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स्पेशल: गायों के लिए नहीं हो पा रही थी चारे की व्यवस्था, युवा किसानों ने दे दिए अपने खेत - Fodder arrangements for cows

लॉकडाउन में गायों को कचरा और थैलियां खाते देख झालावाड़ के कुछ युवा किसानों ने अपने खुद के खेत पशुओं के लिए दे दिए और उनमें बाजरा और रंजका बो दिया. जिससे गायों के लिए ज्यादा से ज्यादा चारे की व्यवस्था हो सके.

पशुओं के लिए युवा किसानों ने दिए अपने खेत,   Young farmers gave their fields for cattle feed
पशुओं के लिए युवा किसानों ने दिए अपने खेत
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Published : May 9, 2020, 4:35 PM IST

झालावाड़. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते घोषित किए गए लॉकडाउन में जहां आम जनता के लिए ही खाने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है. वहीं, बेजुबान गायों की हालत और भी ज्यादा बदतर हो चुकी है. गायों को अब कचरे और प्लास्टिक की थैलियों को खाकर अपना पेट भरना पड़ रहा है.

पशुओं के लिए युवा किसानों ने दिए अपने खेत

ऐसे में गायों की दुर्दशा को देखकर झालावाड़ के युवा किसानों की टीम आगे आई है. युवा किसानों ने अब खुद के ही खेतों को गायों की सेवा में समर्पित करते हुए चारे के लिए फसल बो दी है. इससे पहले तक युवा किसानों की ये टीम चारा खरीदकर लाती और शहर भर में घूम-घूम कर गायों को दिन में दो बार चारा डालती थी. ऐसे में अब उन्होंने अपने खुद के 2 से 3 बीघा के खेत गायों की सेवा के लिए दे दिए हैं.

पढ़ें- स्पेशल: Lockdown 3.0 में सिकंदरा स्टोन मार्ट को छूट, लेकिन नहीं शुरू हो सका काम, जानें क्यों?

युवा किसानों ने बताया कि उन्होंने खेत में बाजरा और रंजका बोया है, जो महज 10 से 15 दिन में बड़ा हो जाएगा. जिससे गायों के लिए चारे की व्यवस्था करने में आसानी रहेगी. उन्होंने बताया कि इससे पहले उनकी टीम की ओर से गांव से चारा खरीद कर लाया जाता था और शहर में लाकर गायों को डाला जाता था. लेकिन इतना चारा पर्याप्त नहीं होता था. जिसके बाद अब उन्होंने अपने खुद के खेतों में ही चारा बोना शुरू कर दिया है. जिससे गायों के लिए चारे की व्यवस्था हो सके और वो गायों की ज्यादा से ज्यादा सेवा कर सकें.

बता दें कि झालावाड़ शहर और उसके आसपास के क्षेत्र में सैकड़ों आवारा और बेसहारा गायें हैं. जिनको लॉकडाउन की वजह से चारा नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते वो कचरा और थैलियां खाकर अपना पेट भर रही हैं. लेकिन युवा किसानों की इस पहले के बाद अब बेसहारा गायों को आसानी से चारा मिल सकेगा.

झालावाड़. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते घोषित किए गए लॉकडाउन में जहां आम जनता के लिए ही खाने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है. वहीं, बेजुबान गायों की हालत और भी ज्यादा बदतर हो चुकी है. गायों को अब कचरे और प्लास्टिक की थैलियों को खाकर अपना पेट भरना पड़ रहा है.

पशुओं के लिए युवा किसानों ने दिए अपने खेत

ऐसे में गायों की दुर्दशा को देखकर झालावाड़ के युवा किसानों की टीम आगे आई है. युवा किसानों ने अब खुद के ही खेतों को गायों की सेवा में समर्पित करते हुए चारे के लिए फसल बो दी है. इससे पहले तक युवा किसानों की ये टीम चारा खरीदकर लाती और शहर भर में घूम-घूम कर गायों को दिन में दो बार चारा डालती थी. ऐसे में अब उन्होंने अपने खुद के 2 से 3 बीघा के खेत गायों की सेवा के लिए दे दिए हैं.

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युवा किसानों ने बताया कि उन्होंने खेत में बाजरा और रंजका बोया है, जो महज 10 से 15 दिन में बड़ा हो जाएगा. जिससे गायों के लिए चारे की व्यवस्था करने में आसानी रहेगी. उन्होंने बताया कि इससे पहले उनकी टीम की ओर से गांव से चारा खरीद कर लाया जाता था और शहर में लाकर गायों को डाला जाता था. लेकिन इतना चारा पर्याप्त नहीं होता था. जिसके बाद अब उन्होंने अपने खुद के खेतों में ही चारा बोना शुरू कर दिया है. जिससे गायों के लिए चारे की व्यवस्था हो सके और वो गायों की ज्यादा से ज्यादा सेवा कर सकें.

बता दें कि झालावाड़ शहर और उसके आसपास के क्षेत्र में सैकड़ों आवारा और बेसहारा गायें हैं. जिनको लॉकडाउन की वजह से चारा नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते वो कचरा और थैलियां खाकर अपना पेट भर रही हैं. लेकिन युवा किसानों की इस पहले के बाद अब बेसहारा गायों को आसानी से चारा मिल सकेगा.

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