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झालावाड़: केंद्रीय दल ने किया सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, किसानों को मिलेगा मुआवजा

पिछले साल हुई ज्यादा वर्षा के कारण किसानों की खरीफ की फसल बर्बाद हो गई थी. जिसको लेकर बुधवार को अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल ने नुकसान का जायजा लेने के लिए क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान दल ने किसानों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनी. वहीं, अधिकारियों ने सूखे के संबंध में जानकारी प्राप्त कर किसानों को मुआवजा राशि दिलवाने की बात कही.

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केंद्रीय दल ने किया सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
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Published : Jan 20, 2021, 4:00 PM IST

झालावाड़. जिले में पिछले साल अनियमित वर्षा के कारण खरीफ की फसल में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल जिले के दौरे पर रहा. इस दौरान केंद्रीय दल ने मौके पर जाकर प्रभावित किसानों से संवाद भी किया.

केंद्रीय दल में कृषि, सहकारिता और कृषक कल्याण विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. नमिता जे प्रियदर्शी, व्ययविभाग नई दिल्ली के निदेशक सुभाष चंद मीणा, कृषि, सहकारिता और कृषक कल्याण विभाग के उप सचिव बी पी बिमल रहे. इनके साथ संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा, जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा और डग विधायक कालूराम मेघवाल भी रहे.

केंद्रीय दल ने किया सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

केंद्रीय दल को सबसे पहले मिनी सचिवालय के सभागार में जिला कलेक्टर की ओर से पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन, फोटोज, न्यूज कटिंग के माध्यम से जिले में सूखे से प्रभावित 8 जिलों की जानकारी दी गई. इस दौरान दल की ओर से संबंधित अधिकारियों से भी सूखे के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई. केंद्रीय दल जिले की ग्राम पंचायत पिपलिया, भिलवाड़ी, गणेशपुरा, सुलिया, गुराड़िया कला, हरनावदा, गुनाई और कोलवी में फसल खराबा और बीमा क्लेम के संबंध में किसानों से परस्पर संवाद स्थापित किया गया. इस दौरान प्रभावित किसानों से सोयाबीन, उड़द और मक्का के सैंपल भी लिए गए.

पढ़ें- झालावाड़: कोटा रेंज आईजी ने हेल्थ चेकअप कैंप का उद्धघाटन, पुलिस कर्मियों की होगी जांच

कृषि, सहकारिता और कृषक कल्याण विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. नमिता जे प्रियदर्शी ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार की ओर से सूखा प्रभावित क्षेत्र के किसानों से सीधे संवाद का निर्णय लेकर 3 सदस्य दल भेजने का निर्णय लिया गया. दल ने झालावाड़ के सूखा प्रभावित क्षेत्रों का मौके पर काश्तकारों से रूबरू होकर 8 तहसीलों में अनियमित बरसात के कारण 50 से 80 प्रतिशत खराबे के प्रेषित प्रस्तावों के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त की. दल की ओर से इसकी तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाकर भारत सरकार के समक्ष रखी जाएगी ताकि प्रभावित काश्तकारों को उचित मुआवजा दिलाया जा सके.

इस दौरान संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा ने कहा कि पिछले साल खरीफ की फसल सोयाबीन, उड़द और मक्का में 50 से 80% तक खराबा हुआ. भारत सरकार के अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल की ओर से किसानों से बातचीत कर वास्तविक स्थिति को देखा गया है.

वहीं जिला कलेक्टर हरिमोहन मीना ने कहा कि आपदा प्रबंधन, सहायता नागरिक सुरक्षा विभाग की ओर से सूखा प्रबंध संहिता 2016 के अनुसार ट्रिगर- और ट्रिगर-2 के बाद पटवारियों की ओर से मोबाइल पर फोटो अपलोड किया गया. ऐसे में ट्रिगर-2 में झालावाड़ का राज्य स्तर पर चयन किया गया. जिसमें ग्राउंड ट्रूथिंग के लिए जिले की प्रत्येक तहसील से 10% गांवों का रैंडम बेसिस पर चयन किया गया. जिसके बाद संबंधित पटवारी की ओर से फसल खराबे की स्थिति की फोटो लेकर जिले के फोल्डर पर अपलोड की गई.

पढ़ें- झालावाड़: सड़क सुरक्षा माह की हुई शुरुआत, वाहन चालकों को बांटे हेलमेट

गिरदावरी की रिपोर्ट के आधार पर जिले की 8 तहसीलों बकानी, पिडावा, पच पहाड़, असनावर, रायपुर, सुनेल, गंगधार और डग को 20 नवंबर 2020 को सरकार की ओर से सूखाग्रस्त घोषित किया गया. उन्होंने बताया कि सूखे से प्रभावित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और आपदा प्रबंधन के तहत निर्धारित दरों से भारत सरकार के माध्यम से मुआवजा राशि दिलवाई जाएगी.

