झालावाड़. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते घोषित किए गए लॉकडाउन में जहां आम जनता के लिए ही खाने का बड़ा संकट खड़ा हो गया है. वहीं, बेजुबान गायों की हालत और भी ज्यादा बदतर हो चुकी है. गायों को अब कचरे और प्लास्टिक की थैलियों को खाकर अपना पेट भरना पड़ रहा है.
ऐसे में गायों की दुर्दशा को देखकर झालावाड़ के युवा किसानों की टीम आगे आई है. युवा किसानों ने अब खुद के ही खेतों को गायों की सेवा में समर्पित करते हुए चारे के लिए फसल बो दी है. इससे पहले तक युवा किसानों की ये टीम चारा खरीदकर लाती और शहर भर में घूम-घूम कर गायों को दिन में दो बार चारा डालती थी. ऐसे में अब उन्होंने अपने खुद के 2 से 3 बीघा के खेत गायों की सेवा के लिए दे दिए हैं.
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युवा किसानों ने बताया कि उन्होंने खेत में बाजरा और रंजका बोया है, जो महज 10 से 15 दिन में बड़ा हो जाएगा. जिससे गायों के लिए चारे की व्यवस्था करने में आसानी रहेगी. उन्होंने बताया कि इससे पहले उनकी टीम की ओर से गांव से चारा खरीद कर लाया जाता था और शहर में लाकर गायों को डाला जाता था. लेकिन इतना चारा पर्याप्त नहीं होता था. जिसके बाद अब उन्होंने अपने खुद के खेतों में ही चारा बोना शुरू कर दिया है. जिससे गायों के लिए चारे की व्यवस्था हो सके और वो गायों की ज्यादा से ज्यादा सेवा कर सकें.
बता दें कि झालावाड़ शहर और उसके आसपास के क्षेत्र में सैकड़ों आवारा और बेसहारा गायें हैं. जिनको लॉकडाउन की वजह से चारा नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते वो कचरा और थैलियां खाकर अपना पेट भर रही हैं. लेकिन युवा किसानों की इस पहले के बाद अब बेसहारा गायों को आसानी से चारा मिल सकेगा.