झालावाड़. जिले की खाद्य सुरक्षा सूची में करीब 72 हजार उपभोक्ता फर्जी तरीके से राशन उठाकर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे थे. ऐसे में सरकार ने सख्ती दिखाते हुए इन फर्जी उपभोक्ताओं के नाम हटा दिए हैं. जिसके चलते मार्च महीने में जिले के लिए 13 हजार क्विंटल गेहूं कम आवंटन किया गया. जिससे सरकार को करीबन 2.60 करोड़ की बचत हुई. साथ ही अब उन उपभोक्ताओं को भी फायदा मिलेगा जो खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल होने की प्रतीक्षा में हैं.
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बता दें कि झालावाड़ में नवंबर महीने से पहले खाद्य सुरक्षा योजना में करीब 11 लाख 74 हजार यूनिट शामिल थे. ऐसे में सरकार ने वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत आधार कार्ड की सीडिंग करवाना शुरू की. इस दौरान करीब 72000 उपभोक्ता फर्जी सामने आए. जिनमें 650 सरकारी कार्मिक भी थे. फर्जी लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा से हटा दिए गए हैं. ऐसे में फर्जी व अपात्र लोगों के नाम से हटाए जाने के बाद सरकार को करीब 2.60 करोड़ की बचत हुई है.
झालावाड़ के जिला रसद अधिकारी आलोक झरवाल ने बताया कि सरकार 20 रुपए किलो में गेहूं की खरीद करती है और खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल उपभोक्ताओं के लिए 18 रुपए की सब्सिडी देकर मात्र 2 रुपए प्रति किलो में गेहूं उपलब्ध करवाती है. डीएसओ ने बताया कि इस बार प्रशासन ने 72000 फर्जी उपभोक्ताओं के नाम हटाए हैं. जिसके बाद खाद्य आपूर्ति निगम ने जिले के आवंटन में 9 हजार क्विंटल गेहूं कम करते हुए 49 हजार 728 क्विंटल गेहूं का आवंटन किया.
13 हजार क्विंटल गेहूं की बचत
इसके बाद स्थानीय निगम ने भी उपभोक्ताओं के आधार पर स्टॉक की जांच की तो 4 हजार 186 क्विंटल गेहूं और शेष बच रहा था. इस पर 4 हजार 186 क्विंटल गेहूं और कम करके मार्च माह के लिए 45 हजार 361 क्विंटल गेंहू का आवंटन किया गया. उन्होंने बताया कि जहां पहले 58000 क्विंटल राशन सामग्री का आवंटन होता था अब 45361 क्विंटल राशन का ही आवंटन हुआ है. ऐसे में 13000 क्विंटल गेहूं की बचत हुई है. जिसकी कीमत 2 करोड़ 60 लाख रुपए है.
डीएसओ ने बताया कि आधार सीडिंग के दौरान डग, पिडावा, झालावाड़ शहर, चौमहला व जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 650 सरकारी कर्मचारियों के नाम हटाए गए हैं और उनसे 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से वसूली की जा रही है. अब तक 300 कर्मचारियों से 40 लाख रुपए की वसूली की जा चुकी है. वहीं 350 कर्मचारियों से 63 लाख रुपए वसूले जाने बाकी हैं.