जालोर. राज्य सरकार के निर्देशानुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को जिला अस्पताल में थैलेसीमिया, हिमोफिलिया एवं स्वैच्छिक रक्तदान संबंधित जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें गैर सरकारी संगठन, समुदाय आधारित संगठनों, स्वैच्छिक रक्तदाता संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
इस अवसर पर रक्तदान के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाली संस्थाओं रक्तकोष फाउंडेशन जिला शाखा जालोर, लाल बून्द जीवनदाता सेवा समिति, यूथ फ़ॉर नेशन भीनमाल, रक्त सेवादल संस्थान सायला, श्रीराम फाउंडेशन बाकरा, ब्लड डोनर ग्रुप जालोर और हिन्दू युवा संगठन को सर्वश्रेष्ठ रक्तदान सहयोगी संस्था-2021 सम्मान से नवाजा गया.
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प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा ने कहा कि हीमोफीलिया, थैलेसीमिया सहित गंभीर मरीजों को रक्त की हमेशा जरूरत रहती हैं. जिसमें युवा अपने स्वैच्छिक रक्तदान से यह मांग पूरी कर सकते हैं. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं पहलों के बारे में भी बताया. रक्तकोष फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामगोपाल विश्नोई ने रक्तदान में गैर सरकारी संगठनों, एनएनएस, स्काउट, युवाओं की भूमिका, दायित्व और कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला.
ब्लड सेल जोधपुर फील्ड ऑफिसर अर्जुन काग ने कहा कि थैलेसीमिया माइनर की शादी थैलेसीमिया माइनर से नहीं होनी चाहिए ताकि थैलेसीमिया मेजर की संभावना से बचा जा सकें. माइक्रो बाइलोजिस्ट डॉ. पूनम टांक ने थैलेसीमिया, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिरुद्ध सिंह शेखावत ने हीमोफीलिया, वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. हेमन्त जैन ने थैलेसीमिया और हीमोफीलिया के इलाज और डॉ. वेद प्रकाश मीणा ने रक्त ग्रुप और अवधान प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी.