झालावाड़. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2018 आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी. इस योजना से भारत के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के गरीब वर्ग के लोगों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में आर्थिक सहायता मुहैया करवाने का निर्णय लिया गया. इस योजना में प्रत्येक परिवार को 5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने का निर्णय लिया गया. इस योजना को दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी योजना भी कहा गया लेकिन जब ईटीवी भारत की टीम ने झालावाड़ में इस योजना की पड़ताल की तो एक रोचक बात निकल कर सामने आई.
इस योजना का लाभ उठाने के लिए जनता को सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर आयुष्मान कार्ड बनवाए जाने थे. लेकिन सीएससी सेंटर को अभी तक राज्य सरकार की तरफ से ना तो कोई गाइडलाइंस मिली है ना कार्ड बनाने का लिंक और कोड दिया गया है. जिसके चलते सीएससी सेंटर के संचालक आयुष्मान कार्ड बनाने में असमर्थ हैं.
इसको लेकर सीएससी सेंटर के झालावाड़ इंचार्ज धन्नाराम का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा हमें किसी प्रकार की कोई गाइडलाइंस नहीं दी गई है. इस वजह से हम लोगों के आयुष्मान कार्ड नही बना पा रहे हैं. जैसे ही हमारे पास सरकार से लिंक और कोड आ जाएंगे हम इसकी जानकारी आम जनता को दे देंगे.
ऐसे में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी योजना कहीं जा रही ये योजना खटाई में पड़ती हुई नजर आ रही है.