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झालावाड़ की मासूम गीता का दर्द : माता-पिता का साथ छीना, अब कुपोषण की चपेट में, आंखों की रोशनी भी हो गई कमजोर

झालावाड़ में एक 3 साल की बच्ची कुपोषण का शिकार हो गई है. जिससे उसके शरीर में विटामिन और प्रोटीन की कमी हो गई है. वहीं शरीर में विटामिन ए की कमी से बच्ची के आंखों की रोशनी कमजोर हो गई है. जिसके बाद बच्ची का शहर के शिशु चिकित्सालय में इलाज चल रहा है.

Girl child malnourished in Jhalawar, झालावाड़ में कुपोषण का मामला
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Published : Oct 10, 2019, 10:00 AM IST

झालावाड़. विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर झालावाड़ में एक बच्ची का मामला सामने आया है. कुपोषण की वजह से उसकी आंखों की रोशनी कमजोर हो गई है. कुपोषित होने की वजह से जहां इस 3 वर्षीय बच्ची के आंखों की रोशनी कम हो गई है. वहीं उसके शरीर में विटामिन और प्रोटीन की कमी हो गई है. ऐसे में उसका शहर के शिशु चिकित्सालय में इलाज करवाया जा रहा है.

झालावाड़ में बच्ची कुपोषण का हो गई शिकार, अस्पताल में चल रहा है उपचार

यह 3 साल की कुपोषित बच्ची गीता झालावाड़ के अकलेरा क्षेत्र के लसूड़िया गांव की रहने वाली है. इस बच्ची पर तो जैसे दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है. एक साल पहले गीता के पिता की मौत हो गई. उसके बाद उसकी मां ने भी दूसरी शादी कर ली. ऐसे में गीता अपनी नानी के पास रहती है. अपनी नानी के पास रह रही गीता को सही तरह से संतुलित और पोषित आहार नहीं मिल पाने की स्थिति में बच्ची कुपोषण की चपेट में आ गई है. जिस वजह से उसकी आंखों की रोशनी बहुत कम हो गई है.

ये पढें: भाजपा की दिग्गज बागी तिकड़ी...घनश्याम तिवाड़ी, मानवेन्द्र सिंह और सुरेन्द्र गोयल को मंडावा-खींवसर की बागडोर

वहीं, गीता को लेकर डॉक्टरों ने बताया कि गीता के शरीर में विटामिन और प्रोटीन की बहुत कमी है. जिस वजह से गीता कुपोषण की चपेट में आ गई है. गीता में विटामिन की कमी होने से उसकी आंखों के कॉर्निया में अल्सर हो गया है. जिसके चलते उसकी नजर बेहद कमजोर हो गई है. ऐसे में आई स्पेशलिस्ट उसकी आंखों का अलग से इलाज कर रहे हैं. साथ ही गीता को रोशनी की वजह से दिक्कत ना हो इसलिए उसे आई बैंडेज दिया गया है. वहीं प्रोटीन की कमी के कारण गीता के हाथ बेहद कमजोर हो गए हैं. ऐसे में उसे प्रोटीन के अलग से डोज दिए जा रहे हैं.

ये पढें: 'शुद्ध के लिए युद्ध अभियान' के तहत कार्रवाई, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खाद्य पदार्थों के लिए नमूने

बता दें, कि 15 दिन पहले गीता की तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद उसकी नानी राधी बाई उसे अलग-अलग डॉक्टरों को दिखाने के बाद शहर के शिशु अस्पताल में लेकर पहुंचीं. जहां डॉक्टरों ने बताया कि गीता तो कुपोषित है और उसमें विटामिन व प्रोटीन की बेहद कमी है. ऐसे में अब गीता का कुपोषण उपचार केंद्र में इलाज किया जा रहा है.

झालावाड़. विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर झालावाड़ में एक बच्ची का मामला सामने आया है. कुपोषण की वजह से उसकी आंखों की रोशनी कमजोर हो गई है. कुपोषित होने की वजह से जहां इस 3 वर्षीय बच्ची के आंखों की रोशनी कम हो गई है. वहीं उसके शरीर में विटामिन और प्रोटीन की कमी हो गई है. ऐसे में उसका शहर के शिशु चिकित्सालय में इलाज करवाया जा रहा है.

