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झालावाड़: भारतीय मजदूर संघ ने श्रमिकों से संबंधित समस्याओं को लेकर किया विरोध प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन - सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्र

भारतीय मजदूर संघ ने झालावाड़ के मिनी सचिवालय के बाहर शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया. इसके साथ ही मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में मांग की गई है कि सभी अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई कर्मियों के समान वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं का भुगतान किया जाए.

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श्रमिकों से संबंधित समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन
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Published : Jan 4, 2020, 8:02 PM IST

झालावाड़. भारतीय मजदूर संघ ने देश के श्रमिकों की समस्याओं के संबंध में शनिवार को झालावाड़ के मिनी सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. यह ज्ञापन मजदूर संघ ने मांग की है कि 'समान काम का समान दाम' के प्रावधान के अनुसार सभी अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई कर्मियों के समान वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं का भुगतान किया जाए. साथ ही ठेका प्रथा और निश्चित अवधि रोजगार को समाप्त किया जाए. सभी अस्थाई कर्मियों जैसे ठेका मजदूर, कैजुअल वर्कर, दैनिक वेतन भोगी कामगार, आउट सोर्स वर्कर आदि को स्थाई किया जाए.

श्रमिकों से संबंधित समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन

इसके साथ ही सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्र के उद्योगों का निजीकरण, निगमीकरण, रणनीतिक बिक्री एवं विनिवेश न किया जाए. साथ ही रेलवे, प्रतिरक्षा और पोस्टल के प्रस्तावित निगमीकरण पर रोक लगाई जाए. राज्य परिवहन निगम और बिजली बोर्ड के निजीकरण पर रोक लगाई जाए. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर रोक लगाई जाए. एनपीएस को समाप्त किया जाए और पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाए. महंगाई पर रोक लगाई जाए, बेरोजगारी को समाप्त कर सभी को सामाजिक सुरक्षा मुहैया करवाई जाए.

पढ़ें- झालावाड़ः पंचायत चुनाव के चलते कलेक्टर ने जारी किए निर्देश, थाने में जमा हो लाइसेंसी हथियार

मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यकाल में श्रमिकों की अनेक समस्याओं का समाधान हुआ है. जैसे 45 दिनों के अंदर ट्रेड यूनियनों का पंजीकरण, आंगनवाड़ी एवं आशा कर्मियों का मानदेय बढ़ाना, मातृत्व लाभ में वृद्धि जैसे कई ऐतिहासिक फैसले हुए हैं. जिनकी हम प्रशंसा करते हैं लेकिन हमारी उक्त मांगों पर भी ध्यान दिया जाए और उचित फैसला लिया जाए.

झालावाड़. भारतीय मजदूर संघ ने देश के श्रमिकों की समस्याओं के संबंध में शनिवार को झालावाड़ के मिनी सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा. यह ज्ञापन मजदूर संघ ने मांग की है कि 'समान काम का समान दाम' के प्रावधान के अनुसार सभी अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई कर्मियों के समान वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं का भुगतान किया जाए. साथ ही ठेका प्रथा और निश्चित अवधि रोजगार को समाप्त किया जाए. सभी अस्थाई कर्मियों जैसे ठेका मजदूर, कैजुअल वर्कर, दैनिक वेतन भोगी कामगार, आउट सोर्स वर्कर आदि को स्थाई किया जाए.

श्रमिकों से संबंधित समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन

इसके साथ ही सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्र के उद्योगों का निजीकरण, निगमीकरण, रणनीतिक बिक्री एवं विनिवेश न किया जाए. साथ ही रेलवे, प्रतिरक्षा और पोस्टल के प्रस्तावित निगमीकरण पर रोक लगाई जाए. राज्य परिवहन निगम और बिजली बोर्ड के निजीकरण पर रोक लगाई जाए. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर रोक लगाई जाए. एनपीएस को समाप्त किया जाए और पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाए. महंगाई पर रोक लगाई जाए, बेरोजगारी को समाप्त कर सभी को सामाजिक सुरक्षा मुहैया करवाई जाए.

पढ़ें- झालावाड़ः पंचायत चुनाव के चलते कलेक्टर ने जारी किए निर्देश, थाने में जमा हो लाइसेंसी हथियार

मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यकाल में श्रमिकों की अनेक समस्याओं का समाधान हुआ है. जैसे 45 दिनों के अंदर ट्रेड यूनियनों का पंजीकरण, आंगनवाड़ी एवं आशा कर्मियों का मानदेय बढ़ाना, मातृत्व लाभ में वृद्धि जैसे कई ऐतिहासिक फैसले हुए हैं. जिनकी हम प्रशंसा करते हैं लेकिन हमारी उक्त मांगों पर भी ध्यान दिया जाए और उचित फैसला लिया जाए.

Intro:भारतीय मजदूर संघ ने झालावाड़ के मिनी सचिवालय में श्रमिकों से संबंधित समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया तथा अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन बागी सौंपा।




Body:भारतीय मजदूर संघ ने देश के श्रमिकों की समस्याओं के संबंध में झालावाड़ के मिनी सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा।

मजदूर संघ की मांग है कि 'समान काम का समान दाम' के प्रावधान के अनुसार सभी अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई कर्मियों के समान वेतन, भत्ते व अन्य सुविधाओं का भुगतान किया जाए, ठेका प्रथा तथा निश्चित अवधि रोजगार को समाप्त किया जाए तथा सभी अस्थाई कर्मियों जैसे ठेका मजदूर, कैजुअल वर्कर, दैनिक वेतन भोगी कामगार, आउट सोर्स वर्कर आदि को स्थाई किया जाए, सार्वजनिक एवं सरकारी क्षेत्र के उद्योगों का निजीकरण, निगमीकरण, रणनीतिक बिक्री एवं विनिवेश न किया जाए। साथ ही रेलवे, प्रतिरक्षा एवम पोस्टल के प्रस्तावित निगमीकरण पर रोक लगाई जाए, राज्य परिवहन निगम तथा बिजली बोर्ड के निजीकरण पर रोक लगाई जाए, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर रोक लगाई जाए, एनपीएस को समाप्त किया जाए तथा पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाए, महंगाई पर रोक लगाई जाए, बेरोजगारी को समाप्त किया जाए तथा सभी को सामाजिक सुरक्षा मुहैया करवाई जाए।

मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यकाल में श्रमिकों की अनेक समस्याओं का समाधान हुआ है, जैसे 45 दिनों के अंदर ट्रेड ट्रेड यूनियनों का पंजीकरण, आंगनवाड़ी व आशा कर्मियों का मानदेय बढ़ाना, मातृत्व लाभ में वृद्धि जैसे कई ऐतिहासिक फैसले हुए हैं। जिनकी हम प्रशंसा करते हैं लेकिन हमारी उक्त मांगों पर भी ध्यान दिया जाए और उचित फैसला लिया जाए।


Conclusion:बाइट - ब्रम्हकुमार जोशी (जिलाध्यक्ष, भारतीय मजदूर संघ)
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