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यूरिया के लिए किसान झेल रहे दोहरी मार, अधिकारियों की मौजूदगी में 270 की बजाय वसूल रहे 300 रुपए

झालावाड़ के किसानों को यूरिया के लिए दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. उन्हें घण्टो लाइन में लगने के बाद भी 270 रुपए के कट्टे के लिए 300 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं. यह भी तब जब अधिकारी वहां मौजूद रहे.

झालावाड़ यूरिया बिक्री खबर, jhalawar urea selling news
झालावाड़ में यूरिया बिक्री
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Published : Dec 15, 2019, 5:55 PM IST

झालावाड़. जिले के किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले जहां बाढ़ की वजह से फसलें चौपट हो गई थीं, वहीं अब रबी की फसलों के लिए किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है. किसानों को यूरिया के लिए लाइन में घण्टो संघर्ष करने के बाद भी 270 रुपए के यूरिया कट्टे के लिए 300 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं.

यूरिया के लिए किसान झेल रहे दोहरी मार

बता दें कि झालरापाटन से भवानीमंडी रोड पर स्थित कृषि विभाग के डीलर की दुकान पर किसानों से 270 रुपए की कीमत वाले यूरिया कट्टे के लिए 300 रुपए वसूले जा रहे हैं. गौरतलब है कि ये सब तब हो रहा है, जब वहां पर खुद इलाके के तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारी मौजूद हैं. तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में डीलर की ओर से यह खेल खेला जा रहा है.

पढ़ें: कोटा: सिमलिया में ग्रामीणों ने सफाई कर जताया विरोध, सरपंच और नेताओं पर निकाला गुस्सा

वहीं यूरिया लेने आए किसानों का कहना है कि उनको यहां पर 2 से 3 घंटे लाइन में लगना पड़ता है और उसके बाद भी एक कट्टा 300 रुपए में मिलता है. साथ ही उन्होंने बताया कि जब मीडियाकर्मी वहां पर पहुंचे तो कट्टे के साथ वो एक जैव उर्वरक का पाउच देने लगे. जिसका उनकी खेती में कोई उपयोग नहीं है. उसके बावजूद उन्हें डीलरों की ओर से वो पाउच जबर्दस्ती दिया जा रहा है.

साथ ही जब किसान वह पाउच लेने से मना कर देते हैं, तो उनको यूरिया का कट्टा भी नहीं दिया जाता है. वहीं मौके पर मौजूद तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारी इस बात से इनकार करते रहे कि यूरिया का कट्टा 300 रुपए में दिया जा रहा है. जबकि किसान बार-बार यही कहते नजर आए कि उनको एक कट्टे के 300 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं.

झालावाड़. जिले के किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले जहां बाढ़ की वजह से फसलें चौपट हो गई थीं, वहीं अब रबी की फसलों के लिए किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है. किसानों को यूरिया के लिए लाइन में घण्टो संघर्ष करने के बाद भी 270 रुपए के यूरिया कट्टे के लिए 300 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं.

यूरिया के लिए किसान झेल रहे दोहरी मार

बता दें कि झालरापाटन से भवानीमंडी रोड पर स्थित कृषि विभाग के डीलर की दुकान पर किसानों से 270 रुपए की कीमत वाले यूरिया कट्टे के लिए 300 रुपए वसूले जा रहे हैं. गौरतलब है कि ये सब तब हो रहा है, जब वहां पर खुद इलाके के तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारी मौजूद हैं. तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में डीलर की ओर से यह खेल खेला जा रहा है.

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वहीं यूरिया लेने आए किसानों का कहना है कि उनको यहां पर 2 से 3 घंटे लाइन में लगना पड़ता है और उसके बाद भी एक कट्टा 300 रुपए में मिलता है. साथ ही उन्होंने बताया कि जब मीडियाकर्मी वहां पर पहुंचे तो कट्टे के साथ वो एक जैव उर्वरक का पाउच देने लगे. जिसका उनकी खेती में कोई उपयोग नहीं है. उसके बावजूद उन्हें डीलरों की ओर से वो पाउच जबर्दस्ती दिया जा रहा है.

साथ ही जब किसान वह पाउच लेने से मना कर देते हैं, तो उनको यूरिया का कट्टा भी नहीं दिया जाता है. वहीं मौके पर मौजूद तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारी इस बात से इनकार करते रहे कि यूरिया का कट्टा 300 रुपए में दिया जा रहा है. जबकि किसान बार-बार यही कहते नजर आए कि उनको एक कट्टे के 300 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं.

Intro:झालावाड़ के किसानों को यूरिया को लेकर दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। किसानों को घण्टो लाइन में लगने के बाद 270 के कट्टे के 300 रुपये चुकाने पड़ रहे है। वहीं वितरण के समय तहसीलदार व कृषि विभाग के अधिकारी भी मौजूद है उसके बाद किसानों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।
Body:झालावाड़ के किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले जहां बाढ़ की वजह से फसलें चौपट हो गई थी वहीं अब रबी की फ़सलो के लिए किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है। यूरिया को लेकर भी किसानो को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। किसानो को लाइनो में घण्टो संघर्ष करने के बाद यूरिया मिल रहा है। उसके बाद भी किसानो को यूरिया के 270 रुपये कट्टे के 300 रुपये चुकाना पड़ रहे है। ऐसा ही मामला झालावाड़ के झालरापाटन से भवानीमंडी रोड पर स्थित कृषि विभाग के डीलर की दुकान पर देखने को मिला जहाँ किसानों से 270 की कीमत के यूरिया के कट्टे के 300 रुपये वसूले जा रहे हैं। और ये सब तब हो रहा है जब वहां पर खुद झालरापाटन के तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारी मौजूद है। तहसीलदार व कृषि विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में डीलर द्वारा यह खेल खेला जा रहा है। यूरिया लेने आये किसानों का कहना है हमको यहां पर 2 से 3 घंटे लाइन में लगना पड़ता है और उसके बाद भी उनको एक कट्टा 300 रुपये में मिल रहा है। जब मीडियाकर्मी वहां पर पहुंचे तो कट्टे के साथ वो एक जैव उर्वरक का पाउच देने लगे जिसका उनकी खेती में कोई उपयोग नहीं है। उसके बावजूद उन्हें वो जबर्दस्ती वो पाउच दिया जा रहा है।जब किसान पाउच लेने से मना कर देते हैं तो उनको यूरिया का कट्टा भी नहीं दिया जाता है। मौके पर मौजूद तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारी इस बात से इनकार करते रहे कि यूरिया का कट्टा 300 रुपये में दिया जा रहा है। जबकि किसान उनको बार-बार यही कहते रहे कि उनको एक कट्टे के 300 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।

Conclusion:बाइट 1 - जगदीश (किसान)
बाइट 2 - पार्वती बाई (किसान)
बाइट 3 - राहुल
बाइट 4 - भरत सिंह गुर्जर (कृषि विभाग)
बाइट 5 - तहसीलदार (झालरापाटन)

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