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झालावाड़ में कार्ड होते हुए भी राशन से वंचित हैं लोग, चालू करवाने के लिए लगा रहे चक्कर - कोविड 19

झालावाड़ में ऐसे हजारों लोग हैं, जो राशन कार्ड चालू नहीं होने के कारण राशन से वंचित रह रहे हैं. ऐसे में इन लोगों की भूखे मरने की स्थिति हो गयी है. क्योंकि अभी देखने में यह आ रहा है कि सरकार तो राशन कार्ड धारियों को राशन दे रही है जबकि समाज सेवी संगठन, प्रवासी मजदूरों और असहाय लोगों को राशन दे रहे हैं.

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झालावाड़ में राशन कार्ड होते हुए भी राशन से वंचित हैं लोग
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Published : Apr 21, 2020, 5:36 PM IST

झालावाड़. जिले में करीबन 2 हजार लोगों को राशन कार्ड चालू नहीं होने की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा राशन कार्ड को चालू करवाने के लिए इनको लॉकडाउन में भी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

झालावाड़ में राशन कार्ड होते हुए भी राशन से वंचित हैं लोग

बता दें, कि केंद्र और राज्य सरकार लॉकडाउन में गरीबों तक राशन और खाद्य सामग्री पहुंचाने की भले ही भरसक कोशिश कर रहा हो, लेकिन धरातल पर ऐसा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. जहां सरकार ने गरीबों तक राशन पहुंचाने के लिए कागजी प्रक्रिया सहज बनाने का दावा करती हो, लेकिन अभी भी लोगों को कागजों के लिए चक्कर खाने पड़ रहे हैं.

झालावाड़ में ऐसे हजारों लोग हैं, जो राशन कार्ड चालू नहीं होने के कारण राशन से वंचित रह रहे हैं. ऐसे में इन लोगों की भूखे मरने की स्थिति हो गयी है. क्योंकि अभी देखने में यह आ रहा है कि सरकार तो राशन कार्ड धारियों को राशन दे रही है जबकि समाज सेवी संगठन, प्रवासी मजदूरों और असहाय लोगों को राशन दे रहे हैं. ऐसे में यह लोग राशन कार्ड होते हुए भी खाद्य सामग्री और भोजन से वंचित हो रहे हैं.

पढ़ेंः श्रीगंगानगरः कोरोना की लड़ाई में पुलिस के साथ खड़े NCC कैडेट्स, कर रहे लोगों की मदद

बता दें, कि झालावाड़ में कुल 11 लाख 62 हजार उपभोक्ता है. जिनमें से करीबन 2000 हजार लोगों के राशन कार्ड बन्द हो चुके हैं. लोगों ने अपनी व्यथा प्रकट करते हुए बताया कि जब भी राशन कार्ड को चालू करवाने के लिए ईः मित्र वाले के पास जाते हैं तो वहां से नगरपालिका भेज दिया जाता है. नगरपालिका से मिनी सचिवालय भेज दिया जाता है और वहां पर लगातार चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन फिर भी राशन कार्ड चालू नहीं हो पा रहा है. वहीं, जब राशन कार्ड को खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़ने के बात की जाती है तो ईःमित्र संचालक काफी ज्यादा पैसे वसूलते हैं, जो कि इस लॉकडाउन में देना संभव ही नहीं है.

झालावाड़. जिले में करीबन 2 हजार लोगों को राशन कार्ड चालू नहीं होने की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा राशन कार्ड को चालू करवाने के लिए इनको लॉकडाउन में भी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

झालावाड़ में राशन कार्ड होते हुए भी राशन से वंचित हैं लोग

बता दें, कि केंद्र और राज्य सरकार लॉकडाउन में गरीबों तक राशन और खाद्य सामग्री पहुंचाने की भले ही भरसक कोशिश कर रहा हो, लेकिन धरातल पर ऐसा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. जहां सरकार ने गरीबों तक राशन पहुंचाने के लिए कागजी प्रक्रिया सहज बनाने का दावा करती हो, लेकिन अभी भी लोगों को कागजों के लिए चक्कर खाने पड़ रहे हैं.

झालावाड़ में ऐसे हजारों लोग हैं, जो राशन कार्ड चालू नहीं होने के कारण राशन से वंचित रह रहे हैं. ऐसे में इन लोगों की भूखे मरने की स्थिति हो गयी है. क्योंकि अभी देखने में यह आ रहा है कि सरकार तो राशन कार्ड धारियों को राशन दे रही है जबकि समाज सेवी संगठन, प्रवासी मजदूरों और असहाय लोगों को राशन दे रहे हैं. ऐसे में यह लोग राशन कार्ड होते हुए भी खाद्य सामग्री और भोजन से वंचित हो रहे हैं.

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बता दें, कि झालावाड़ में कुल 11 लाख 62 हजार उपभोक्ता है. जिनमें से करीबन 2000 हजार लोगों के राशन कार्ड बन्द हो चुके हैं. लोगों ने अपनी व्यथा प्रकट करते हुए बताया कि जब भी राशन कार्ड को चालू करवाने के लिए ईः मित्र वाले के पास जाते हैं तो वहां से नगरपालिका भेज दिया जाता है. नगरपालिका से मिनी सचिवालय भेज दिया जाता है और वहां पर लगातार चक्कर काटने पड़ रहे हैं, लेकिन फिर भी राशन कार्ड चालू नहीं हो पा रहा है. वहीं, जब राशन कार्ड को खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़ने के बात की जाती है तो ईःमित्र संचालक काफी ज्यादा पैसे वसूलते हैं, जो कि इस लॉकडाउन में देना संभव ही नहीं है.

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