मनोहरथाना (झालावाड़). जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक धार्मिक नगरी कामखेड़ा में शनिवार को शनि अमावस्या महोत्सव को लेकर शनि मंदिरों में दिनभर श्रद्धालुओं ने तेल से अभिषेक किया और मत्था टेका. इसके बाद कामखेड़ा स्थित शनि देव के मंदिर में विशाल भजन संध्या का आयोजन किया गया. भजन संध्या में भजन गायकों ने शनिदेव की महिमा का गुणगान किया.
शनि मंदिर महंत पुजारी प्रहलाद स्वामी ने बताया कि सुबह भगवान शनिदेव की निज मूर्ति का विधि विधान और मंत्रोच्चार के साथ तेल से अभिषेक किया गया. सांयकाल 4 बजे शनिदेव का आकर्षक फूल बंगले की झांकी सजाई गई. सुबह से शाम तक शनि मंदिर में तेल अभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. शनिचरी अमावस्या महोत्सव को लेकर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए.
शनि मंदिर पर भक्तों ने यहां विपदाओं से दूर रहने के लिए शनिदेव को तेल अर्पित कर दान पुण्य किया. शनि अमावस्या पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शनिदेव मंदिर पहुंचकर मत्था टेका और शांति जप किया. इस दौरान मंदिर में शनि भगवान को प्रसन्न करने के लिए तेल, गुड़, काले तिल, लोहे की वस्तु, पुष्प माला, काल कपड़ा और विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का दान किया गया. शनि मंदिर पर भजन संध्या आयोजन के दौरान प्रसाद वितरित की गई, जिसमें आसपास और दुरदराज के बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रसादी ग्रहण करने पहुंचे.
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शनि मंदिर के महंत पुजारी प्रहलाद स्वामी ने बताया कि इस दिन शनि मंदिर पर श्रद्धालुओं ने भजन संध्या सहित शनि अमावस्या पर शनिदेव के दर्शन कर भोजन प्रसादी का लाभ लिया. साथ ही क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर शनि अमावस्या पर धार्मिक आयोजन सहित कई जगह भंडारे आयोजित किए गए.
कपासन: मेवाड़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शनिमहाराज आली में शनि अमावस्या के अवसर लगभग 50 हजार श्रद्धालु पहुंचे
दर्शनार्थ पट बंद होने के बाद भी मेवाड़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शनिमहाराज आली में शनिवार को शनि अमावस्या के अवसर पर लगभग 50 हजार श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे. कमेटी के अध्यक्ष छगन गुर्जर एवं सचिव कालूसिंह ने बताया कि सरकार एवं प्रशासन की और से कोरोना गाइड लाइन की पालना करते हुए शनि अमावस्या के अवसर पर मन्दिर के पट दर्शनार्थ बंद रखे गए एवं इसका प्रचार-प्रसार भी किया गया. इसके बावजूद भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में तीर्थ स्थल पर पहुंचे.
मन्दिर के पट बंद होने से श्रद्धालु मन्दिर चौक से ही पूजा अर्चना कर लौट गए. तेल कुंड क्षेत्र भी बंद रखा गया. पूर्व सूचना के बावजूद दिनभर में लगभग 40 से 50 हजार श्रद्धालु पहुचे. श्रद्धालुओं की दिनभर कतारे लगी रही. इस दौरान कमेटी ने पुलिस की मदद से दिनभर व्यवस्था बनाई रखी. वही श्री शनिमहाराज आली के दानपात्र में 16 लाख 79 हजार 686 रु की भेंट राशि प्राप्त हुए.