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हत्या के मामले में दो सगे भाइयों सहित उनके दो बेटों को आजीवन कारावास, 3 अन्य आरोपियों को किया दोषमुक्त

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Published : Aug 8, 2023, 8:51 PM IST

झालावाड़ की एनडीपीएस कोर्ट ने हत्या के मामले में दो सगे भाइयों सहित उनके दो बेटों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. वहीं 3 अन्य आरोपियों को दोषमुक्त करार दे दिया गया.

2 real brothers and their sons got life imprisonment by NDPS court
हत्या के मामले में दो सगे भाइयों सहित उनके दो पुत्रो को आजीवन कारावास, 3 अन्य आरोपियों को किया दोषमुक्त

झालावाड़. जिले के एनडीपीएस कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश घनश्याम शर्मा ने मंगलवार को हत्या के मामले में कठोर सजा सुनाते हुए दो सगे भाइयों तथा उनके दो पुत्रों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपियों को 10 हजार रुपए के आर्थिक दंड से भी दंडित किया है. वहीं अर्थदंड न चुकाए जाने पर एक माह के अतिरिक्त कठोर कारावास का फैसला सुनाया है. साथ ही मामले में तीन अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया है.

मामले की जानकारी देते हुए एनडीपीएस कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक मोहम्मद तौकीर आलम ने बताया कि जिले के रटलाई थाना क्षेत्र में मृतक भीम सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने एक रिपोर्ट पेश की थी कि रात के समय जब वह घर के अंदर अपने बच्चों के साथ सो रही थी. उसी दौरान उसके पति भीम सिंह की चिल्लाने की आवाज आई. जब उसने बाहर जा कर देखा, तो उसके पति से बद्रीलाल, राधेश्याम, विनोद तथा राकेश व तीन अन्य लोग धारदार हथियार व लाठियों से मारपीट कर रहे थे. वे लोग उसकी ननद ललिता बाई के बारे में पूछ रहे थे.

पढ़ें: जयपुरः दहेज हत्या के आरोपी पति को 7 साल की कठोर सजा

उन लोगों को यह शक था कि उसके पति ने मेरी ननद ललिता बाई को नाते बिठाया है. बाद में मेरे बच्चों ने बीच-बचाव किया. इसके बाद मेरे पति को 108 एंबुलेंस में ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि मामले में रटलाई थाना पुलिस ने अनुसंधान कर दो सगे भाइयों बद्रीलाल तथा राधेश्याम तथा उनके पुत्रों विनोद व राकेश के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर जिले की एसीजीएम कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया.

पढ़ें: तीस रुपए की उधारी के विवाद में हुआ झगड़ा, पिता-पुत्रों को सात साल की सजा

बाद में एनडीपीएस कोर्ट में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 25 गवाह व 61 दस्तावेज पेश किए गए. जिन्हें आधार मानते हुए एनडीपीएस कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश घनश्याम शर्मा ने चारों आरोपियों को आजीवन कारावास का फैसला सुनाया. साथ ही संदेह का लाभ देते हुए तीन अन्य आरोपियों मुरली, प्रभुलाल तथा विष्णु को मामले में दोषमुक्त किया गया. वहीं आरोपियों पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया. आरोपियों द्वारा दंड की राशि ना चुकाया जाने पर 1 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

झालावाड़. जिले के एनडीपीएस कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश घनश्याम शर्मा ने मंगलवार को हत्या के मामले में कठोर सजा सुनाते हुए दो सगे भाइयों तथा उनके दो पुत्रों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपियों को 10 हजार रुपए के आर्थिक दंड से भी दंडित किया है. वहीं अर्थदंड न चुकाए जाने पर एक माह के अतिरिक्त कठोर कारावास का फैसला सुनाया है. साथ ही मामले में तीन अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया है.

मामले की जानकारी देते हुए एनडीपीएस कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक मोहम्मद तौकीर आलम ने बताया कि जिले के रटलाई थाना क्षेत्र में मृतक भीम सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने एक रिपोर्ट पेश की थी कि रात के समय जब वह घर के अंदर अपने बच्चों के साथ सो रही थी. उसी दौरान उसके पति भीम सिंह की चिल्लाने की आवाज आई. जब उसने बाहर जा कर देखा, तो उसके पति से बद्रीलाल, राधेश्याम, विनोद तथा राकेश व तीन अन्य लोग धारदार हथियार व लाठियों से मारपीट कर रहे थे. वे लोग उसकी ननद ललिता बाई के बारे में पूछ रहे थे.

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उन लोगों को यह शक था कि उसके पति ने मेरी ननद ललिता बाई को नाते बिठाया है. बाद में मेरे बच्चों ने बीच-बचाव किया. इसके बाद मेरे पति को 108 एंबुलेंस में ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि मामले में रटलाई थाना पुलिस ने अनुसंधान कर दो सगे भाइयों बद्रीलाल तथा राधेश्याम तथा उनके पुत्रों विनोद व राकेश के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर जिले की एसीजीएम कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया.

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बाद में एनडीपीएस कोर्ट में ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 25 गवाह व 61 दस्तावेज पेश किए गए. जिन्हें आधार मानते हुए एनडीपीएस कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश घनश्याम शर्मा ने चारों आरोपियों को आजीवन कारावास का फैसला सुनाया. साथ ही संदेह का लाभ देते हुए तीन अन्य आरोपियों मुरली, प्रभुलाल तथा विष्णु को मामले में दोषमुक्त किया गया. वहीं आरोपियों पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया. आरोपियों द्वारा दंड की राशि ना चुकाया जाने पर 1 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

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