झालावाड़ में बच्ची कुपोषण का हो गई शिकार, अस्पताल में चल रहा है उपचार

यह 3 साल की कुपोषित बच्ची गीता झालावाड़ के अकलेरा क्षेत्र के लसूड़िया गांव की रहने वाली है. इस बच्ची पर तो जैसे दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है. एक साल पहले गीता के पिता की मौत हो गई. उसके बाद उसकी मां ने भी दूसरी शादी कर ली. ऐसे में गीता अपनी नानी के पास रहती है. अपनी नानी के पास रह रही गीता को सही तरह से संतुलित और पोषित आहार नहीं मिल पाने की स्थिति में बच्ची कुपोषण की चपेट में आ गई है. जिस वजह से उसकी आंखों की रोशनी बहुत कम हो गई है.

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वहीं, गीता को लेकर डॉक्टरों ने बताया कि गीता के शरीर में विटामिन और प्रोटीन की बहुत कमी है. जिस वजह से गीता कुपोषण की चपेट में आ गई है. गीता में विटामिन की कमी होने से उसकी आंखों के कॉर्निया में अल्सर हो गया है. जिसके चलते उसकी नजर बेहद कमजोर हो गई है. ऐसे में आई स्पेशलिस्ट उसकी आंखों का अलग से इलाज कर रहे हैं. साथ ही गीता को रोशनी की वजह से दिक्कत ना हो इसलिए उसे आई बैंडेज दिया गया है. वहीं प्रोटीन की कमी के कारण गीता के हाथ बेहद कमजोर हो गए हैं. ऐसे में उसे प्रोटीन के अलग से डोज दिए जा रहे हैं.

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बता दें, कि 15 दिन पहले गीता की तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद उसकी नानी राधी बाई उसे अलग-अलग डॉक्टरों को दिखाने के बाद शहर के शिशु अस्पताल में लेकर पहुंचीं. जहां डॉक्टरों ने बताया कि गीता तो कुपोषित है और उसमें विटामिन व प्रोटीन की बेहद कमी है. ऐसे में अब गीता का कुपोषण उपचार केंद्र में इलाज किया जा रहा है.

Intro:झालावाड़ में कुपोषण का प्रभाव इतना ज्यादा देखने को मिला है कि एक 3 वर्षीय बालिका की आंखों की रोशनी इतनी ज्यादा कमजोर हो गई है कि उसकी आँखों का अलग से इलाज किया जा रहा है साथ ही प्रोटीन के डोज़ भी अलग से दिए जा रहे हैं.


Body:सरकार के द्वारा कुपोषण मिटाने को लेकर किए जा रहे प्रयास कहां तक सफल हो रहे हैं इसका एक उदाहरण झालावाड़ में देखने को मिला है. जहां अकलेरा क्षेत्र के लसूडिया गांव की रहने वाली राधी बाई की 3 वर्षीय नातिन गीता कुपोषण का शिकार होने के वजह से इतनी कमजोर हो गई है कि उसकी आँखों की रोशनी कम होने लग गई है. 15 दिन पहले गीता की तबीयत खराब होने के बाद जब उसके नानी उसे अलग अलग डॉक्टरों को दिखाने के बाद झालावाड़ जनाना अस्पताल में लेकर आई तब मालूम पड़ा कि गीता तो कुपोषित है. विटामिन ए की कमी के चलते गीता की आंखों के कॉर्निया में अल्सर हो गया है जिसके चलते उसे बहुत कम दिखाई देता है. वहीं गीता में प्रोटीन की भी कमी है. ऐसे में गीता को कुपोषण उपचार केंद्र में रखते हुए इलाज किया जा रहा है. विटामिन ए की कमी कारण आई स्पेशलिस्ट के द्वारा गीता की आंखों का अलग से इलाज किया जा रहा है. साथ ही गीता को रोशनी की वजह से दिक्कत ना हो इसलिए उसे आई बैंडेज दिया गया है. वहीं प्रोटीन के डोज भी दिए जा रहे हैं.

गीता के कुपोषित रहने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि गीता के पिता का एक साल पहले हो चुका है तथा उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली है. ऐसे में वह उसकी नानी के पास रहती है. जहां पर उचित देखभाल नहीं होने की वजह से गीता की तबीयत इतनी ज्यादा खराब हुई है.


Conclusion:बाइट 1 - राधी बाई (गीता की नानी)
बाइट 2 - डॉ परवीन
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