्होंने बताया कि रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न सिर्फ जीवो के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि इसका उपयोग पौधों में करने पर सिंचाई भी अधिक करनी पड़ती है. उन्होंने इसके अतिरिक्त किसानों को स्प्रिंकलर्स के साथ-साथ बूंद बूंद सिंचाई पद्धति अपनाने का सुझाव भी दिया.

वहीं कार्यक्रम के दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद चतुर्वेदी ने कहा कि किसान जैविक खेती को अपनाकर जल शक्ति अभियान को सफल बनाने में सरकार का सहयोग करें.




Conclusion:मेले में तकरीबन 700 किसानों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया. इस दौरान समन्वित जल प्रबंधन का महत्व एवं उपयोगिता विषय पर आधारित फोल्डर का विमोचन भी किया गया. किसानों को उर्वरकों, जैविक खेती, उद्यानिकी, पशुपालन, बीज, खाद व सिंचाई पद्धति की जानकारी देने के लिए मेले में करीब 15 स्टॉल्स भी लगाई गई.
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