झालावाड़. कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण झालावाड़ में संक्रमित लोग कोरोना फैला रहे हैं. वहीं संक्रमितों का समय पर इलाज भी शुरू नहीं हो पा रहा है. जिले में बड़े स्तर पर सैंपलिंग होने के बावजूद देरी से रिपोर्ट आने के कारण प्रशासन की पूरी मेहनत पर पानी फिर रहा है.
झालावाड़ में लोगों को 3 दिन बाद तक भी कोरोना की रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है. ऐसे में रिपोर्ट के लिए लोगों को अस्पताल के कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. जिसमें जिन लोगों को रिपोर्ट का पता नहीं होता है वे पॉजिटिव लोग भी कोरोना स्प्रेडर बनकर अस्पताल में भी संक्रमण फैलाते रहते हैं.
झालावाड़ के मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोरोना की जांच की जा रही है. जिसमें जिला अस्पताल की ओपीडी, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, जिले के सभी सीएचसी पीएचसी से सैंपल कलेक्ट करते हुए जांच के लिए भेजे जाते हैं. लेकिन जांच के लिए भिजवाए जाने पर 3 दिन बाद भी लोगों को कोरोना रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ रहा है. कोरोना रिपोर्ट के इंतेजार में लोग बड़ी संख्या में लेबोरेटरी के बाहर पूछताछ भी करते हुए नजर आते हैं.
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ऐसे में उनमें से कई लोगों के पॉजिटिव होने के कारण संक्रमण भी फैलता रहता है. वहीं रिपोर्ट देरी से आने के कारण लोगों का मालूम ही नहीं होता है कि उनको कौन सी दवाई लेनी है. ऐसे में कोरोना पॉजिटिव लोगों का ईलाज भी देरी से शुरु होता है. जिससे उनका उपचार भी प्रभावित होता है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज के ढीले रवेए के कारण कोरोना बेकाबू होता जा रहा है.
इसको लेकर माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी योगेंद्र तिवारी का कहना है कि उनके पास रोज हजार के करीब सैंपल आ रहे हैं. लेकिन सीमित संसाधन होने के कारण कोरोना को रिपोर्ट आने में समय लग जाता है. फिर भी उनकी टीम कड़ी मेहनत करते हुए समय पर लोगों के सैंपल देने का प्रयास किया जा रहा है.