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स्पेशलः खतरे में नौनिहाल, जर्जर भवन में आंगनबाड़ी केंद्र

नान्देडा गांव में आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर भवन में संचालित हो रहा है. आए दिन जहरीले जीव-जंतु आंगनबाड़ी में प्रवेश कर जाते हैं. जिससे बच्चों को हर वक्त डर सताता रहता है. लेकिन लापरवाह प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

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जर्जर भवन में आंगनबाड़ी केंद्र
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Published : Dec 26, 2019, 11:05 AM IST

मनोहरथाना (झालावाड़). प्रदेश सरकार छोटे-छोटे बच्चों के अच्छे विकास, पोषण और आरंभिक शिक्षा के पीछे बहुत बड़े पैमाने पर पैसे बहा रही है. इस काम के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रहीं हैं. ऐसे में बहुत सारे आंगनबाड़ी तो सुचारू रूप से संचालित होते हैं, लेकिन कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं, जिनकी स्थिति देखकर प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लग जाते हैं. झालावाड़ जिले के नांदेड़ा गांव का आंगनबाड़ी केंद्र भी उन्हीं में से एक है, जो अव्यवस्थाओं की मार झेल रहा है.

जर्जर भवन में आंगनबाड़ी केंद्र

इस आंगनबाड़ी केंद्र का भवन लगभग 15 साल पहले बनाया गया था. लेकिन ये भवन अब धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. यही नहीं आए दिन भवन के अंदर जहरीले जीव-जंतु घुस जाते हैं.

दीवारों पर दरार

आंगनबाड़ी केंद्र का भवन जर्जर हो चुका है. इसके बाद भी इस भवन में आंगनबाड़ी चल रही है.15 साल पहले बने इस भवन की दीवारों में मोटी-मोटी दरारें आ गई हैं. इससे दीवारें कमजोर पड़ने लगी हैं.

बारिश में टपकता है पानी
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने बताया, कि बारिश के मौसम में इसकी हालत और भी खराब हो जाती है. भवन की छत टपकती है. फर्श पर पानी भी जमा हो जाता है. ऐसी हालत में केन्द्र का सुचारू रूप से संचालन कर पाना अपने आप में एक चुनौती हो जाती है.

ये पढ़ेंः सरकारी स्कूलों के सूरत-ए-हाल: ...आखिर कैसे तैयार होंगे 'देश के भविष्य', जब 20 से अधिक स्कूल कई सुविधाओं से वंचित हैं

केंद्र में कुर्सी-टेबल तक टूटे हुए

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया, कि आंगनबाड़ी केन्द्र की टेबल भी टूटी हुई है. बारिश के समय छत से पानी टपकने के कारण टेबल टूट गई है. वहीं कमरे का दरवाजा भी क्षतिग्रस्त हो गया है. यहां तक कि किर्सी भी टूटी हुई है. कमरे के बाहर चारों तरफ गंदगी पड़ी है. केंद्र को ऐसी हालत में चलाना कार्यकर्ता और सहायिका की मजबूरी बन गया है.

नाले के पास है केंद्र

आंगनबाड़ी केंद्र का भवन नाले के पास बनाया गया है. जिससे नन्हें-नन्हें बच्चों के आंगनबाड़ी केंद्र पर जाते समय नाले में गिरने का डर बना रहता है. वहीं भवन नाले के पास होने के कारण ग्रामीण अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहते हैं.

जहरीले जीव-जंतुओं का घर

आंगनबाड़ी केंद्र नाले के पास होने के कारण जहरीले जीव-जंतु आंगनबाड़ी केंद्र में प्रवेश करते रहते हैं. केंद्र सहायिका ने बताया, कि भवन के अंदर एक बार जहरीले सांप को मारा गया. तीन बार बिच्छू को मारा गया. ऐसे में पहले ही जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र हादसे को निमंत्रण दे रहा है.

ये पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट: पानी पर अजमेर शहर, इमारतों पर मंडरा रहा खतरा

आंख मूंदकर बैठा है प्रशासन

केंद्र की बदहाली को ग्राम पंचायत, जिला प्रशासन और विधायक सभी नजरअंदाज कर रहे हैं. सहायिका ने बताया, कि वो कई बार नोहरथाना पंचायत समिति के ग्राम पंचायत सरेडी के सरपंच सहित, उपखंड अधिकारी, वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक सभी को भी अवगत करा चुकी हैं. यहां तक की जिला कलेक्टर को भी इस बदहाली की जानकारी दी गई है, लेकिन अबतक किसी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है.

