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अवैध स्मैक जब्त करके 8 महीने पहले फरार हुआ था SHO, पुलिस के हाथ अब तक खाली

पुलिस की यह जिम्मेदारी बनती है कि मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तस्करी को रोकने का प्रयास किया जाए. लेकिन जब पुलिस वाला ही तस्कर बन जाए तो मादक पदार्थों पर कैसे लगाम लगाई जा सकेगी? ऐसा ही एक मामला सामने आया था झालावाड़ में जहां एसएचओ जब्त की हुई स्मैक लेकर भाग गया था. आज आठ महीने बाद भी उसका सुराग नहीं लग सका है.

अवैध स्मैक जब्त करके 8 महीने पहले फरार हुए SHO
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Published : Jun 12, 2019, 10:04 PM IST

झालावाड़. घाटोली थाना क्षेत्र में जहां पिछले साल 21 अक्टूबर को घाटोली थाना क्षेत्र के थानाधिकारी संजय चंदेल ने मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई की और करीब ढाई किलो स्मैक जब्त की. पुलिस ने अपनी कार्रवाई को मादक पदार्थों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई घोषित कर दी और जोरों-शोरों से उसका प्रचार भी किया.

अवैध स्मैक जब्त करके 8 महीने पहले फरार हुए SHO

लेकिन कुछ दिनों बाद इस मामले में एक नया मोड़ आया और घाटोली थाना अधिकारी फरार हो जाते हैं. ऐसे में उनके ऊपर यह आरोप लगता है कि 21 अक्टूबर को की गई कार्रवाई में उन्होंने बड़ी मात्रा में स्मैक जब्त की थी. लेकिन उन्होंने सिर्फ 2.40 किलो स्मैक के जब्त होने की बात पुलिस और मीडिया के सामने रखी बाकी को लेकर फरार हो गए.

सूत्रों के अनुसार संजय चंदेल ने 21 अक्टूबर की कार्रवाई में 10 किलो स्मैक जब्त की थी. लेकिन उन्होंने पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों और मीडिया को गुमराह करते हुए 2.40 किलो स्मैक ही प्रस्तुत की. बाकी 8 किलो स्मैक के साथ अभी भी फरार हैं. लेकिन पुलिस अभी तक उनको पकड़ने में नाकाम रही है. बता दें कि 1 किलो स्मैक की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ होती है. ऐसे में 8 करोड़ की स्मैक के साथ संजय चंदेल अभी भी फरार हैं. पुलिस न तो अवैध स्मैक बरामद कर पाई है और न ही संजय चंदेल को गिरफ्तार कर पाई है, जिसके चलते पुलिस प्रशासन की मंशा पर सवाल उठने लाजमी हैं. हालांकि पुलिस प्रशासन ने चंदेल को निलंबित कर दिया. लेकिन वो अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.

इस मामले की बड़ी पेचीदगी ये भी है कि संजय चंदेल के फरार होने के बाद कोटा आईजी का तबादला हो चुका है. वहीं झालावाड़ में इस घटना के बाद दो एसपी बदल चुके हैं. ऐसे में उस वक्त के जिम्मेदार अधिकारियों का भी कहीं और तबादला हो गया है, जिसके चलते उनको भी जवाब देने से बचने का मौका मिल गया है.

वहीं इस मामले में झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी का कहना है कि एसएचओ संजय चंदेल की गिरफ्तारी के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए जगह-जगह टीमें भी भेजी गई हैं. जोशी ने कहा कि उन्होंने 15 दिन पहले न्यायालय में चार्जशीट भी पेश की है. चंदेल को उद्घोषित अपराधी करवाने का प्रयास भी किया है. ऐसे में इतने बड़े मामले में पुलिस की नाकामी साफ देखने को मिल रही है. पुलिस का साथी ही पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पा रहा है, जिसने पुलिस व्यवस्था का मजाक बना दिया है.

झालावाड़. घाटोली थाना क्षेत्र में जहां पिछले साल 21 अक्टूबर को घाटोली थाना क्षेत्र के थानाधिकारी संजय चंदेल ने मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई की और करीब ढाई किलो स्मैक जब्त की. पुलिस ने अपनी कार्रवाई को मादक पदार्थों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई घोषित कर दी और जोरों-शोरों से उसका प्रचार भी किया.

अवैध स्मैक जब्त करके 8 महीने पहले फरार हुए SHO

लेकिन कुछ दिनों बाद इस मामले में एक नया मोड़ आया और घाटोली थाना अधिकारी फरार हो जाते हैं. ऐसे में उनके ऊपर यह आरोप लगता है कि 21 अक्टूबर को की गई कार्रवाई में उन्होंने बड़ी मात्रा में स्मैक जब्त की थी. लेकिन उन्होंने सिर्फ 2.40 किलो स्मैक के जब्त होने की बात पुलिस और मीडिया के सामने रखी बाकी को लेकर फरार हो गए.

