झालावाड़. एसीबी को 1 लाख 5 हजार रुपये की रिश्वत के मामले में भवानीमंडी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) राधेश्याम छीपा और कनिष्ठ अभियंता देवमित्र कानूनगो की तलाश है. आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. इस बीच स्वायत्त शासन विभाग ने दोनों अधिकारियों का भवानीमंडी से तबादला कर दिया है. इसकी एसीबी से लेकर पालिका में चर्चा है. एसीबी की ओर से जल्द कार्रवाई के लिए विभाग को रिपोर्ट भेजी जाएगी.
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बता दें कि पालिका के ईओ छीपा, जेईएन देवमित्र और 2 सफाईकर्मियों ने एक सफाई कर्मचारी के बकाया वेतन भुगतान करने और स्थायीकरण के आदेश जारी करने के लिए 2.50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. पिछले दिनों एसीबी ने दोनों अधिकारियों के नाम पर 1 लाख 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते एक सफाईकर्मी को ट्रैप कर लिया था. तभी से अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं.
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वहींस स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव दीपक नंदी की ओर से बुधवार को तबादला आदेश जारी किया गया है. इसमें अधिशासी अधिकारी राधेश्याम छीपा को छबड़ा में सहायक राजस्व निरीक्षक के खाली पद पर लगाया है. वहीं, जेईएन देवमित्र को बूंदी में लगाया है. आदेश के अनुसार टोडारायसिंह में कार्यरत अधिशासी अधिकारी शम्मूदयाल मीणा को भवानीमंडी पालिका के अधिशासी अधिकारी लगाया है और पुष्पेन्द्र सिंह को भवानी मंडी पालिका में जेईएन के पद पर तैनात किया गया है.
ये था मामला
बता दें कि भवानी मंडी नगर पालिका के सफाई कर्मचारी लखन बैरागी ने एसीबी को 29 अप्रैल को परिवाद दिया था कि उसे पालिका में नियमित ड्यूटी देने एवं संबंधित कार्यालयों के लिए उपस्थिति प्रमाण पत्र देने के बावजूद 22 माह के वेतन का भुगतान जानबूझकर अनुपस्थित बताकर नहीं किया गया और स्थायीकरण से वंचित रखने धमकी देते हुए 2.50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है. ऐसे में 20 मई को एसीबी ने कार्रवाई कर भवानीमंडी नगर पालिका के सफाईकर्मी को 1 लाख 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. तभी से ही ईओ, कनिष्ठ अभियंता और एक सफाईकर्मी फरार है. ऐसे में अब उनका तबादला होने से नई चर्चाएं शुरू हो गई है.