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जालोरः महिला ने पूर्व सरपंच समेत 4 लोगों पर लगाया जमीन हड़पने का आरोप, जांच में जुटी पुलिस

जालोर के रानीवाड़ पुलिस थाने में रविवार को एक महिला ने पुश्तैनी जमीन को फर्जी दस्तावेज से हड़पने का मामला दर्ज कराया है. जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.

Raniwara News, Rajasthan News
रानीवाड़ा थाने में महिला ने दर्ज कराया पुश्तैनी जमीन हड़पने का मामला
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Published : Jun 28, 2020, 4:47 PM IST

रानीवाड़ा (जालोर). रानीवाड़ा तहसील के दहीपुर गांव में पुश्तैनी काश्त जमीन को कूटरचित दस्तावेज से हड़पने का मामला रानीवाड़ा पुलिस थाने में दर्ज हुआ है. मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.

मामले के अनुसार प्रार्थिया पवन देवी पुत्री स्वर्गीय रामाराम ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसके दादा उखा भील के नाम से दहीपुर में कृषि भूमि थी, जो खातेदारी में भी दर्ज थी. इस जमीन पर हमेशा भील जाति के व्यक्तिों का कब्जा चला आ रहा है. उसके दादा उखाराम की मौत के बाद 17 जनवरी 1985 को उत्तराधिकारी के रूप में उखाराम के पुत्र और पवन देवी के पिता रामाराम के नाम ये जमीन दर्ज कर दी गई थी.

वहीं, 1 जनवरी 1986 को प्रार्थिया के पिता रामाराम की भी मौत हो गई थी. जिसका फायदा उठाकर बिंदाराम पुत्र छीपरा, माला पुत्र मोटा और दलाराम ने दांतवाड़ा के तत्कालीन सरपंच के साथ मिलकर षड्यंत्र पूर्वक उसकी पुश्तैनी जमीन को कब्जाने के लिए कूटरचित दस्तावेज तैयार कर थे. जिनके आधार पर उन्होंने 9 सितंबर 1986 को स्टांप वेंडर से ठाकराराम के हस्ते स्टांप खरीद कर कृषि भूमि पुराने खसरा नंबर 325 रकबा का गलत विधि विरुद्ध तरीके से बेचान कर्ता रामाराम जीवित होने का बताकर फर्जीवाड़ा कर तैयार किया.

पढ़ेंः ग्रामीणों की कोरोना से जंग : हिरियाखेड़ी ग्राम पंचायत के लोगों ने खुद को कैसे रखा कोरोना से सुरक्षित, देखें ग्राउंड रिपोर्ट

वहीं, पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस का कहना है कि इस मामले को लेकर दूसरे पक्ष ने अभी अपना तर्क नहीं रखा है. उनसे पुछताछ कर जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाने के कोशिश की जाएगा.

रानीवाड़ा (जालोर). रानीवाड़ा तहसील के दहीपुर गांव में पुश्तैनी काश्त जमीन को कूटरचित दस्तावेज से हड़पने का मामला रानीवाड़ा पुलिस थाने में दर्ज हुआ है. मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.

मामले के अनुसार प्रार्थिया पवन देवी पुत्री स्वर्गीय रामाराम ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसके दादा उखा भील के नाम से दहीपुर में कृषि भूमि थी, जो खातेदारी में भी दर्ज थी. इस जमीन पर हमेशा भील जाति के व्यक्तिों का कब्जा चला आ रहा है. उसके दादा उखाराम की मौत के बाद 17 जनवरी 1985 को उत्तराधिकारी के रूप में उखाराम के पुत्र और पवन देवी के पिता रामाराम के नाम ये जमीन दर्ज कर दी गई थी.

वहीं, 1 जनवरी 1986 को प्रार्थिया के पिता रामाराम की भी मौत हो गई थी. जिसका फायदा उठाकर बिंदाराम पुत्र छीपरा, माला पुत्र मोटा और दलाराम ने दांतवाड़ा के तत्कालीन सरपंच के साथ मिलकर षड्यंत्र पूर्वक उसकी पुश्तैनी जमीन को कब्जाने के लिए कूटरचित दस्तावेज तैयार कर थे. जिनके आधार पर उन्होंने 9 सितंबर 1986 को स्टांप वेंडर से ठाकराराम के हस्ते स्टांप खरीद कर कृषि भूमि पुराने खसरा नंबर 325 रकबा का गलत विधि विरुद्ध तरीके से बेचान कर्ता रामाराम जीवित होने का बताकर फर्जीवाड़ा कर तैयार किया.

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वहीं, पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस का कहना है कि इस मामले को लेकर दूसरे पक्ष ने अभी अपना तर्क नहीं रखा है. उनसे पुछताछ कर जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाने के कोशिश की जाएगा.

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