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झालावाड़ः किसानों को भुगतना पड़ रहा सरकारी एजेंसियों की लापरवाही का खामियाजा - Jhalawar news

झालावाड़ के मनोहरथाना कस्बे में शुक्रवार को किसानों को खाद्य लेने के लिए काफी समय तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा, तब जाकर किसानों को खाद्य का कट्टा वितरित किया गया. वहीं किसानों का कहना है कि इस संबंध में कई बार जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दे चुके है, उसके बादजूद भी कोई संज्ञान नहीं लिया गया.

झालावाड़ किसान परेशान,  Jhalawar Manorathana news
यूरिया खाद की किल्लत को देखकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
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Published : Nov 29, 2019, 9:06 PM IST

मनोहरथाना (झालावाड़). जिले के किसान मनोहरथाना कस्बे में खाद्य लेने के लिए पहुंचे. जहां किसानों को सरकारी एजेन्सियों की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर विभागीय अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जिले में यूरिया खाद्य की कमी नहीं है,लेकिन समितियों और खाद्य की दुकानों पर खाद्य की समय पर खेप नहीं पहुंचने से इलाके में यूरिया खाद्य की किल्लत होने लगी है.

यूरिया खाद की किल्लत को देखकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

वहीं किसानों को समय पर फसल में डालने के लिए खाद्य नहीं मिलने से किसान लाइनों में लगाकर यूरिया खाद्य के लिए जूझते नजर आ रहे हैं. दूसरी ओर किसानों को खाद्य विक्रेताओं से जवाब मिला कि गाड़ी आने वाली है.

जिसके बाद देखते ही देखते किसान दुकान के बाहर पर्ची लेने के लिए इकठ्ठा हो गए. जब खाद्य का ट्रक अकलेरा पुलिस थाने के सामने पहुंचा तो किसान अपने- अपने साधन लेकर खाद्य लेने के लिए उमड़ पड़े. इस दौरान किसानों को खाद्य के लिए लाइनों में लगवाया गया. जिसके बाद एक-एक कर किसानों को खाद्य का कट्टा वितरित किया गया.

पढ़ें: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पूनिया ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए सदन से प्रधानमंत्री को दिया धन्यवाद

किसानों का मानना है कि खेतों में सिंचाई का समय चल रहा है. सर्दी के कारण फसल में बढ़वार हो रही है. ऐसे में फसल के लिए यूरिया खाद्य की ज्यादा आवश्यकता महसूस होने लगी है. वहीं किसानों का कहना है कि खाद्य न मिलने को लेकर झालावाड़ जिला कलक्टर को ज्ञापन भी दिया था, लेकिन इस मामले को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया गया.

मनोहरथाना (झालावाड़). जिले के किसान मनोहरथाना कस्बे में खाद्य लेने के लिए पहुंचे. जहां किसानों को सरकारी एजेन्सियों की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर विभागीय अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जिले में यूरिया खाद्य की कमी नहीं है,लेकिन समितियों और खाद्य की दुकानों पर खाद्य की समय पर खेप नहीं पहुंचने से इलाके में यूरिया खाद्य की किल्लत होने लगी है.

यूरिया खाद की किल्लत को देखकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें

वहीं किसानों को समय पर फसल में डालने के लिए खाद्य नहीं मिलने से किसान लाइनों में लगाकर यूरिया खाद्य के लिए जूझते नजर आ रहे हैं. दूसरी ओर किसानों को खाद्य विक्रेताओं से जवाब मिला कि गाड़ी आने वाली है.

जिसके बाद देखते ही देखते किसान दुकान के बाहर पर्ची लेने के लिए इकठ्ठा हो गए. जब खाद्य का ट्रक अकलेरा पुलिस थाने के सामने पहुंचा तो किसान अपने- अपने साधन लेकर खाद्य लेने के लिए उमड़ पड़े. इस दौरान किसानों को खाद्य के लिए लाइनों में लगवाया गया. जिसके बाद एक-एक कर किसानों को खाद्य का कट्टा वितरित किया गया.

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किसानों का मानना है कि खेतों में सिंचाई का समय चल रहा है. सर्दी के कारण फसल में बढ़वार हो रही है. ऐसे में फसल के लिए यूरिया खाद्य की ज्यादा आवश्यकता महसूस होने लगी है. वहीं किसानों का कहना है कि खाद्य न मिलने को लेकर झालावाड़ जिला कलक्टर को ज्ञापन भी दिया था, लेकिन इस मामले को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया गया.