कौन होगा जिम्मेदार

जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र के पास नाला होने से बच्चों के हादसे का शिकार होने का खतरा बना रहता है. वहीं भवन इस कदर जर्जर है, कि कभी भी कोई भी दुर्घटना हो सकती है. आंगनबाड़ी केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. नौनिहाल जर्जर भवन में कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं. आने वाले भविष्य में यदि कोई अनहोनी हो जाए, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

मनोहरथाना (झालावाड़). प्रदेश सरकार छोटे-छोटे बच्चों के अच्छे विकास, पोषण और आरंभिक शिक्षा के पीछे बहुत बड़े पैमाने पर पैसे बहा रही है. इस काम के लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रहीं हैं. ऐसे में बहुत सारे आंगनबाड़ी तो सुचारू रूप से संचालित होते हैं, लेकिन कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं, जिनकी स्थिति देखकर प्रशासन की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लग जाते हैं. झालावाड़ जिले के नांदेड़ा गांव का आंगनबाड़ी केंद्र भी उन्हीं में से एक है, जो अव्यवस्थाओं की मार झेल रहा है.

जर्जर भवन में आंगनबाड़ी केंद्र

इस आंगनबाड़ी केंद्र का भवन लगभग 15 साल पहले बनाया गया था. लेकिन ये भवन अब धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. यही नहीं आए दिन भवन के अंदर जहरीले जीव-जंतु घुस जाते हैं.

दीवारों पर दरार

आंगनबाड़ी केंद्र का भवन जर्जर हो चुका है. इसके बाद भी इस भवन में आंगनबाड़ी चल रही है.15 साल पहले बने इस भवन की दीवारों में मोटी-मोटी दरारें आ गई हैं. इससे दीवारें कमजोर पड़ने लगी हैं.

बारिश में टपकता है पानी
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने बताया, कि बारिश के मौसम में इसकी हालत और भी खराब हो जाती है. भवन की छत टपकती है. फर्श पर पानी भी जमा हो जाता है. ऐसी हालत में केन्द्र का सुचारू रूप से संचालन कर पाना अपने आप में एक चुनौती हो जाती है.

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केंद्र में कुर्सी-टेबल तक टूटे हुए

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया, कि आंगनबाड़ी केन्द्र की टेबल भी टूटी हुई है. बारिश के समय छत से पानी टपकने के कारण टेबल टूट गई है. वहीं कमरे का दरवाजा भी क्षतिग्रस्त हो गया है. यहां तक कि किर्सी भी टूटी हुई है. कमरे के बाहर चारों तरफ गंदगी पड़ी है. केंद्र को ऐसी हालत में चलाना कार्यकर्ता और सहायिका की मजबूरी बन गया है.

नाले के पास है केंद्र

आंगनबाड़ी केंद्र का भवन नाले के पास बनाया गया है. जिससे नन्हें-नन्हें बच्चों के आंगनबाड़ी केंद्र पर जाते समय नाले में गिरने का डर बना रहता है. वहीं भवन नाले के पास होने के कारण ग्रामीण अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहते हैं.

जहरीले जीव-जंतुओं का घर

आंगनबाड़ी केंद्र नाले के पास होने के कारण जहरीले जीव-जंतु आंगनबाड़ी केंद्र में प्रवेश करते रहते हैं. केंद्र सहायिका ने बताया, कि भवन के अंदर एक बार जहरीले सांप को मारा गया. तीन बार बिच्छू को मारा गया. ऐसे में पहले ही जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र हादसे को निमंत्रण दे रहा है.

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आंख मूंदकर बैठा है प्रशासन

केंद्र की बदहाली को ग्राम पंचायत, जिला प्रशासन और विधायक सभी नजरअंदाज कर रहे हैं. सहायिका ने बताया, कि वो कई बार नोहरथाना पंचायत समिति के ग्राम पंचायत सरेडी के सरपंच सहित, उपखंड अधिकारी, वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक सभी को भी अवगत करा चुकी हैं. यहां तक की जिला कलेक्टर को भी इस बदहाली की जानकारी दी गई है, लेकिन अबतक किसी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है.