इस दौरान कालूराम मेघवाल ने कहा कि क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को उनकी ओर से विधानसभा में उठाया गया था. जिसके बाद राज्य सरकार ने रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी है. ऐसे में केंद्रीय दल क्षेत्र के दौरे पर आया है और नुकसान का आकलन कर रहा है. ऐसे में अब जल्द किसानों को मुआवजा राशि दी जाएगी.

झालावाड़. जिले में पिछले साल अनियमित वर्षा के कारण खरीफ की फसल में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल जिले के दौरे पर रहा. इस दौरान केंद्रीय दल ने मौके पर जाकर प्रभावित किसानों से संवाद भी किया.

केंद्रीय दल में कृषि, सहकारिता और कृषक कल्याण विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. नमिता जे प्रियदर्शी, व्ययविभाग नई दिल्ली के निदेशक सुभाष चंद मीणा, कृषि, सहकारिता और कृषक कल्याण विभाग के उप सचिव बी पी बिमल रहे. इनके साथ संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा, जिला कलेक्टर हरिमोहन मीणा और डग विधायक कालूराम मेघवाल भी रहे.

केंद्रीय दल ने किया सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

केंद्रीय दल को सबसे पहले मिनी सचिवालय के सभागार में जिला कलेक्टर की ओर से पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन, फोटोज, न्यूज कटिंग के माध्यम से जिले में सूखे से प्रभावित 8 जिलों की जानकारी दी गई. इस दौरान दल की ओर से संबंधित अधिकारियों से भी सूखे के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई. केंद्रीय दल जिले की ग्राम पंचायत पिपलिया, भिलवाड़ी, गणेशपुरा, सुलिया, गुराड़िया कला, हरनावदा, गुनाई और कोलवी में फसल खराबा और बीमा क्लेम के संबंध में किसानों से परस्पर संवाद स्थापित किया गया. इस दौरान प्रभावित किसानों से सोयाबीन, उड़द और मक्का के सैंपल भी लिए गए.

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कृषि, सहकारिता और कृषक कल्याण विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. नमिता जे प्रियदर्शी ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर भारत सरकार की ओर से सूखा प्रभावित क्षेत्र के किसानों से सीधे संवाद का निर्णय लेकर 3 सदस्य दल भेजने का निर्णय लिया गया. दल ने झालावाड़ के सूखा प्रभावित क्षेत्रों का मौके पर काश्तकारों से रूबरू होकर 8 तहसीलों में अनियमित बरसात के कारण 50 से 80 प्रतिशत खराबे के प्रेषित प्रस्तावों के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त की. दल की ओर से इसकी तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाकर भारत सरकार के समक्ष रखी जाएगी ताकि प्रभावित काश्तकारों को उचित मुआवजा दिलाया जा सके.

इस दौरान संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा ने कहा कि पिछले साल खरीफ की फसल सोयाबीन, उड़द और मक्का में 50 से 80% तक खराबा हुआ. भारत सरकार के अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दल की ओर से किसानों से बातचीत कर वास्तविक स्थिति को देखा गया है.

वहीं जिला कलेक्टर हरिमोहन मीना ने कहा कि आपदा प्रबंधन, सहायता नागरिक सुरक्षा विभाग की ओर से सूखा प्रबंध संहिता 2016 के अनुसार ट्रिगर- और ट्रिगर-2 के बाद पटवारियों की ओर से मोबाइल पर फोटो अपलोड किया गया. ऐसे में ट्रिगर-2 में झालावाड़ का राज्य स्तर पर चयन किया गया. जिसमें ग्राउंड ट्रूथिंग के लिए जिले की प्रत्येक तहसील से 10% गांवों का रैंडम बेसिस पर चयन किया गया. जिसके बाद संबंधित पटवारी की ओर से फसल खराबे की स्थिति की फोटो लेकर जिले के फोल्डर पर अपलोड की गई.

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गिरदावरी की रिपोर्ट के आधार पर जिले की 8 तहसीलों बकानी, पिडावा, पच पहाड़, असनावर, रायपुर, सुनेल, गंगधार और डग को 20 नवंबर 2020 को सरकार की ओर से सूखाग्रस्त घोषित किया गया. उन्होंने बताया कि सूखे से प्रभावित किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और आपदा प्रबंधन के तहत निर्धारित दरों से भारत सरकार के माध्यम से मुआवजा राशि दिलवाई जाएगी.

इस दौरान कालूराम मेघवाल ने कहा कि क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को उनकी ओर से विधानसभा में उठाया गया था. जिसके बाद राज्य सरकार ने रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी है. ऐसे में केंद्रीय दल क्षेत्र के दौरे पर आया है और नुकसान का आकलन कर रहा है. ऐसे में अब जल्द किसानों को मुआवजा राशि दी जाएगी.

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