Intro:यूरिया खाद के लिए घंटों लाइन में लग रहे हैं किसानों को जुझना पड़ रहा है,

मनोहरथाना /झालावाड़/ हेमराज शर्मा


मनोहरथाना /झालावाड़/ जिले के मनोहरथाना क्षेत्र के आसपास के किसान मनोहरथाना कस्बे में खाद के लिए खरीदारी करने के लिए पहुंचे।
। रबी सीजन में यूरिया और डीएपी उपलब्ध कराने में हर बार नाकाम रही सरकारी एजेन्सियों की लेट-लतीफी इस बार भी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन रही है। विभागीय अधिकारी दावा कर रहे हैं कि जिले में यूरिया खाद की कमी नहीं है,लेकिन समितियों और खाद की दुकानों पर खाद की समय पर खेप नहीं पहुंचने से इलाके में यूरिया खाद की किल्लत होने लगी है। किसानों को समय पर फसल में डालने के लिए खाद नहीं मिलने के चलते किसान लाइनों में लगाकर यूरिया खाद के लिए जूझते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही नजारा हमें देखने को मिला। नगर सहित ग्रामीण इलाके ऐसे किसान यूरिया खाद खरीदने के लिए अकलेरा, मनोहरथाना , कामखेड़ा,सरेडी, घाटोली,रटलाई,भालता,
पहुंच कर निराशा ही हाथ लग रही है
।लेकिन उनको कुछेक दुकानों पर यूरिया खाद नहीं मिला। हरनावदा रोड स्थित एक खाद की दुकान पर ग्राहकों को देखकर दुकानदार ने दुकान का शटर नीचे कर दिया ऐसे में किसान दुकान के बाहर खाद के लिए बैठे रहे। खाद विक्रेताओं से उन्हें जवाब मिला की गाड़ी आने वाली है। देखते ही देखते किसान दुकान के बाहर पर्ची लेने के लिए उमड़ पड़े। इस दौरान लाइनें लग गई। जब खाद का ट्रक अकलेरा पुलिस थाने के सामने पहुंचा तो किसान अपने अपने साधन लेकर खाद लेने के लिए उमड़ पड़े। इस दौरान अफरा-तफरी का माहौल रहा तो किसानों को खाद के लिए लाइनों में लगवाया गया। किसान काफी देर तक लाइन में लगे रहे। इस दौरान एक-एक कर किसानों को खाद का कट्टा वितरित किया। किसानों का मानना है कि खेतों में सिंचाई का समय चल रहा है। सर्दी के कारण फसल में बढ़वार हो रही है। ऐसे में फसल के लिए यूरिया खाद की ज्यादा आवश्यकता महसूस होने लगी है।Body:नौबत यहां तक आ गई किसानों को खाद लेने के लिए पुलिस थाने के अंदर जाना पड़ रहा है पुलिस थाने के सामने खाद लेने के लिए लाइन में लगते हुए घंटो तक इंतजार करना पड़ रहा है ऐसे में क्षेत्र का धरती पुत्र किसानों को अन्नदाता कहे जाने वाले किसान ही आज दर-दर भटक रहे हैं इस मामले को लेकर झालावाड़ जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया गया था परंतु इस मामले को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया गया हालात जस के तस बने हुए हैं वे खाद बीज उपचार दुकानदारों का कहना है कि क्षेत्र के अंदर यूरिया खाद की किल्लत चल रही है।Conclusion:धरती पुत्रों को करना पड़ रहा है संघर्ष पहले ही बारिश की मांर झेल चुके किसानों का कहना है हमें तो पहले ही बारिश ने मार डाला अब इसके साथ साथ बिजली कटौती भी किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है अब नौबत यहां तक आ गई किसानों को खाद लेने के लिए पुलिस थाने के अंदर जाना पड़ रहा है पुलिस थाने के सामने खाद लेने के लिए लाइन में लगते हुए घंटो तक इंतजार करना पड़ रहा है ऐसे में क्षेत्र का धरती पुत्र किसानों को अन्नदाता कहे जाने वाले किसान ही आज दर-दर भटक रहे हैं इस मामले को लेकर झालावाड़ जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया गया था परंतु इस मामले को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया गया हालात जस के तस बने हुए हैं वे खाद बीज उपचार दुकानदारों का कहना है कि क्षेत्र के अंदर यूरिया खाद की किल्लत चल रही है।
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