झालावाड़. विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर झालावाड़ में एक बच्ची का मामला सामने आया है. कुपोषण की वजह से उसकी आंखों की रोशनी कमजोर हो गई है. कुपोषित होने की वजह से जहां इस 3 वर्षीय बच्ची के आंखों की रोशनी कम हो गई है. वहीं उसके शरीर में विटामिन और प्रोटीन की कमी हो गई है. ऐसे में उसका शहर के शिशु चिकित्सालय में इलाज करवाया जा रहा है.
यह 3 साल की कुपोषित बच्ची गीता झालावाड़ के अकलेरा क्षेत्र के लसूड़िया गांव की रहने वाली है. इस बच्ची पर तो जैसे दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है. एक साल पहले गीता के पिता की मौत हो गई. उसके बाद उसकी मां ने भी दूसरी शादी कर ली. ऐसे में गीता अपनी नानी के पास रहती है. अपनी नानी के पास रह रही गीता को सही तरह से संतुलित और पोषित आहार नहीं मिल पाने की स्थिति में बच्ची कुपोषण की चपेट में आ गई है. जिस वजह से उसकी आंखों की रोशनी बहुत कम हो गई है.
वहीं, गीता को लेकर डॉक्टरों ने बताया कि गीता के शरीर में विटामिन और प्रोटीन की बहुत कमी है. जिस वजह से गीता कुपोषण की चपेट में आ गई है. गीता में विटामिन की कमी होने से उसकी आंखों के कॉर्निया में अल्सर हो गया है. जिसके चलते उसकी नजर बेहद कमजोर हो गई है. ऐसे में आई स्पेशलिस्ट उसकी आंखों का अलग से इलाज कर रहे हैं. साथ ही गीता को रोशनी की वजह से दिक्कत ना हो इसलिए उसे आई बैंडेज दिया गया है. वहीं प्रोटीन की कमी के कारण गीता के हाथ बेहद कमजोर हो गए हैं. ऐसे में उसे प्रोटीन के अलग से डोज दिए जा रहे हैं.
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बता दें, कि 15 दिन पहले गीता की तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद उसकी नानी राधी बाई उसे अलग-अलग डॉक्टरों को दिखाने के बाद शहर के शिशु अस्पताल में लेकर पहुंचीं. जहां डॉक्टरों ने बताया कि गीता तो कुपोषित है और उसमें विटामिन व प्रोटीन की बेहद कमी है. ऐसे में अब गीता का कुपोषण उपचार केंद्र में इलाज किया जा रहा है.