अकलेरा (झालावाड़). जिले के मोईखुर्द गांव सहित पहाड़ी क्षेत्रों के दर्जनों गांवों में लोगों की पेयजल समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. गर्मी का पारा चढ़ने के साथ ही उपखंड क्षेत्र में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. इन दिनों आसमान से मानों आग बरस रही है. ऐसे में पहाड़ी चढ़कर पानी लाने पर इलाके की महिलाएं मजबूर है.
बता दें कि, मोईखुर्द गांव महिलाएं करीब 1 किलोमीटर दूर कुएं से पानी लेकर आती है. पानी लेकर आते समय ऊंची पहाड़ी को चढ़ना होता है, जिसके कारण महिलाओं को कहीं परेशानियों का सामना करना पड़ता है. भीषण तपती गर्मी में पानी लेकर आने से कही बाहर महिलाओं की अचानक तबीयत भी खराब हो जाती है. मोईखुर्द गांव में करीब 500 लोग निवास करते हैं. उनके परिवारों से रोजाना दिन में दो से तीन बार महिलाएं कुएं पर पानी लेने जाती हैं.
नहीं होती कोई सुनवाई
महिपाल सिंह भील ने बताया कि गांव में हैंडपंप हैं, लेकिन उसमें भी पानी नहीं आ रहा है. पिछले कई वर्षों से महिलाएं 1 किलोमीटर दूरदराज से कुएं से पानी लेकर आ रही हैं. इसके बारे में कहीं बाहर जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं. साथ ही मनोहरथाना विधायक गोविंद रानीपुरिया जब गांव के दौरे पर आए थे तब, उन्हें भी इस समस्या को लेकर अवगत कराया था, लेकिन किसी ने भी समस्या का समाधान नहीं किया.
गर्मी का पारा चढ़ने के साथ ही मोईखुर्द गांव में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. इन दिनों आसमान से आग बरस रही है. ऐसे में लोग पेयजल के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं. लोगों को इस चिलचिलाती धूप में पानी के लिए संघर्ष करते देखा जा सकता है. जल स्रोतों के हलक सूख चुके हैं तो, जलस्तर नीचे चले जाने की वजह से मोईखुर्द पानी नहीं निकल रहा है. सभी तालाब, पोखर खुद प्यासे हो गए हैं. जहां कहीं भी पानी के स्रोत नजर आते हैं, वहां लोगों की भीड़ लग रही है. ऐसे में उपखंड के कई गांव के लोग दूर दूर से पानी लाने को विवश हैं.