सूत्रों के अनुसार संजय चंदेल ने 21 अक्टूबर की कार्रवाई में 10 किलो स्मैक जब्त की थी. लेकिन उन्होंने पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों और मीडिया को गुमराह करते हुए 2.40 किलो स्मैक ही प्रस्तुत की. बाकी 8 किलो स्मैक के साथ अभी भी फरार हैं. लेकिन पुलिस अभी तक उनको पकड़ने में नाकाम रही है. बता दें कि 1 किलो स्मैक की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ होती है. ऐसे में 8 करोड़ की स्मैक के साथ संजय चंदेल अभी भी फरार हैं. पुलिस न तो अवैध स्मैक बरामद कर पाई है और न ही संजय चंदेल को गिरफ्तार कर पाई है, जिसके चलते पुलिस प्रशासन की मंशा पर सवाल उठने लाजमी हैं. हालांकि पुलिस प्रशासन ने चंदेल को निलंबित कर दिया. लेकिन वो अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.

इस मामले की बड़ी पेचीदगी ये भी है कि संजय चंदेल के फरार होने के बाद कोटा आईजी का तबादला हो चुका है. वहीं झालावाड़ में इस घटना के बाद दो एसपी बदल चुके हैं. ऐसे में उस वक्त के जिम्मेदार अधिकारियों का भी कहीं और तबादला हो गया है, जिसके चलते उनको भी जवाब देने से बचने का मौका मिल गया है.

वहीं इस मामले में झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी का कहना है कि एसएचओ संजय चंदेल की गिरफ्तारी के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए जगह-जगह टीमें भी भेजी गई हैं. जोशी ने कहा कि उन्होंने 15 दिन पहले न्यायालय में चार्जशीट भी पेश की है. चंदेल को उद्घोषित अपराधी करवाने का प्रयास भी किया है. ऐसे में इतने बड़े मामले में पुलिस की नाकामी साफ देखने को मिल रही है. पुलिस का साथी ही पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पा रहा है, जिसने पुलिस व्यवस्था का मजाक बना दिया है.

Intro:अवैध स्मैक जब्त करके 8 महीने पहले फरार हुए था एसएचओ, पुलिस न तो स्मैक बरामद कर पाई और न ही एसएचओ को गिरफ्तार, पुलिस की मंशा पर खड़े हुए सवाल


Body:झालावाड़ जिला मध्य प्रदेश का सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में एक संवेदनशील क्षेत्र है. ऐसे में पुलिस की यह जिम्मेदारी बनती है कि मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तस्करी को रोकने का प्रयास किया जाए लेकिन जब पुलिस वाला ही तस्कर बन जाए तो मादक पदार्थों पर कैसे लगाम लगाई जा सकेगी? ऐसा ही एक मामला सामने आया है झालावाड़ के घाटोली थाना क्षेत्र में. जहां पिछले वर्ष 21 अक्टूबर को घाटोली थाना क्षेत्र के थानाधिकारी संजय चंदेल ने मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई की और 2.40 किलो स्मैक जब्त की. पुलिस ने अपनी कार्रवाई को मादक पदार्थों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई घोषित कर दी और जोरों शोरों से उसका प्रचार भी किया लेकिन कुछ दिनों बाद इस मामले में एक नया मोड़ आता और घाटोली थाना अधिकारी फरार हो जाते हैं. ऐसे में उनके ऊपर यह आरोप लगता है कि 21 अक्टूबर को की गई कार्रवाई में उन्होंने बड़ी मात्रा में स्मैक जब्त की थी लेकिन उन्होंने सिर्फ 2.40 किलो स्मैक के जब्त होने की बात पुलिस और मीडिया के सामने रखी बाकी को लेकर फरार हो गए.

सूत्रों के अनुसार संजय चंदेल ने 21 अक्टूबर कार्रवाई में 10 किलो स्मैक जब्त की थी लेकिन उन्होंने पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों व मीडिया को गुमराह करते हुए 2.40 किलो स्मैक ही प्रस्तुत की और 8 किलो स्मैक के साथ अभी भी फरार है लेकिन पुलिस अभी तक उनको पकड़ने में नाकाम रही है. आपको बता दें कि 1 किलो स्मैक की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ होती है ऐसे में 8 करोड़ की स्मैक के साथ संजय चंदेल अभी भी फरार है. पुलिस न तो अवैध स्मैक बरामद कर पायी है और न ही संजय चंदेल को गिरफ्तार कर पाई है जिसके चलते पुलिस प्रशासन की मंशा पर सवाल उठने लाजमी है.
हालांकि पुलिस प्रशासन ने संजय चंदेल को निलंबित कर दिया लेकिन वो अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है.

इस मामले की बड़ी पेचीदगी ये भी है कि संजय चंदेल के फरार होने के बाद कोटा आईजी का तबादला हो चुका है वहीं झालावाड़ में इस घटना के बाद दो एसपी बदल चुके है. ऐसे में उस वक्त के जिम्मेदार अधिकारियों का भी कहीं और तबादला हो गया है जिसके चलते उनको भी जवाब देने से बचने का मौका मिल गया है.


Conclusion:वहीं इस मामले में झालावाड़ के पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी का कहना है कि एसएचओ संजय चंदेल की गिरफ्तारी के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए जगह जगह टीम में भी भेजी हैं. जोशी ने कहा कि हमने 15 दिन पहले न्यायालय में चार्जशीट भी पेश की है. हमने संजय चंदेल को उद्धघोषित अपराधी करवाने का प्रयास भी किया है.
ऐसे में इतने बड़े मामले में पुलिस की नाकामी साफ देखने को मिल रही है तथा पुलिस का साथी ही पुलिस की गिरफ्त में नही आ पा रहा है जिसने पुलिस व्यवस्था का मजाक बना दिया है.
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