कौन होगा जिम्मेदार

जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र के पास नाला होने से बच्चों के हादसे का शिकार होने का खतरा बना रहता है. वहीं भवन इस कदर जर्जर है, कि कभी भी कोई भी दुर्घटना हो सकती है. आंगनबाड़ी केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. नौनिहाल जर्जर भवन में कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं. आने वाले भविष्य में यदि कोई अनहोनी हो जाए, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है.

Intro:नान्देडा गांव में आंगनबाड़ी केंद्र पर आए दिन जहरीले जीव जंतु आंगनबाड़ी में प्रवेश कर जाते हैं जिससे मासूम बच्चों को डर का साय सता रहा वहीं दूसरी ओर जर्जर आंगनबाड़ी में बैठने को मजबूर हैं बच्चे दोनों ओर डर का साया बना हुआ। बचपन में ही तनाव का साया किस प्रकार होगा बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास पहले ही आंगनबाड़ी केंद्र पर डर का साया बना हुआ है।


खबर में बाइट आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पंचशिला


खबर में बाइट सहयोगिनी फूलाबाईBody:मनोहरथाना /झालावाड़/ हेमराज शर्मा


मनोहरथाना/झालावाड़ /जिले के नांदेड़ा गांव मे सरकार ने कई साल पहले बनाए सरकारी आंगनबाड़ी भवन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। इन भवन में अांगनबाड़ी संचालित करना खतरनाक है। इसके बावजूद प्रशासन ने इसकी मरम्मत नहीं कराई है। इस भवन में कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।

आंगनबाड़ी केंद्र का भवन जर्जर हो चुका है। इसके बाद भी इस भवन में आंगनबाड़ी चल रही है। 15 वर्ष पहले बने इस भवन की दीवारों में मोटी-मोटी दरारें आ गई हैं। इससे दीवारें कमजोर पड़ने लगी हैं। इस कारण अभिभावक अपने बच्चों को केन्द्र पर भेजने से डर रहे हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि बारिश के मौसम में इसकी हालत और भी खराब हो जाती है। ऐसी हालत में केन्द्र का सुचारू रूप से संचालन एवं क्रियान्वयन करना कार्यकर्ता एवं सहायिका की मजबूरी बन गया है।

आने वाले भविष्य में यदि कोई अनहोनी हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है। गांव में आंगनवाड़ी व्यवस्था लगभग असफल होती जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्र का भवन खाल /नाला/ के पास बनाया गया है। जिससे नन्हें-नन्हें बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र पर जाते हैं तो नाले में गिरने का डर बना रहता है।

केंद्र की कुर्सी टूटी

आंगनबाड़ी केन्द्र की टेबल टूट गई है। अांगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि बारिश के समय छत से पानी टपकने के कारण टेबल टूट गई है। कमरे का दरवाजा भी क्षतिग्रस्त हो गया है। केंद्र की दीवारों में भी दरारें आ गई हैं। कमरे के बाहर चारों तरफ गंदगी पड़ी है।



गांव में एक आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। स्थानीय रहवासी बताते हैं कि भवन के खाल/नाल/ के पास होने के कारण बच्चे वहां नहीं भेजना चाहते। वही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका ने बताया कि कहीं बाहर मनोहरथाना पंचायत समिति के ग्राम पंचायत सरेडी के सरपंच सहित, उपखंड अधिकारी , विधायक वर्तमान, पूर्व विधायक दोनों को भी अवगत करा दिया इसी के साथ साथ पूर्व प्रधान वर्तमान प्रधान को भी अवगत कराया गया परंतु इस और अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया । आंगनबाड़ी केंद्र नाले के पास होने के कारण जहरीले जीव-जंतु आंगनबाड़ी केंद्र में प्रवेश हो जाते हैं वहीं साईं का ने बताया एक बार जहरीला सांप को मारा गया तीन बार बिच्छू को मारा गया ऐसे में पहले ही जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र हादसे को निमंत्रण दे रहा वहीं दूसरी ओर जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र के पास नाला होने से हादसे का शिकार होने का खतरा बना रहता है ।Conclusion:आंगनबाड़ी केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा वहीं जर्जर हालत में कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं नन्ने नौनिहाल मासूम बच्चे आंगनबाड़ी कभी भी हो सकता है हादसे का शिकार
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