जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं को लेकर जयपुर ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम के आयुक्त और डीसीपी ट्रैफिक को 10 फरवरी को पेश होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि सफाई, अतिक्रमण, यातायात और पार्किंग सहित आवारा पशुओं की समस्याओं के निस्तारण के लिए क्या कार्रवाई की गई है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस प्रमिल कुमार माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश शहर को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के संबंध में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान मामले से जुड़े अधिवक्ता विमल चौधरी व योगेश टेलर ने बताया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के पास मॉनिटरिंग के लिए आया था. हाईकोर्ट ने इन समस्याओं की मॉनिटरिंग के लिए एक कमेटी भी गठित की, लेकिन कमेटी कुछ काम नहीं कर रही और केवल कागजों में ही काम हो रहा है. शहर में जगह-जगह कचरा फैला हुआ है, हर रोड पर ट्रैफिक जाम है और सड़कों पर आवारा पशु घूम रहे हैं. ऐसे में अदालती आदेशों की पालना नहीं हो रही है और राज्य सरकार व नगर निगम इसके लिए जिम्मेदार है.
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वहीं राज्य सरकार की ओर से एएजी जीएस गिल ने कहा कि इन सभी समस्याओं को लेकर कार्रवाई हो रही है और इनका निस्तारण करने का प्रयास किया जा रहा है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने तीनों अधिकारियों को पेश होने के आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर नगर निगम बनाम लेखराज सोनी के मामले में 31 अक्टूबर, 2014 को राजस्थान हाईकोर्ट को जयपुर को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के मुद्दे पर पीआईएल दर्ज करने के लिए कहा था. इसके बाद से हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई की जा रही है.